दो के जीवन में उजाला भर गई नेत्रदानी सुभद्रा देवी

दो के जीवन में उजाला भर गई नेत्रदानी सुभद्रा देवी

सक्षम संस्था ने करवाया 175वां नेत्रदान


सीतापुर- शहर के सुक्खूमल रोड़ निवासी सुभद्रा देवी पत्नी सेठ सुन्दर लाल उम्र 80 वर्ष भले ही दुनिया छोड़कर चली गई, परन्तु जाते-जाते नेत्रदान कर दूसरे के जीवन में उजाला भर गई। सक्षम संस्था के मीडिया प्रभारी विकास अग्रवाल ने बताया कि शनिवार की सुबह सुभद्रा देवी के निधन के पश्चात उनके पुत्र वीरेन्द्र डोडेजा, बुद्ध प्रकाश, लेखराज, मेथली शरण, खेमचन्द्र व देवेन्द्र ने सक्षम संस्था से सम्पर्क कर नेत्रदान करवाने हेतु कहा।

संस्था के अध्यक्ष संदीप भरतियां, महामंत्री मुकेश अग्रवाल, सुभाष अग्निहोत्री व अक्षत अग्रवाल ने आंख अस्पताल सीतापुर जाकर डाक्टरों की टीम का गठन करवाया। डाक्टरों की कुशल टीम ने सेठ सुक्खू मल रोड़ जाकर नेत्रदानी की देनो कार्निया एक छोटे से आपरेशन द्वारा निकालकर आई बैंक में सुरक्षित रख दी। जो दो जरूरतमंद नेत्रहीनों को लगा दी जाएगी। अध्यक्ष संदीप भरतिया ने कहा कि परिवार ने अपने गम को परे करते हुए समाज हित में नेत्रदान करवाया, जो अतुल्यनीय है। महामंत्री मुकेश अग्रवाल ने कहा कि सुभद्रा देवी सदैव के लिए अमर हो गयी है। उन्होंने जाते-जाते दो नेत्रहीनें को इस संसार को देखने का अवसर प्रदान किया है। दो नेत्रहीन जो इस दुनिया को नही देख पा रहे थे, अब रंगबिरंगी दुनिया को देखने का अवसर प्राप्त करेंगे। अब वो जीवन के जीने के लिए सक्षम होंगे व बिना किसी की मद्द के जीवन यापन करेंगे। अक्षत अग्रवाल ने कहा कि नेत्रहीन को नेत्र प्राप्त होने के बाद उसका जीवन ही बदल जाता है। यह समाज को समझने की बात है कि जीते जी हमने कुछ दिया नहीं, मृत्यु के पश्चात शरीर जलकर राख हो जाता है, दफन हो जाता है, तौ क्यो न जाते-जाते ऐसा कुछ काम करते जाए, जिससे समाज सदैव उनके द्वारा किये गये कार्य को याद रखे। नेत्रदान से बढ़कर कोई कार्य नहीं है। संस्थ द्वारा यह 175वां नेत्रदान करवाया गया।

रिपोर्ट सुमित बाजपेयी

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