सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को 23 अक्टूबर को रातों रात क्यों हटाया
डेस्क-सीबीआई मामले सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई रंजन गोगोई ने पूछा कि दो वरिष्ठ सीबीआई अधिकारियों के बीच लड़ाई रातों रात नहीं उभरी, तो सरकार ने चयन समिति से परामर्श किए बिना सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को अपनी शक्तियों को विभाजित करने के लिए तत्काल कदम क्यों उठाए |
वही सीजेआई गोगोई सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछता है, 'सरकार ने सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा को अपनी शक्तियों को विभाजित करने के लिए 23 अक्टूबर को रातोंरात फैसला लेने के लिए क्या प्रेरित किया जब वर्मा कुछ महीनों में सेवानिवृत्त हो रहा था तो क्यों कुछ और महीनों तक इंतजार न करें और चयन समिति से परामर्श लें
सीजेआई गोगोई कहते हैं (सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को) 'सरकार को निष्पक्ष होना चाहिए, अपनी शक्ति के आलोक वर्मा को विभाजित करने से पहले चयन समिति से परामर्श में क्या कठिनाई थी? हर सरकारी कार्रवाई का सार सर्वोत्तम पाठ्यक्रम को अपनाना चाहिए |