जाने किस राशि के लिए कौन सा रत्न होता है शुभ

जाने किस राशि के लिए कौन सा रत्न होता है शुभ

रत्नों का हमारे जीवन पर प्रभाव होता हैं

डेस्क- आम तौर पर जो नगीने अंगूठी और लॉकेट में ज्योतिषीय सलाह के अनुसार पहने जाते हैं ,उसे रत्न कहते हैं । इसमें ध्यान देने वाली बात यह है कि नगीने का नीचे का हिस्सा शरीर से स्पर्श करता रहता है ।

ये नगीने कई रंगों के होते हैं ।वास्तव में ये रत्न नौ ग्रहों के किरणों के संवाहक होते हैं और किसी खास ग्रह की किरण को अवशोषित करते हैं ।

रत्नों को धारण करने के पीछे मात्र उनकी चमक प्रमुख कारण नहीं है बल्कि अपने लक्ष्य के अनुसार उनका लाभ प्राप्त करना अत्यंत महत्वपूर्ण है और यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि ये रत्न जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य करते किस प्रकार हैं।

हम अपने आस-पास व्यक्तियों को भिन्न-भिन्न रत्न पहने हुए देखते हैं। ये रत्न वास्तव में कार्य कैसे करते हैं और हमारी जन्मकुंडली में बैठे ग्रहों पर क्या प्रभाव डालते हैं और किस व्यक्ति को कौन से विशेष रत्न धारण करने चाहिये, ये सब बातें अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

रत्नों का प्रभाव-

  • रत्नों में एक प्रकार की दिव्य शक्ति होती है। वास्तव में रत्नों का जो हम पर प्रभाव पड़ता है वह ग्रहों के रंग व उनके प्रकाश की किरणों के कंपन के द्वारा पड़ता है।
  • हमारे प्राचीन ऋषियों ने अपने प्रयोगों, अनुभव व दिव्यदृष्टि से ग्रहों के रंग को जान लिया था और उसी के अनुरूप उन्होंने ग्रहों के रत्न निर्धारित किए।
  • ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार जब हम कोई रत्न धारण करते हैं तो वह रत्न अपने ग्रह द्वारा प्रस्फुटित प्रकाश किरणों को आकर्षित करके हमारे शरीर तक पहुंचा देता है और अनावश्यक व हानिकारक किरणों के कंपन को अपने भीतर सोख लेता है।
  • अत: रत्न ग्रह के द्वारा ब्रह्मांड में फैली उसकी विशेष किरणों की ऊर्जा को मनुष्य को प्राप्त कराने में एक विशेष फिल्टर का कार्य करते हैं।
  • जितने भी रत्न या उपरत्न है वे सब किसी न किसी प्रकार के पत्थर है।
  • चाहे वे पारदर्शी हो, या अपारदर्शी, सघन घनत्व के हो या विरल घनत्व के, रंगीन हो या सादेङ्घ।
  • और ये जितने भी पत्थर है वे सब किसी न किसी रासायनिक पदार्थों के किसी आनुपातिक संयोग से बने हैं।
  • विविध भारतीय एवं विदेशी तथा हिन्दू एवं गैर हिन्दू धर्म ग्रंथों में इनका वर्णन मिलता है।

आधुनिक विज्ञान ने अभी तक मात्र शुद्ध एवं एकल 128 तत्वों को पहचानने में सफलता प्राप्त की है। जिसका वर्णन मेंडलीफ की आधुनिक आवर्त सारणी में किया गया है। किन्तु ये एकल तत्व है अर्थात् इनमें किसी दूसरे तत्व या पदार्थ का मिश्रण नहीं प्राप्त होता है। किन्तु एक बात अवश्य है कि इनमें कुछ एक को समस्थानिक के नाम से जाना जाता है।

प्रभाव मानव शरीर पर छोड़ते हैं

प्राचीन संहिता ग्रंथों में जो उल्लेख मिलता है, उसमें एकल तत्व मात्र 108 ही बताए गए हैं। इनसे बनने वाले यौगिकों एवं पदार्थों की संख्या 39000 से भी ऊपर बताई गई हैं। इनमें कुछ एक आज तक या तो चिह्नित नहीं हो पाए है, या फिर अनुपलब्ध हैं। इनका विवरण, रत्नाकर प्रकाश, तत्वमेरू, रत्न वलय, रत्नगर्भा वसुंधरा, रत्नोदधि आदि उदित एवं अनुदित ग्रंथों में दिया गया है।


ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि आपका शरीर बहुत अधिक सेंसेटिव है। यह यादों का बहुत बड़ा संग्रह है। अगर आपने इम्यूनोलॉजी/ immunology को study किया है या नहीं भी किया तब भी आप यह साधारण सी बात जानते होंगे कि हमारे शरीर विभिन्न प्रकार के cells जो हमें इम्यूनिटी/immunity प्रोवाइड/provide करते हैं उनमें कुछ मेमोरी / memory cells भी होते हैं। मतलब यह कि अगर आप किसी बीमारी से इस समय ग्रस्त हुए और ठीक हो गए और आने वाले कई वर्षों में आपको यह स्वास्थ्य संबंधी परेशानी दोबारा नहीं हुई लेकिन यह memory cells तब भी आपके शरीर में बने रहें गए ताकि भविष्य में कभी आप अगर इस बीमारी से फिर से ग्रसित हुए तो यह एकदम अपना काम कर पाए।

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जन्म कुंडली के अनुसार रत्नों का निर्णय
लग्न भाव ग्रह रत्न

मेष — लग्नेश —– मंगल — मूंगा
पंचमेश —– सूर्य — माणिक्य

नवमेश — गुरु — पुखराज

वृष — लग्नेश — शुक्र — हीरा
पंचमेश — बुध — पन्ना

नवमेश — शनि — नीलम

मिथुन — लग्नेश — बुध — पन्ना
पंचमेश — शुक्र — हीरा

नवमेश — शनि — नीलम

कर्क — लग्नेश — चंद्र — मोती
पंचमेश —- मंगल — मूंगा

नवमेश — गुरु — पुखराज

सिंह — लग्नेश — सूर्य — माणिक्य
पंचमेश — गुरु — पुखराज

नवमेश — मंगल — मूंगा

कन्या — लग्नेश — बुध — पन्ना
पंचमेश — शनि — नीलम

नवमेश — शुक्र —- हीरा

तुला — लग्नेश — शुक्र — हीरा
पंचमेश — शनि — नीलम

नवमेश — बुध — पन्ना

वृश्चिक — लग्नेश — मंगल — मूंगा
पंचमेश — गुरु — पुखराज

नवमेश — चंद्र —- मोती

धनु — लग्नेश — गुरु — पुखराज
पंचमेश — मंगल — मूंगा

नवमेश — सूर्य — माणिक्य

मकर — लग्नेश — शनि — नीलम
पंचमेश — शुक्र — हीरा

नवमेश — बुध — पन्ना

कुम्भ — लग्नेश — शनि — नीलम
पंचमेश — बुध — पन्ना

नवमेश — शुक्र — हीरा

मीन — लग्नेश — गुरु — पुखराज
पंचमेश — चंद्र —- मोती

नवमेश — मंगल — मूंगा

7 ग्रहों को 2 गुटों में विभक्त किया गया है . पहला गुट सूर्य गुट है ,जिसमें सूर्य ,चंद्र ,मंगल और गुरु हैं . दूसरा शनि गुट है ,जिसमें बुध ,शुक्र और शनि हैं .इसी को लग्नों में देखें .

1 . सूर्य गुट के लग्न – मेष लग्न ,कर्क लग्न ,सिंह लग्न ,वृश्चिक लग्न ,धनु लग्न और मीन लग्न .कुल 6 लग्न .

2 . शनि गुट के लग्न – वृष लग्न ,मिथुन लग्न ,कन्या लग्न ,तुला लग्न ,मकर लग्न और कुम्भ लग्न . कुल 6 लग्न .

ध्यान रहे कि सूर्य गुट और शनि गुट आपस में शत्रुता रखते हैं . इसलिए दोनों गुट के रत्न एक साथ नहीं पहने जाते हैं .

चंद्र राशि के अनुसार रत्न का निर्णय
राशि ग्रह रत्न

1 . मेष —— मंगल —– मूंगा

2 . वृष — शुक्र —- हीरा

मिथुन —- बुध — पन्ना
4 . कर्क — चंद्र — मोती

5 . सिंह — सूर्य — माणिक्य

6 . कन्या — बुध — पन्ना

7 . तुला — शुक्र —- हीरा

8 . वृश्चिक — मंगल —- मूंगा

9 . धनु — गुरु —— पुखराज

10 . मकर — शनि —— नीलम

11 . कुम्भ — शनि —- नीलम

12 . मीन —- गुरु ——- पुखराज


नौ ग्रह रत्न


1 . माणिक्य (रूबी) - माणिक्य सूर्य का रत्न है .यह एक खनिज है . इसे तराश कर अंगूठी या लॉकेट में जड़ने योग्य बनाया जाता है .यह गुलाबी रंग का होता है .
भौतिक गुण :– कठोरता – 9, आपेक्षिक घनत्व – 4.03 ,वर्तनांक –1.716 , दुहरा वर्तन – 0.008 , द्विवर्णिता –तीव्र .

रासायनिक रचना –एलुमिनियम ऑक्साइड .

2 . मोती (पर्ल ) – मोती चंद्र का रत्न है . जल में रहने वाले सीप के अन्दर इसका निर्माण होता है .यह पत्थर या खनिज नही है . मटर के गोल दाने की तरह यह पाया जाता है .

भौतिक गुण – आपेक्षिक घनत्व – 2.65 से 2.89 तक . कठोरता – 3.8 –4 .

रासायनिक गुण – कैल्सियम कार्बोनेट .

3.मूंगा (कोरल ) – मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है .यह पत्थर नही है .समुद्र के अन्दर खास जंतुओं के द्वारा इसका निर्माण होता है .
रासायनिक गुण –यह भी मोती की तरह कैल्शियम कार्बोनेट है .

4.पन्ना (एमराल्ड ) – पन्ना बुध ग्रह का रत्न है .यह एक खनिज है .यह एक खनिज है .यह हरे रंग का होता है .
भौतिक गुण – कठोरता –7.75 . आपेक्षिक घनत्व –2.69 –2.8 , वर्तनांक –1.57 , अपकिरण – 0.014 .

5 . पुखराज (टोपाज ) – पुखराज गुरु ग्रह का रत्न है .यह पीले रंग का होता है .यह एक खनिज है .

भौतिक गुण –कठोरता – 8 , आपेक्षिक घनत्व – 6.53 ,वर्तनांक –1.61 ,दुहरा वर्तन – 0.008 ,और अपकिरण – 0.014होता है .

6 .हीरा (डायमंड ) – हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है . यह पारदर्शी होता है . यह खनिज रत्न है . भौतिक गुण – कठोरता – 10 , आपेक्षिक घनत्व 3.4 , वर्तनांक – 2.417 ,अपकिरण – 0.44 ,रासायनिक गुण – यह कार्बन का शुद्ध रूप है .

7 .नीलम (सेफायर ) –नीलम शनि ग्रह का रत्न है .यह एक खनिज रत्न है . यह बहुत जल्द असर करता है .

भौतिक गुण –कठोरता – 9, आपेक्षिक घनत्व – 4 .03 ,वर्तनांक – 1 .76 , दुहरा वर्तन – 0.008.

8 .गोमेद (जिर्कोनी ) –गोमेद राहु का रत्न है .यह एक खनिज रत्न है . यह गो मूत्र के रंग का होता है .

भौतिक गुण –कठोरता – 7.5 , आपेक्षिक घनत्व – 4.65. वर्तनांक— 1.93 –1.98. दुहरा वर्तन – 0.006 , अपकिरण – 0.048.

9 .लहसुनिया (कैट्स आई ) – लहसुनिया या वैदूर्य केतु का रत्न है .यह खनिज रत्न है .यह बिल्ली के आंख की तरह चमकता है .

भौतिक गुण –आपेक्षिक घनत्व – 3 .68 से 3 .78 तक .कठोरता –8.5. वर्तनांक –1.75 .दुहरा वर्तन – 0 .01 , अपकिरण – 0 .015 .

पण्डित दयानन्द शास्त्री

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