शासनादेश के बाद भी स्कूलों की छात्राओं की बायोमेट्रिक से नहीं लग सकी हाजिरी

शासनादेश के बाद भी स्कूलों की छात्राओं की बायोमेट्रिक से नहीं लग सकी हाजिरी

तो बायोमैट्रिक मशीन से हाजिरी की जांच होने पर बड़े खेल का हो सकता है पर्दाफाश

मशीन से दर्ज हाजिरी की जांच होने पर कागजी आंकड़े का हो सकता है बड़ा खुलासा

बलरामपुर-शासन के निर्देश पर भले ही बेसिक शिक्षा महकमा ने जिले में चल रहे कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बायोमैट्रिक मशीन लगाकर अपनी पीठ थपथपा रहा हो लेकिन हकीकत कुछ और है अधिकांश स्कूलों के बायोमैट्रिक मशीन सही ढंग से काम करना बंद कर चुके हैं वहीं अभी किसी भी स्कूल में छात्राओं की उपस्थिति बायोमेट्रिक से संभव नहीं हो सकी है शिक्षक कार्मिकों की बायोमेट्रिक उपस्थिति की तह से जांच कराई जाए तो उपस्थिति में बड़ा गड़बड़ घोटाला होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।


जिले में 11 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित है इनमें एक बेसिक शिक्षा विभाग तीन महिला सामाख्या व 7 स्वयंसेवी संस्था से चल रहे हैं इन स्कूलों पर शिक्षक छात्र उपस्थिति में व्यापक पैमाने पर खेल होने की शिकायत पर शासन ने शिकंजा कसते हुए बायोमैट्रिक मशीन लगाने का निर्देश दिया था बेसिक शिक्षा महकमे आनन-फानन में स्कूलों में बायोमैट्रिक मशीन लगाकर कोरम पूरा कर दिया सूत्रों की मानें तो अभी भी कुछ स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन हाथी दांत बना हुआ है विभाग भले ही बायोमैट्रिक मशीन लगाकर शिक्षक शिक्षिकाओं व कर्मचारियों की हाजिरी मशीन से लेने का दावा कर रहा हो। लेकिन शिक्षकों कर्मचारियों की उपस्थिति बायोमेट्रिक प्रिंट से निकालने के बाद व्यापक पैमाने पर अनियमितता उजागर हो सकती है|


स्कूलों से आए दिन तमाम शिक्षक कर्मचारी गायब रहने की चर्चा है जानकारों की मानें तो विभाग जानकर अनजान बना हुआ है ।शासनादेश की मानें तो बायोमेट्रिक मशीन से हाजिरी लेने के लिए शिक्षक शिक्षिका कर्मचारी व छात्राओं का भी होना अनिवार्य था लेकिन आज तक किसी भी विद्यालय में छात्राओं की उपस्थिति मशीन से ना लेना जहां शासनादेश का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन है वही छात्राओं के उपस्थिति में लंबा हेरा फेरी कर उनके हिस्से की खाद्यान्न व अन्य दैनिक वस्तुओं के मद में निर्गत धन राशि का बंदरबांट करना है।

बायोमेट्रिक से छात्राओं की नहीं लग सकी हाजिरी

इसे बेसिक शिक्षा महकमा की लापरवाही कहें या संस्था संचालकों की मनमानी कि अभी तक शासन आदेश के बावजूद भी कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राओं की हाजरी बायोमेट्रिक मशीन से लगना सुनिश्चित नहीं हो सका है सूत्रों की मानें तो विभागीय मिलीभगत के कारण बेटियों की हाजिरी मशीन से ना लेना लंबे खेल की ओर इशारा कर रहा है शिक्षक कर्मचारियों की माने तो विभाग शिक्षकों पर शिकंजा कश्मीर का पूरा प्रयास कर रहा है लेकिन बेटियों की उपस्थिति मशीन से सुनिश्चित ना कराना व दैनिक वस्तुओं सहित खाद्यान्न भोजन नाश्ता मेनू के अनुसार ना मिलना जानबूझकर अनियमितता व लापरवाही को बढ़ाना है ।


लगते ही कुछ स्कूलों की मशीन हुई खराब

जिले में 11 कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय संचालित है इन स्कूलों में हाजिरी बायोमेट्रिक मशीन पर लगाने की व्यवस्था की गई है सूत्रों की मानें तो कुछ ब्लाकों के स्कूलों में बायोमेट्रिक मशीन लगते ही खराब हो गई है जिसकी सूचना मिलने के बाद भी अभी तक सही नहीं कराया जा सका इतना ही नहीं शिक्षक कार्मिकों के साथ बेटियों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाने का सरकार का फरमान है लेकिन अभी तक किसी भी स्कूल में शायद ही किसी छात्रा की हाजी बायोमैट्रिक मशीन से लग रही हो।


कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में बायोमेट्रिक मशीन पर शिक्षक कार्यों को सहित छात्राओं की हाजिरी लगाने का निर्देश है जिस स्कूल में बायोमैट्रिक मशीन पर शिक्षक कर्मचारी व बेटियों की हाजिरी नहीं लगेगी संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी साथ ही साथ मशीन पर दर्ज हो रही हाजिरी की जांच कराई जाएगी।

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