अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य ने मदरसे में लगाई झाडू

अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य ने मदरसे में लगाई झाडू

मदरसे में शिक्षा का निम्न स्तर देख जताया रोष, कहा मदरसा संचालक सरकार की योजनाओं को लगा पलीता

बलरामपुर। जिले में दो दिवसीय निरीक्षण पर पहुंचे अल्पसंख्यक के सदस्यों ने अनवारूल कुरान मदरसे का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मदरसे भारी अनिमितताएं पाई गई जिस पर जांच टीम ने कड़ी फटकार लगाई।

जांच टीम में आयोग के सदस्य सरदार परविन्दर सिंह के साथ इकबाल हैदर और रूमाना सिद्दकी मौजूद रही। मंगलवार को अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य दो दिवसीय दौरे पर जिले में पहुंचे। सदस्यो ने नगर स्थित मदरसा अनवारूल कुरान का निरीक्षण किया। मदरसे में चारो ओर गंदगी का अम्बार देखने को मिला। जो वहां शिक्षा अर्जन करने वाले छात्र छात्राओ को संक्रमित बिमारियों की चपेट में ला सकता है। मदरसे में शिक्षकों की संख्या को लेकर असमंजस्य बना रहा। बार बार बुलाने पर भी मदरसे के सभी शिक्षक व शिक्षिकांए एक साथ मौजूद नहीं हो सके। वहीं छात्रावास में भी काफी गंदगी देखने को मिली। छात्रावास जाने वाले रास्ते में गंदा पानी फैला मिला जिसे साफ करवाने का निर्देश सदस्यों ने प्रधानाध्यापक को दिया।

मदरसे परिसर में चारों ओर गंदगी देख कर आयोग के सदस्य हुए आक्रोशित

मदरसे परिसर में चारों ओर गंदगी का भरमार देख आयोग के सदस्य आक्रोशित हुए। सरदार परविंदर सिंह ने कहा कि जब यह मालूम था कि मदरसे का निरीक्षण है तब यह हाल है बाकि दिनों में मदरसे की क्या स्थिति रहती होगी। प्रांगण में जानवरों का मल पड़ा देख आयोग के सदस्य सरदार परविंदर सिंह ने खुद ही झाडू उठा लिया और प्रांगण की सफाई की। उन्होने कहा मदरसा भी एक शिक्षा का मंदिर है और मंदिर में गंदगी नही होनी चाहिए। छात्रावास सहित पूरे विद्यालय परिसर में पान मसालों की पीक से दीवाले रंगीन बनी देख परविंदर सिह ने प्रधानाध्यापक को निर्देशित किया कि पान मसाला खकर आने वाले शिक्षकों व छात्रों पर जुर्माना लगाए और मदरसे में पान मसाले का प्रयोग पूर्णतः वर्जित करें। आयोग के सदस्यों ने छात्र छात्राओं से मिलकर मदरसे में शिक्षा के स्तर की नब्ज टटोली। निरीक्षण के दौरान अधिकांश छात्र छात्राएं हिन्दी व अंग्रेजी की किताबे नहीं पढ़ सकी। जिस पर सदस्यों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा है और इसका ज्ञान होना अति आवश्यक है। उन्होने निर्देशित किया की उर्दू के साथ साथ हर छात्र छात्रा व अध्यापकों का नाम हिन्दी में लिखवाए। शिक्षको द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन न देख आयोग के सदस्यों ने रोष व्यक्त किया।

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रिपोर्ट वैभव त्रिपाठी/ भानु तिवारी

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