Mutual Fund में नाबालिग के नाम पर कैसे करे निवेश कर छूट
नाबालिग के Mutual Fund खाते में यह निवेश अभिभावक के बैंक खाते या नाबालिग के नाम पर खोले गए खाते से हो सकता है।
डेस्क-अगर आपने अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर एफडी, पीपीएफ या Mutual Fund में निवेश किया है तो उस पर भी टैक्स छूट का लाभ लिया जा सकता है। इस निवेश को आप की आय के साथ ही जोड़ा जाता है, लिहाजा इस टैक्स की बचत या देनदारी दोनों आपका दायित्व बनता है।
नाबालिग के लिए ये निवेश उनके माता-पिता या कोर्ट द्वारा नियुक्त अभिभावक की ओर से किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड की बात करें तो ऐसे खाते ऑन बिहाफ ऑफ अकाउंट के नाम से खोले जाते हैं, जिसमें अभिभावक नाबालिग की ओर से फोलियो का संचालन करता है।
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निवेश के रिटर्न पर भी छूट
नाबालिग के नाम एफडी या म्यूचुअल फंड में निवेश से पर सालाना 1500 रुपये का रिटर्न भी टैक्स के दायरे में नहीं आता है। यह छूट आयकर की धारा 10(32) के तहत दो अवयस्क बच्चों के लिए पाई जा सकती है।
इन दस्तावेजों की जरूरत पड़ी
- अगर अभिभावक ने बच्चों के नाम पर कहीं भी कोई निवेश किया है तो वह उसकी सालाना आय में ही जोड़ी जाती है।
- ध्यान रखें कि एफडी, म्यूचुअल फंड या पीपीएफ आदि में धारा80सी के तहत डेढ़ लाख तक के निवेश पर कर छूट का दावा किया जा सकता है।
- अगर अभिभावक अपनी आय पर एक लाख रुपये तक की टैक्स छूट का दावा करता है, तो नाबालिग बच्चों के नाम पर किए गए निवेश में 50 हजार रुपये तक की कर छूट पर ही वह दावा कर सकता है।
- एफडी या म्यूचुअल फंड खाते के लिए नाबालिग और उसके अभिभाव के रिश्ते को साबित करने वाले दस्तावेज की जरूरत होती है।
- इसमें नाबालिग का जन्म प्रमाणपत्र, स्कूली शिक्षा प्रमाणपत्र या पासपोर्ट का इस्तेमाल हो सकता है।
- अगर निवेश कोर्ट द्वारा नियुक्त अभिभावक की ओर से किया गया है तो इससे जुड़ा दस्तावेज भी आवश्यक होता है। अभिभावक को भी नाबालिग की ओर से केवाईसी प्रक्रिया पूरी करनी होती है।
नाबालिग का कैसे करें
- नाबालिग के म्यूचुअल फंड खाते में यह निवेश अभिभावक के बैंक खाते या नाबालिग के नाम पर खोले गए (अभिभावक द्वारा संचालित) खाते से हो सकता है।
- अगर भुगतान किसी अन्य के खाते से किया गया है तो यह राशि तीसरे पक्ष की ओर से किया गया भुगतान माना जाएगा।
- तीसरे पक्ष के जरिये सिर्फ 50 हजार रुपये का भुगतान किया जा सकता है
- अवयस्क के म्यूचुअल फंड फोलियो में निवेशक अभिभावक का नाम बदला जा सकता है।
- लेकिन इसके लिए मौजूदा अभिभावक की सहमति की जरूरत होगी या उसकी मृत्यु हो गई हो।
- नाबालिग के निवेश के लिए नियुक्त अभिभावक के संबंध में अदालती आदेश का पालन करना हो।
- हालांकि नए अभिभावक के लिए पैन कार्ड, बैंक मैनेजर की द्वारा प्रमाणित हस्ताक्षर, बैंक खाते और केवाईसी प्रक्रिया फिर से करनी पड़ती है।
- नाबालिग निवेशक जब 18 साल का हो जाता है तो उसे फोलियो के संचालन का अधिकार मिल जाता है।
- उसके 18 साल का होने के बाद खाते के स्टेटस में बदलाव के लिए म्यूचुअल फंड के एक निश्चित प्रारूप में आवेदन करना होता है।
- तब वयस्क हो चुके निवेशक का पैन नंबर, कांटैक्ट डिटेल और बैंक खाते की पूरी जानकारी जरूरी हो जाती है।
- तब निवेशक के नाम का एक कैंसल चेक की जरूरत पड़ती है। बैंक मैनेजर द्वारा प्रमाणित निवेशक का हस्ताक्षर भी अनिवार्य है।
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