Public servant नही राजा मानकर आदेश पारित करते हैं गोण्डा के बीएसए मनीराम सिंह

Public servant नही राजा मानकर आदेश पारित करते हैं गोण्डा के बीएसए मनीराम सिंह

Public servant नही राजा मानकर आदेश पारित करते हैं गोण्डा के बीएसए मनीराम सिंह

अपने ही तुगलकी फरमान से फजीहत करा ली गोण्डा बीएसए ने
गोण्डा -लोकसेवक जब अपने आपको public servent न मानकर शासक मानने लगे तो वह कुछ ऐसे काम कर देता है जिससे उसकी खुद ही जगहंसाई हो जाती है और जनता में वह हंसी का पात्र बन जाता है ।
यही हाल गोण्डा के बीएसए मनीराम सिंह का है जिन्होंने अपनी अधिकारिता क्षेत्र से बाहर जाकर न जाने किस धुन में खंड शिक्षा अधिकारियों के ताबड़तोड़ जिले में ही mid session में ट्रांसफर कर दिए जिसका उन्हें कतई अधिकार नही है ।
Mid session में ट्रांसफर से पहले उन्हें उच्चाधिकारियों की अनुमति लेनी चाहिए थी जो उन्होंने नही ली थी ।
इस तुगलकी फरमान का नतीजा यह हुआ कि अधिकारी के इस गैर आधिकारिक तरीके से किये गए आदेश को सभी खंड शिक्षा अधिकारियों ने मानने से इनकार कर दिया ।

कहे को तो यह शिक्षा विभाग के अधिकारी है इनका काम नौनिहालों को शिक्षित करने वालों की देखभाल के जिम्मा है।
शिक्षक अपने आप मे ही काफी जिम्मेदारी और जानकारी से भरा पद होता है और उनका हाकिम और भी समझदार माना जाता है ।
माना जाता है कि बीएसए गोण्डा अपने काम से ज्यादा सोशल मीडिया में सुर्खियां बटोरने में लगे रहते हैं साहब इतने बिजी रहते हैं कि सरकार द्वारा उनको दिए गए सीयूजी नम्बर को भी रिसीव करना उन्हें गंवारा नही है ।

अपने इसी तरह से बेअन्दाज रवैये के कारण पूर्व में बीएसए रहे राघवेंद्र बाजपेयी सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से सेवा से बर्खास्त किये जा चुके हैं ।
इस बारे में जब गोण्डा के बीएसए मनीराम सिंह से बात करने का प्रयास किया गया तो हमेशा की तरह उनका फोन नही उठा ।

Share this story