तेज बुखार को कम करने लिए अपनाये आयुर्वेदिक उपाय
बुखार को कम करने या दूर करने के कई अच्छे उपाय आयुर्वेद के पास हैं।
डेस्क -बुखार कभी भी और किसी को भी हो सकता है। ऐसे लोग जिनकी रोग से लड़ने की क्षमता ज्यादा होती है उनमें संक्रमण का खतरा कम रहा है। बुखार जाने में आमतौर पर तीन से चार दिन का समय लेता ही है।
बुखार आते ही कई लोग तुरंत डॉक्टर के पास चले जाते हैं। बुखार हमारे बॉडी की रक्षा के लिए आता है, क्योंकि Body का तापमान बढ़ने से बैक्टीरिया और वायरस की ग्रोथ कम हो जाती है।
लेकिन यह भी ध्यान रखें कि इस दौरान अगर शरीर का तापमान बहुत ज्यादा बढ़ जाए तो यह घातक हो सकता है। इसलिए इसे कंट्रोल करना भी ज़रूरी है। बुखार आने पर तापमान को 100°F से कम रखना आवश्यक है|
चूर्ण और काढ़ा बढ़ाता है रोगों से लड़ने की क्षमता
वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में सामान्य बुखार को कम करने या दूर करने के कई अच्छे उपाय आयुर्वेद के पास हैं। चूर्ण की मदद से भी इसे दूर किया जा सकता है।
जाने क्या है आयुर्वेद उपाय
- पिपली चूर्ण, कुटकी चूर्ण, कंटकारी चूर्ण, पुष्कर मूल चूर्ण और तुलसी के पत्तों के चूर्ण को दो-दो चम्मच लेकर मिक्स कर लीजिए।
- यह सभी चूर्ण आसानी से पंसारी या जड़ी-बूटी विक्रेता के यहां मिल जाएंगे। इस पाउडर को एक डिब्बी में रख लें।
- अब इसे सुबह, दोपहर और शाम को आधा-आधा चम्मच लेकर शहद मिलाकर खाएं।
- बुखार चले जाने तक इस डोज को दिन में 3 बार लेना है।
- यह पाउडर बनाकर छह महीने तक रखा जा सकता है।
- अगर ज्यादा पाउडर बनाना है तो यहां दी गई मात्रा बढ़ा दीजिए।
- अगर आपको यह नुस्खा कठिन लग रहा है तो एक आसान नुस्खा भी है।
- इसके लिए महासुदर्शन काढ़ा और दशमूल काढ़ा लाना है जो आसानी से हर आयुर्वेद की दुकान पर उपलब्ध है।
- इन दोनों को 10-10 मिली की समान मात्रा में मिलाकर सुबह-शाम लेना है।
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