यहां की मिट्टी में है कोई बात इसलिए कहलाती है वीरों की धरती

यहां की मिट्टी में है कोई बात इसलिए कहलाती है वीरों की धरती

स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों एंव शहीदों के गांव में विकास का टोटा,स्मारक उपेक्षित

गोण्डा जिले में एक ऐसा गांव है जहां ढाई दर्जन स्वतंत्रता संग्राम सनसनी द्वितीय विश्व युद्ध मे भाग लिए जिसमे 6 शहीद हुए थे इसके बाद देश के आजादी में भी कुछ लोग शाहीद हुए थे इन लोगो के नाम गांव के बाहर स्मारक पार्क तो बना दिया गया लेकिन आज वो उपेक्षित है शहीदों के परिजन मुफलिसी की जिंदगी जी रहे है।

क्या है वीरता की गाथा

जिले के कर्नेलगंज के विकास खंड हलधर मऊ का हाडियगाड़ा गांव है जहां द्वितीय विश्व युद्ध मे 29 फौजियों ने वर्ष 1914 से लेकर 1919 तक देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी , जिसमे 6 लोग शहीद हुए थे इसके बाद देश की आजादी के लिये 1942 में लड़ाई लड़ते शहीद हुए थे इनके लोगो के नाम से एक स्मारक स्थल बना कर शिलापट भी लगवा दिया गया झण्डा स्थल भी बनवा दिया गया लेकिन यह उपवन उपेक्षित है और नही यहां झंडा फहराया जाता है।


क्या हुआ गांव में विकास

हड़िया गाड़ा गांव में शिक्षा के लिये 5 प्राथमिक एक जूनियर दो इंटर कॉलेज विश्व बैंक,आंगनबाड़ी केंद्र आदि के भवन तो है लेकिन सड़के जर्जर हो गयी है शहीदों के परिजन मुफलिसी की जिंदगी जी रहे है।जबकि गांव में शोहदेदारो की कमी नही है पुलिस फोर्स सेना और सरकारी नौकरियों में सेवारत है।शहीद के भाई राम तीरथ सिंह,पोते रामचन्द्र सिंह विकास से संतुष्ट नही है। अध्यापक रामानुज ने बताया कि शिक्षा और सरकारी नौकरी में गांव आगे है।

क्या कहा जिलाधिकारी ने


इस सम्बंध में जिलाधिकारी प्रभांशु कुमार ने बताया कि पहले जो नियम रहा होगा वैसी सुविधा दी गयी होगी, स्मारक के देख रेख की जिम्मेदारी गांव सभा को होती है जॉच कराई जाएगी , परिवार को आहेतुक सहयोग सुविधा के लिये जन कल्याणकारी योजना का लाभ दिलाया जाएगा।

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