पत्रकार, कथाकार और कलाकार पर देश की बड़ी जिम्मेदारी : रमेश भाई शुक्ल

पत्रकार, कथाकार और कलाकार पर देश की बड़ी जिम्मेदारी : रमेश भाई शुक्ल


गोण्डा 12 जनवरी। इस देश के पत्रकार, कथाकार और कलाकार अपने कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से कर दें, तो देश का कल्याण हो सकता है। सम्पूर्ण भारत में एक बार फिर सत्यम, शिवम और सुंदरम की स्थापना की जा सकती है। यह बात अंतरराष्ट्रीय कथावाचक रमेश भाई शुक्ल ने यहां चल रही 11 दिवसीय राम कथा में कही।


उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में इन तीनों की बहुत बड़ी भूमिका है। पत्रकार यदि पूरी ईमानदारी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने लगें तो समाज में सत्य की स्थापना हो सकती है अर्थात सही बातें सबके सामने लाई जा सकती हैं। इससे गलत कार्य करने वाले भयभीत होंगे। उनके कंधों पर लोकतंत्र के तीन स्तम्भों को उनके कर्तव्य पथ से विचलित न होने देने की जिम्मेदारी है किंतु कदाचित वर्तमान में यह कार्य पूरी जिम्मेदारी के साथ नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिव कल्याण का प्रतीक है। यदि हम कथाकार अपनी जिम्मेदारियों का सम्यक निर्वहन करते हुए समाज को जोड़ने वाली कथा कहें और लोगों को सद्कार्यों व पुरुषार्थ के लिए प्रेरित करें तो समाज का कल्याण अवश्य होगा। किंतु शुक्ल ने इस बात पर दुख व्यक्त किया कि साधुवेश में छिपे हुए रावणों के कारणों सच्चे कथाकार भी सन्दिग्ध नजरों से देखे जाते हैं। कई कथाकारों को तो बुढ़ौती में श्री कृष्ण जन्म स्थान देखना पड़ा। शुक्ल ने कहा कि समाज को स्वस्थ मनोरंजन कराने की जिम्मेदारी कलाकारों की है किंतु आज कला के नाम पर जिस प्रकार से नग्नता, अश्लीलता परोसी जा रही है, वह समाज को गर्त में लेकर जा रहा है। युवा पीढ़ी पथ भ्रष्ट हो रही है। संस्कार खत्म हो रहे हैं। यह समाज के लिए घातक है।

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