SC ने मायावती को दिया बड़ा झटका ,लौटानी होगी खुद की मूर्तियों पर खर्च किया हुआ रकम
जिस पर आज सुनवाई करते हुए SC अदालत ने कहा कि मायावती को मूर्तियों पर खर्च सभी पैसे को सरकारी खजाने में वापस करने होंगे।
डेस्क-SC ने शुक्रवार को BSP की मुखिया मायावती को तगड़ा झटका दिया। अदालत ने कहा कि यह अस्थायी आदेश है कि मायावती को लखनऊ और नोएडा में अपनी और पार्टी के चुनाव चिह्न हाथी की मूर्तियां बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में लौटाना होगा।
यह आदेश अदालत ने एक वकील की उस याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया जिसमें कहा गया था कि जनता के पैसों का इस्तेमाल अपनी मूर्तियां या राजनीतिक पार्टी के प्रचार के लिए नहीं किया जा सकता है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, 'हमारा अस्थायी तौर पर यह मानना है कि मायावती को अपनी मूर्तियां और पार्टी के चिह्न पर खर्च किए गए जनता के पैसों को सरकारी खजाने में वापस करना होगा।'-
Supreme Court says prima facie BSP leader Mayawati has to pay back all the public money spent on statues while hearing a plea seeking direction to restrain her from spending public money on building statues. CJI Ranjan Gogoi says it would hear the plea on April 2. (file pic) pic.twitter.com/I6vWjTujfR
— ANI UP (@ANINewsUP) February 8, 2019
इस पीठ में भी शामिल थे। इस मामले की अंतिम सुनवाई 2 अप्रैल रखी गई है। बेंच ने इस बात को साफ कर दिया है कि उसने प्रथम दृष्ट्या अपना मत रखा है क्योंकि इस ममाले की सुनवाई में अभी वक्त लगेगा। पीठ ने कहा, 'हम इस मामले पर अंतिम निर्णय 2 अप्रैल को लेंगे।'
- SC में साल 2009 में रविकांत और अन्य लोगों ने याचिका दायर की थी।
- जिसपर आज सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि मायावती को मूर्तियों पर खर्च सभी पैसे को सरकारी खजाने में वापस करने होंगे।
- सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने मायावती के वकील से कहा कि अपने मुवक्किल से कह दीजिए कि वह मूर्तियों पर खर्च हुए पैसों को सरकारी खजाने में जमा करवा दें।
- लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने लखनऊ, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में स्थित पार्क और मूर्तियों पर कुल
- 5,919 करोड़ रुपये खर्च किए थे।
- नोएडा स्थित दलित प्रेरणा स्थल पर हाथी की पत्थर की 30 मूर्तियां जबकि कांसे की 22 प्रतिमाएं लगवाई गईं थी।
- जिसका खर्च 685 करोड़ रुपये आया था। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि इन पार्कों और मूर्तियों के रखरखाव के लिए 5,634 कर्मचारियों की बहाली की गई थी।
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