Budget 2019 Modi Government - Finance Minister Pyuesh Goyel ने किया बजट में बड़ा ऐलान अब 5 लाख तक कोई Tax नहीं लगेगा

Budget 2019 Modi Government - Finance Minister Pyuesh Goyel ने किया बजट में बड़ा ऐलान अब 5 लाख तक कोई Tax नहीं लगेगा

Finance Minister Pyuesh Goyel शुक्रवार को मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं. इस बजट में सरकार ने इनकम टैक्स में कोई छूट नहीं दिया है. हालांकि पीयूष गोयल ने प्रस्ताव दिया कि नई सरकार बनने के बाद पूर्ण बजट में 5 लाख तक की आय पर इनकम टैक्स में छूट का ऐलान किया जाएगा. गोयल ने कहा कि साढ़े चार सालों में बीजेपी ने भ्रष्टाचार मुक्त सरकार चलाई है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ दी.

गोयल ने कहा, 'भारत दुनिया की तेजी से बढ़ती इकोनॉमी है. सरकार ने कई बड़े आर्थिक सुधार किए न्यू इंडिया के लिए कई योजनाएं शुरू की. हमारा लक्ष्य 2022 तक न्यू इंडिया बनाने कहा है. PM मोदी के नेतृत्व में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार भारत ग्रोथ के पथ पर अग्रसर है.'

बजट को लेकर इससे पहले उस समय भ्रम की स्थिति बन गई थी जब वाणिज्य मंत्रालय ने मीडिया को भेजे एक व्हॉट्सएप संदेश में, "2019-20 के बजट को अंतरिम बजट न बताकर इसे 2019-20 के आम बजट के तौर पर बताया.’’ हालांकि, गोयल ने अपने भाषण में अंतरिम बजट शब्द का इस्तेमाल किया.

कृषि कर्जमाफी के मसले पर मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस से मात खाने वाली बीजेपी सरकार ने 6000 रुपये सालाना सीधे बैंक खाते में डालने का दांव चल दिया है. सियासी जानकारों का कहना है कि यह कांग्रेस और उसकी कर्जमाफी स्कीम की काट है. यह तेलंगाना और ओडिशा जैसा मॉडल है, जहां किसानों को सीधे कैश में सहायता की जा रही है. हमने पहले ही लिखा था कि सरकार ओडिशा या तेलंगाना मॉडल की तर्ज पर किसानों की सहायता का बड़ा ऐलान कर सकती है जो कर्जमाफी से अलग होगी. सरकार ने ऐसा ही किया. पीयूष गोयल के मुताबिक, प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत छोटे किसान जिनके पास दो हेक्टेयर जमीन है, उनके बैंक खाते में सीधे 6000 रुपया सालाना देने का निर्णय लिया गया है.

कुछ महीनों में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सरकार का ये ऐलान अहम है. 2019 के लोकसभा चुनाव में किसान काफी अहम भूमिका निभाएंगे. देश में 9.2 करोड़ किसान परिवार हैं. इसका मतलब करीब 45 करोड़ लोग. वे लोग जो गांवों में रहते हैं और सबसे ज्यादा वोट करते हैं. ऐसे में यह दांव पार्टी की सेहत के लिए अच्छा साबित हो सकता है. हाल ही के चुनावों में देखा गया है कि बीजेपी की पकड़ गांवों में कमजोर हुई है. इससे अंदाजा लगाया गया कि किसानों की नाराजगी पार्टी को भारी पड़ रही है.

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