मणिपुर: PM मोदी ने कहा मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं

मणिपुर: PM मोदी ने कहा मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं

मणिपुर-प्रधानमंत्री नरेंद मोदी इस समय मणिपुर के इंफाल में एक जनसभा को संबोधित कर रहे हैं। और pm मोदी ने कहा है कि जिस मणिपुर को, जिस नॉर्थ ईस्ट को नेताजी ने भारत की आज़ादी का गेटवे बताया था, उसको अब New India की विकास गाथा का द्वार बनाने में हम जुटे हुए है |

जहां से देश को आज़ादी की रोशनी दिखी थी, वहीं से नए भारत की सशक्त तस्वीर आप सभी की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रही है मैं खुद बीते साढ़े चार साल में करीब 30 बार नॉर्थ ईस्ट आ चुका हूं। आपसे मिलता हूं, बातें करता हूं तो एक अलग ही सुख मिलता है, अनुभव मिलता है। मुझे अफसर से रिपोर्ट नहीं मांगनी पड़ती, सीधे आप लोगों से मिलती है। ये फर्क है पहले और आज |

प्रधानमंत्री ने कहा ऐसे निरंतर प्रयासों की वजह से अलगाव को हमने लगाव में बदल दिया है। आज इन्हीं कोशिशों की वजह से पूरा नॉर्थ ईस्ट परिवर्तन के एक बड़े दौर से गुजर रहा है तीस-चालीस साल से अटके हुए प्रोजेक्ट्स पूरे किए जा रहे हैं। आपके जीवन को आसान बनाने की कोशिश की जा रही है आज मणिपुर को 125 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बने इंटीग्रेटेड चेकपोस्ट का भी उपहार मिला है। ये सिर्फ एक चेक पोस्ट नहीं है दर्जनों सुविधाओँ का केंद्र भी है |

दोलाईथाबी बराज की फाइल 1987 में चली थी। निर्माण का काम 1992 में 19 करोड़ की लागत से शुरु हुआ था। 2004 में इसको स्पेशल इक्नॉमिक पैकेज का हिस्सा बनाया गया, लेकिन फिर लटक गया, 2014 में इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु हुआ और ये प्रोजेक्ट 500 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद अब बनकर तैयार है,जब मैं 2014 में पीएम बना, तो मैंने दशकों तक ठप पड़ी परियोजनाओं को पूरा करने का संकल्प लिया। हमने परियोजनाओं को रोकने के मुद्दों पर चर्चा करने के लिए प्रौद्योगिकी को नियोजित किया |

2016 में इस पर काम शुरु हुआ

PM मोदी ने कहा आज, हम 12 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं को पूरा करने की दिशा में काम कर रहे हैं मणिपुर की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण Sawombung के FCI गोडाउन का लोकार्पण आज किया गया। 2016 में इस पर काम शुरु हुआ और हमने इसका काम पूरा करके दिखाया है,समय पर पूरा होने से ज्यादा खर्च से बचे और अनाज स्टोर करने के लिए 10 हज़ार MT अतिरिक्त व्यवस्था का निर्माण भी हो गया, उखरुल और उसके आसपास के हज़ारों परिवारों की पानी की ज़रूरतों को देखते हुए Buffer Water Reservoir पर काम 2015 में शुरु हुआ। ये तैयार भी हो गया है और आज इसका लोकार्पण किया गया। ये प्रोजेक्ट 2035 तक की ज़रूरतों को पूरा करने वाला है |

नरेंद मोदी ने कहा चुराचांदपुर, जोन-थ्री प्रोजेक्ट पर भी 2014 में काम शुरु हुआ और 4 वर्ष बाद आज लोकार्पण भी हो गया है। इससे 2031 तक यहां की आबादी की पानी की ज़रूरतें पूरी होंगी,Go To Hills और Go To Village के तहत यहां की राज्य सरकार दूर दराज़ के इलाकों तक पहुंच रही है| जनभागीदारी को सरकारी योजनाओं का हिस्सा बनाने के ये प्रयास सराहनीय हैं। नरेंद मोदी ने कहा यही कारण है कि आज मणिपुर बंद और ब्लॉकेड के दौर से बाहर निकलकर आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने में जुटा है आज ही 400 केवी की सिल्चर इम्फाल लाइऩ को भी राष्ट्र को समर्पित किया है। 700 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से बनी ये लाइन पावर कट की समस्या को दूर करेगी ,आज शिक्षा, स्किल और स्पोर्ट्स से जुड़े प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास किया गया है। धनमंजूरी विश्वविद्यालय में इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट हों, राजकीय इंजीनियरिंग कालेज से जुड़े प्रोजेक्ट हों, ये सभी युवा साथियों को सुविधा देने वाले हैं हमारी दृष्टि 'सबका साथ, सबका विकास ’है। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई भी क्षेत्र या व्यक्ति विकास से अछूता न रहे है विकास से युक्त, भ्रष्टाचार मुक्त नए भारत के संकल्प के लिए आपका आशीर्वाद मिलता रहे, मिलता रहा है और मिलता रहेगा

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