पाकिस्तान बूंद-बूंद को तरसेगा, नितिन गडकरी का ये बड़ा ऐलान

पाकिस्तान बूंद-बूंद को तरसेगा, नितिन गडकरी का ये बड़ा ऐलान

केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने बड़ा ऐलान करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि इसका सिंधु नदी संधि से कोई लेना-देना नहीं है।

डेस्क-भारत ने पड़ोसी मुल्क Pakistan को सबक सिखाने के लिए अपनी तीन नदियों के पानी को रोकने का बड़ा फैसला लिया हालांकि उनके इस फैसले पर कांग्रेस ने पटलवार किया है। नदी का पानी रोकने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने एक ट्वीट किया है।

Nitin Gadkari ने कहा कि पाकिस्तान जाने का पानी भारत रोकेगा। इसपर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा कि एक दिन में बांध नहीं बनते हैं।
केंद्रीय मंत्री Nitin Gadkari ने इसका ऐलान करते हुए यह भी स्पष्ट किया कि इसका सिंधु नदी संधि से कोई लेना-देना नहीं है।

बता दें कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद तीन नदियां पाकिस्तान को मिली थीं और तीन भारत को। गडकरी ने कहा कि हमारी नदियों के अधिकार का पानी भी पाकिस्तान को जा रहा था, अब हम उसपर तीन परियोजनाएं शुरू करेंगे और पानी वापस यमुना में ले जाएंगे। सिंधु जल संधि के तहत ही भारत अपनी नदियों का पानी पाकिस्तान के साथ साझा करता है।

मनीष ने ट्वीट में भाजपा को निशाने पर लेते हुए कहा, ' राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर लोगों को गुमराह करने के मामले में भाजपा किंग है। एनडीए/भाजपा सरकार का कहना है कि हम पूर्वी नदियों के प्रवाह को पाकिस्तान जाने से रोक देंगे। शाहपुर-कांडी 1999 (उझ प्रोजेक्ट) को कैबिनेट ने 2006 में पास कर दिया था। बांधों का निर्माण एक दिन में नहीं होता है|

बता दें कि उझ जम्मू-कश्मीर में रावी नदी की सहायक नदी है, इसपर सरकार बांध बना रही है।

इसपर सवाल उठाते हुए मनीष तिवारी ने कहा है कि बांध एक दिन में नहीं बनता है।

Pulwama terrorists हमले को लेकर देशभर में पाकिस्तान के खिलाफ गुस्सा है।

गुरुवार को गडकरी ने कहा कि सरकार रावी, सतलज और ब्यास नदियों का पानी डैम बनाक पाकिस्तान जाने से रोकेगी।

इन नदियों का प्रवाह जम्मू-कश्मीर और पंजाब की ओर मोड़ा जाएगा।

शाहपुर-कांडी डैम बनाने का काम पुलवामा हमले से पहले से ही हो रहा है।

अब कैबिनेट अन्य दो डैम बनाने का फैसला लेगी

गडकरी ने ट्वीट कर कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व ने हमारी सरकार ने पाकिस्तान की ओर जाने वाले हमारे हिस्से के पानी को रोकने का निर्णय लिया है।

हम पूर्वी नदियों की धारा का मार्ग परिवर्तन करेंगे और जम्मू-कश्मीर व पंजाब में अपने लोगों को पहुंचाएंगे।'

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