मेरे लिए भी देश के सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार है : PM मोदी
दिल्ली-प्रधानमंत्री नरेंद मोदी नई दिल्ली में विद्यार्थियों, शिक्षकों व अभिभावकों के साथ परीक्षा पे चर्चा कर रहे हैं। और कहा है लक्ष्य ऐसा होना चाहिए जो पहुंच में तो हो, पर पकड़ में न हो।
जब हमारा लक्ष्य पकड़ में आएगा तो उसी से हमें नए लक्ष्य की प्रेरणा मिलेगी,जब मन में अपनेपन का भाव पैदा हो जाता है तो फिर शरीर में ऊर्जा अपने आप आती है और थकान कभी घर का दरवाजा नहीं देखती है।
मेरे लिए भी देश के सवा सौ करोड़ देशवासी मेरा परिवार है,जो सफल लोग होते हैं, उन पर समय का दबाव नहीं होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उन्होंने अपने समय की कीमत समझी होती हैकसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ डील करते हैं
उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है कसौटी बुरी नहीं होती, हम उसके साथ किस प्रकार के साथ डील करते हैं उस पर निर्भर करता है। मेरा तो सिद्धांत है कि कसौटी कसती है, कसौटी कोसने के लिए नहीं होती है
बिहार और उत्तर प्रदेश में Sapna Choudhary ने किया धमाल
प्रधानमंत्री नरेंद मोदी ने इसे पहले कहा था मेरे लिए ये कार्यक्रम किसी को उपदेश देने के लिए नहीं है। मैं यहाँ आपके बीच खुद को अपने जैसा, आपके जैसा और आपके स्थिति जैसा जीना चाहता हूँ, जैसा आप जीते है
अगर हम अपने आपको कसौटी के तराजू पर झौकेंगे नहीं तो जिंदगी में ठहराव आ जायेगा।
ज़िन्दगी का मतलब ही होता है गति,
ज़िन्दगी का मतलब ही होता है सपने
निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती है एक कविता में लिखा है कि, “कुछ खिलौनों के टूटने से बचपन नहीं मरा करता है।'' इसमें सबके लिए बहुत बड़ा संदेश छुपा है निराशा में डूबा समाज, परिवार या व्यक्ति किसी का भला नहीं कर सकता है, आशा और अपेक्षा उर्ध्व गति के लिए अनिवार्य होती हैटेक्नोलॉजी का उपयोग हमारे विस्तार के लिए, हमारे सामर्थ्य में बढ़ोतरी के लिए होना चाहिए |
Live: PM @narendramodi's interaction with students, parents and teachers has begun. #ParikshaPeCharcha2 https://t.co/hr67fx9Vay
— BJP (@BJP4India) January 29, 2019