दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली वंदे भारत को PM मोदी आज दिखाएंगे हरी झंडी

दिल्ली से वाराणसी तक चलने वाली वंदे भारत को PM मोदी आज दिखाएंगे हरी झंडी

शुक्रवार को नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन को रवाना करने से पहले PM मोदी ट्रेन की सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे तथा उपस्थित जनसमूह को संबोधन देंगे।

डेस्क-देश में विकसित देश की पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन 'वंदे भारत एक्सप्रेस' को PM नरेंद्र मोदी शुक्रवार की सुबह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर वाराणसी तक की उद्घाटन यात्रा के लिए रवाना करेंगे। जबकि रेलमंत्री पीयूष गोयल के अलावा रेलवे बोर्ड के सदस्य व अधिकारी तथा मीडियाकर्मी ट्रेन में सफर करेंगे।

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रेलमंत्री गोयल करेंगे ट्रेन में सफर


उद्घाटन यात्रा में आम यात्री शामिल नहीं किए गए हैं। यात्रियों के लिए वंदे भारत का नियमित संचालन 17 फरवरी से प्रारंभ होगा। नियमित संचालन का समय भी उद्घाटन यात्रा के समय से अलग होगा। जहां नियमित संचालन में नई दिल्ली से ट्रेन का प्रस्थान समय सुबह छह बजे है और ये अपराह्न दो बजे वाराणसी पहुंचाएगी। वहीं उद्घाटन के दिन इसे सुबह लगभग 11 बजे नई दिल्ली स्टेशन से रवाना किया जाएगा। जबकि रात साढ़े नौ बजे के करीब ये वाराणसी पहुंच पाएगी।

कानपुर और इलाहाबाद में इसे विशेष कार्यक्रमों के लिए 40-40 मिनट के लिए रोका जाएगा। शुक्रवार को नई दिल्ली स्टेशन पर ट्रेन को रवाना करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ट्रेन की सुविधाओं का निरीक्षण करेंगे तथा उपस्थित जनसमूह को संबोधन देंगे।

वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे 2018 में तैयार होने के कारण शुरू में ट्रेन-18 नाम दिया गया था, परीक्षण संचालनों में 180 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार पकड़ने में कामयाब रही है, लेकिन नई दिल्ली-वाराणसी ट्रैक की स्थिति को देखते हुए नियमित संचालन में इसे बीच-बीच में अधिकतम 160 किलोमीटर पर चलाया जाएगा। जबकि कानपुर और इलाहाबाद में दो-दो मिनट के स्टॉपेज को शामिल करने पर इसकी औसत गति 100 किलोमीटर के करीब की होगी।

अभी देश में सबसे तेज चलने वाली ट्रेन गतिमान एक्सप्रेस है जो अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पर चलती है। जबकि राजधानी और शताब्दी ट्रेनों को 130 किलोमीटर की उच्चतम स्पीड पर चलाया जाता है।

वंदे भारत एक्सप्रेस में 16 एसी डिब्बे हैं। इनमें दो एक्जीक्यूटिव क्लास के जबकि 14 चेयरकार के हैं। डिब्बों की लंबाई अधिक होने के कारण वंदे भारत में कुल 1128 यात्रियों के बैठने की व्यवस्था है, इतने ही डिब्बों वाली शताब्दी ट्रेन के मुकाबले अधिक है।

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