पिछले 4 साढ़े चार साल में, मैं इसी स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा हूं :PM मोदी

पिछले 4 साढ़े चार साल में, मैं इसी स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा हूं :PM मोदी

डेस्क- प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने कहा प्रगति की बैठक में Multiple Window बनाकर, सारे अफसरों, सारे विभागों को एक साथ, आमने-सामने लाकर, हमारी सरकार ने इस प्रोजेक्ट के सामने आ रहे है |

सारे रोड़े दूर किए, और अब नवी मुंबई एयरपोर्ट पर तेजी से काम चल रहा है सोचिए, ये सिर्फ एक प्रोजेक्ट की कहानी है। ऐसे ही 12 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट्स को हम आगे बढ़ा चुके हैं। Surging India के पीछे, जो कार्यसंस्कृति में बदलाव आया है, ये उसका उदाहरण है |

करीब तीन साल पहले ‘प्रगति’ की बैठक में नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट का विषय आया था, तो मैं हैरान रह गया था। मुंबई में दूसरे एयरपोर्ट को लेकर नवंबर 1997 में पहली बार कमेटी बनी थी। तब से लेकर करीब-करीब 20 साल तक सिर्फ फाइलें ही इधर से उधर दौड़ती रहीं पिछली सरकारों में होता ACT दे दो लेकिन Action का कोई ठिकाना नहीं था।

प्रधानमंत्री ने कहा पिछली सरकार Food Security Act लेकर आई, बहुत हल्ला किया गया, बहुत तालियां बटोरी गईं, लेकिन हम जब 2014 में सत्ता में आए तब तक सिर्फ 11 राज्यों के लोगों को ही इसका लाभ मिलता था हमारे देश में क़र्ज़ को लेकर एक अजीब परंपरा थी कि कोई गरीब अगर एक लाख का कर्ज ले और लौटा न पाए तो उसका बचना मुश्किल हो जाता था लेकिन देश में ऐसी हज़ारों बड़ी-बड़ी कंपनियां थी जो बैंक से 500 हज़ार करोड़ का कर्ज लेती थी लेकिन अलग अलग वजह से ये कंपनियां घाटे में चली जाती थी और बैंक का कर्ज नहीं लौटा पाती थी तो इनको और इन कंपनी के मालिकों को कुछ नहीं होता था |

अब बढ़कर 1 करोड़ 20 लाख हो गई

भ्रष्टाचार को भारत में न्यू नॉर्मल मान लिया गया था। भारत में ये तो चलता ही है, इतना तो चलता ही है। अगर कोई सामने से आवाज़ उठाता था, नियम-कायदों की याद दिलाता था, तो सामने से तुरंत जवाब मिलता था कि, ये भारत है, यहां ऐसा ही चलता है पिछले 4 साढ़े चार साल में, मैं इसी स्थिति को बदलने का प्रयास कर रहा हूं, देश को पीछे ले जाने वाली बंदिशों को तोड़ने का काम कर रहा हूं ऐसा ही क्यों चलना चाहिए? स्थिति को वैसा ही क्यों रहना चाहिए? ऐसी स्थिति को बदलना क्यों नहीं चाहिए। कुछ लोग देश को भ्रमित करने में जुटे हुए हैं। लेकिन मुझे सत्य की शक्ति पर भरोसा है, और सत्यनिष्ठ देशवासियों पर भरोसा है हमारे देश में दशकों से जीएसटी की मांग थी।

आज हम संतोष के साथ कह सकते हैं कि जीएसटी लागू होने के बाद बाजार की विसंगतियां दूर हो रही हैं और सिस्टम की कार्यक्षमता बढ़ रही है। अर्थव्यवस्था में पारदर्शिता की तरफ हम बढ़ रहे हैं समाज के मेहनती औऱ उद्यमी लोग, जो बाजार से जुड़े हैं, उन्हें एक साफ-सुथरी, सरल, इंस्पेक्टर राज से मुक्त व्यवस्था मिल रही है|

विकसित देशों में भी छोटे-छोटे टैक्स रीफॉर्म लागू करना आसान नहीं होता है।जीएसटी लागू से पहले रजिस्टर्ड इंटरप्राइजेज की संख्या मात्र 66 लाख थी। जो अब बढ़कर 1 करोड़ 20 लाख हो गई है आज अनेक लक्ष्य ऐसे हैं जिनकी तरफ हम तेज़ी से आगे बढ़ रहे हैं। सबके पास अपना घर हो, हर घर में 24 घंटे रोशनी हो, साफ पानी और साफ ईंधन सबको सुलभ हो, इन लक्ष्यों के बहुत नज़दीक हम पहुंच रहे हैं बच्चों को पढ़ाई, युवा को कमाई, बुज़ुर्गों को दवाई, किसान को सिंचाई और जन-जन की सुनवाई, इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए एक-एक पल हमारा समर्पित है |एक नया विश्वास लिए New India विश्व पटल पर अपनी भूमिका तय कर रहा है

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