प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सत्यापन के नाम पर लेखपाल कर रहा वसूली

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सत्यापन के नाम पर लेखपाल कर रहा वसूली

मुफ्त का चाहिए सारा लाभ पर ₹500 देने में मर रही है नानी- लेखपाल महादेव शुक्ल

डाटा फिटिंग के नाम पर ₹500 की लेखपाल महादेव शुक्ल कर रहे वसूली

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में सामने आया भ्रस्टाचार का मामला

गोण्डा। प्रशासनिक कर्मचारियों में भ्रष्टाचार की जड़ें इतनी गहराई तक पहुंच गई है कि वह बिना सुविधा शुल्क लिए कोई भी काम करने के लिए राजी नहीं हो रहे हैं, भले ही सरकार के द्वारा आम जनमानस की आर्थिक स्तर मजबूत करने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं जिसके क्रियान्वयन के जिन अधिकारियों कर्मचारियों के कंधे पर सरकार ने जिम्मेदारी दे रखी है वह भ्रष्टाचार के अाकंठ में डूबकर बिना सुविधा शुल्क लिए आम जनता को कोई भी लाभ देने के लिए तैयार नहीं है।
कुछ इसी तरह गोंडा जनपद के ग्राम पंचायत पंडरी सविता सहजनवा में अभी हाल ही में प्रारंभ किया गया प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का मामला प्रकाश में आया है जहां संबंधित क्षेत्र के लेखपाल के द्वारा ग्रामीणों से सत्यापन /डाटा फीडिंग के नाम पर अवैध धन की उगाही की जा रही है ।


लेखपाल की कहानी पीड़ित की जुबानी

प्रकरण जनपद के ग्राम पंडरी सविता सहजनवा का है जहां के निवासी पंकज दीक्षित ने जिलाधिकारी को दिये गये शिकायती पत्र के माध्यम से अवगत कराया हे कि उनके दादा बंशीधर दीक्षित जिनके पास दो बीधे से भी कम कृषि योग्य भूमि है, केन्द्र सरकार की महती येजना प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना के अर्न्तगत उनके दादा की पात्रता पूरी तरह जायज है, योजना के लाभ हेतु डाटा फीडिंग कार्य के लिए लेखपाल महादेव शुक्ल को प्रशासन द्वारा अधिकृत किया गया है, लेखपाल से जब योजना हेतु सम्पर्क किया गया तो उसने 500 रूप्ये बतौर सुविधा शुल्क की मांग की जिस पर प्रार्थी के दादा ने लेखपाल को 300 रूपये तथा खतौनी, पासबुक और आधारकार्ड लेखपा को उपलब्ध कराये। 500 की जगह 300 रूपये देखते ही लेखपाल आगबबुला हो गये और अपश्ब्दों को प्रयोग करते हुए कहा कि ‘‘मुफ्त का सारा लाभ तो चाहिए परन्तु 500 रूपये देते हुए नानी मर रही है’’
लेखपाल ने उक्त अशोभनीय शब्दों का प्रयोग करते हुए रूप्ये सहित प्रपत्रो को लेने के इन्कार कर दिया और चले गये।

पीड़ित ने जिलाधिकारी से जांच करवा कर , दोषी लेखपाल के विरुद्ध प्राथमिक दर्ज कराने की, की मांग

जिलाधिकारी से हुयी लिखित शिकायत पर जहां पीडित ने लेखपाल की भूमिका की जाचं कराते हुए विभागीय कार्यवाही सहित लेखपाल पर प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग की है। वहीं इस बावत जब आरोपी लेखपाल से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होनें फोन उठाना भी मुनासिब नहींं समझा जिससे इस बात की संभावना और बलवती होती है कि पीडित की शिकायत पूरी तरह सत्य और विश्वसनीय है।

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