1990 राम मंदिर आंदोलन : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी

1990 राम मंदिर आंदोलन : सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी

डेस्क-सुप्रीम कोर्ट ने यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका खारिज कर दी, जिसमें राम मंदिर के लिए आंदोलन के दौरान 1990 में कार सेवकों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया था।

ये सब हुआ था
मुलायम सिंह यादव 1990 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. राम मंदिर आंदोलन उफान पर था. बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी सोमनाथ से अयोध्या तक की रथ यात्रा पर थे. मुलायम सिंह ने कहा था कि मस्जिद पर परिंदा भी पार नहीं मार सकेगा |

30 अक्टूबर, 1990 को कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ अयोध्या पहुंचने लगी थी. प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था, इसके चलते श्रद्धालुओं के प्रवेश नहीं दिया जा रहा था. पुलिस ने विवादित ढांचे के 1.5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखा था. कर्फ्यू को धता बताते हुए हजारों कारसेवक हनुमान गढ़ी पहुंच गए, जो ढांचे के करीब था |

साधु-संतों ने करीब रात 11 बजे सुरक्षा बल की उस बस को काबू करने में कामयाब हो गए, जिसमें पुलिस कारसेवकों को हिरासत में लेकर शहर से बाहर छोड़ने के लिए इंतजाम किया गया था. इन बसों को हनुमान गढ़ी मंदिर के पास खड़ा किया गया था |

इसी बीच एक साधु ने बस ड्राइवर को धक्का देकर निचे गिरा दिया. इसके बाद वो खुद ही बस की स्टेयरिंग पर बैठ गया, जिसके बाद बैरिकेड को तोड़ते हुए बस को लेकर विवादित परिसर की ओर बढ़ चला. इस दौरान बस की टक्कर से हनुमानगढी मंदिर से लेकर विवादित परिसर के बीच बैरिकेड टूट गए. इसके बाद तो बाकी कारसेवकों विवादित स्थल पर पहुंचने में कामयाब हो गए।

तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का साफ निर्देश दिया था कि मस्जिद को किसी तरह से नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए. पुलिस पहले ही लोगों को तितर बितर करने के लिए केवल आंसू गैस के गोलो छोड़ने को तैयारी कर रखी थी |

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