पूरे उत्तर भारत में 10 दिन रहेगी शीत लहर, कभी भी हो सकती है बारिश

पूरे उत्तर भारत में 10 दिन रहेगी शीत लहर, कभी भी हो सकती है बारिश

बृहस्पतिवार और शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 और अधिकतम तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया जा सकता है।


डेस्क-दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में ठिठुरन से राहत नहीं मिल रही है। शीत लहर का प्रकोप भी बना हुआ है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो शीतलहर से राहत के आसार भी नजर नहीं आ रहे।


दिल्ली का मौसम बार-बार बदल रहा है, लेकिन ठिठुरन भरी ठंड से राहत नहीं मिल रही है। शीत लहर भी चल रही है। इससे दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के तकरीबन सभी राज्यों में ठिठुरन भरी ठंड का दौर जारी है। India Meteorological Department (IMD) मौसम विभाग के मुताबिक, बृहस्पतिवार को दिन भर बादल छाए रहेंगे और गरज के साथ बारिश होने की भी संभावना है।

पश्चिमी राजस्थान में चक्रवाती हवा का क्षेत्र बना है, जिसके कारण दिल्ली सहित उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हवा का रुख बदल रहा है। इससे अधिकतम और न्यूनतम तापमान में इजाफा होगा। बृहस्पतिवार और शुक्रवार को दिल्ली में न्यूनतम तापमान 9 और अधिकतम तापमान 22 से 23 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया जा सकता है।

इससे पहले बुधवार को तो बादलों की वजह से दिन में भी ठंड महसूस हुई। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी शीतलहर से राहत के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। मौसम विभाग के अनुसार बुधवार को औसत अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस कम (20.9) और औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस कम (5.2) दर्ज किया गया।
उत्तर के पहाड़ों से जैसे ही पश्चिमी विक्षोभ पूर्व की तरफ बढ़ेगा फिर से ठंडक भरी हवा दिल्ली पहुंचने लगेगी। इससे तापमान सात से आठ डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। चार से सात फरवरी के बीच फिर से तापमान बढ़ेगा। पांच फरवरी को राजधानी में कुछ स्थानों पर बारिश हो सकती है। इस पश्चिमी विक्षोभ के साथ सात फरवरी से बर्फीली हवा फिर से दिल्ली को ठिठुराएगी। इस वजह से नहीं छाया कोहरा मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि सर्दी के परवान चढ़ने के लिए मजबूत पश्चिमी विक्षोभ बनना जरूरी है।

पश्चिमी विक्षोभ तो इस बार भी खूब बने हैं, इसीलिए पहाड़ों पर खूब बर्फबारी भी हुई है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों तक आते-आते इनका असर कमजोर पड़ जाता है। इस कारण न बहुत अधिक बारिश हो पा रही है और न ही कोहरा छा रहा है। अरब की हवा नमी लेकर आती है, जबकि इस बार इसकी भी कमी खल रही है। हवा में नमी 50-55 फीसद से अधिक नहीं है।

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