स्ट्रॉबेरी की फसल से सत्येंद्र वर्मा ने बदली अपनी तकदीर

स्ट्रॉबेरी की फसल से सत्येंद्र वर्मा ने बदली अपनी तकदीर

स्ट्रॉबेरी की फसल से हर साल कमा रहे बंपर मुनाफा, बाकी किसानों का भी संवार रहे कल


बाराबंकी -मेंथा और केले की खेती में महारत हासिल करने के बाद जिले के किसान अब स्ट्राबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। एक एकड़ में दो से तीन लाख की लागत लगाकर दोगुना फायदा देने वाली इस फसल जिले के किसानों की माली हालत बदल रही है। महाराष्ट्र से इस खेती के गुर सीखकर आए किसान सत्येंद्र वर्मा ने जब जिले में स्ट्राबेरी की फसल लगानी चाही तो लोगों ने इसे रिस्की फैसला बताया। लेकिन सत्येंद्र वर्मा ने घाटे की चिंता किया बगैर स्ट्राबेरी की खेती करनी शुरू की और यह उनके आत्मविश्वास का ही नतीजा है कि आज वह इस फसल से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं।


पिछले कुछ सालों में खेती को लेकर किसानों की सोच काफी बदल चुकी है। उनका रुझान गैरपरंपरागत खेती की तरफ तेजी से बढ़ा है। इसी का नतीजा है कि स्ट्राबेरी जैसी फसल जिसकी पैदावार ठंडे प्रदेशों में ही संभव थी, अब गर्म प्रदेशों में किसान इससे बंपर मुनाफा कमा रहे हैं। स्ट्राबेरी की खेती करने वाले बाराबंकी के सत्येंद्र वर्मा की अगर मानें तो एक एकड़ की फसल में किसान पांच से छह लाख रुपए तक की कमाई कर सकते हैं।

बाराबंकी के जैदपुर रोड स्थित बरौली गांव के रहने वाले किसान सत्येंद्र वर्मा ने जब इस खेती की शुरुआत की तो लोगों ने इसे काफी जोखिम भरा फैसला बताया। लेकिन जब वह इस खेती में कामयाब हो गए तो जिले के दूसरे किसान भी इससे आकर्षित होने लगे। इसी का नतीजा है कि अब दूसरे किसान भी सत्येंद्र वर्मा के खेतों पर आकर इस फसल के तौर तरीके सीख रहे हैं। जिससे किसान के घर की माली हालत ठीक होने के साथ ही उनका कल भी बदलता दिख रहा है।


स्ट्राबेरी की करिश्माई खेती करने वाले सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि साल 2013 में जब उन्होंने स्ट्राबेरी की खेती शुरू की, लोगों को इसके बारे में कुछ भी पता नहीं था। उन्होंने बताया कि उस साल उन्हें इस खेती से जबरदस्त मुनाफा हुआ और गांव वालों को भी पता चला कि स्ट्राबेरी की भी कोई खेती होती है। सत्येंद्र वर्मा ने बताया कि हर साल वह खेती का एरिया बढ़ाते गए और आज वह तीन एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती कर रहे हैं। उनके पास कई वैराइटी के करीब 70 हजार स्ट्राबेरी के प्लांट लगे हैं। यह सभी प्लांट वह हिमांचल प्रदेश या महाबलेश्वर से लेकर आते हैं। सत्येंद्र के मुताबिक एक पौधे में एक से डेढ़ किलो स्ट्राबेरी उत्पादित होती है। 200 रुपये प्रति किलो के हिसाब से स्ट्राबेरी बिकती है।



रिपोर्टर,सैफ मुख्तार

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