अगर आप भी Tax बचाना चाहते हैं आप, तो आपनाये ये 5 Tips
Mutual fund ईएलएसएस 3 वर्ष के लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं। इसमें आकर्षक रिटर्न भी मिलता है।
डेस्क-किसी ऐसे निवेश विकल्प का चुनाव करना सबसे मुश्किल काम होता है जो कि आपकी Tax बचत से जुड़ी जरूरतों को पूरा कर सके। क्योंकि हर निवेश विकल्प के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
जहां तक नौकरीपेशा लोगों की बात है Mutual fund इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ), सुकन्या समृद्धि अकाउंट, टैक्स सेविंग बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (एससीएसएस) और नेशनल पेंशन स्कीम ऐसे ही कुछ विकल्प हैं जिनका इस्तेमाल टैक्स सेविंग के लिए किया जाता है।
जानिए saving के बारे में
Equity Linked Savings Scheme
- Mutual fund ईएलएसएस 3 वर्ष के लॉक इन पीरियड के साथ आते हैं। इसमें आकर्षक रिटर्न भी मिलता है।
- टैक्स सेविंग विकल्पों में ईएलएसएस सबसे ज्यादा पॉपुलर विकल्प माना जाता है।
- वर्ष 2018 के आम बजट मेंइक्विटी और इक्विटी लिंक्ड म्युचुअल फंड के 1 लाख से ज्यादा के कैपिटल गेन पर 10 फीसद के एलटीसीजी टैक्स की घोषणा की थी।
- ईएलएसएस ने बीते तीन वर्षों के दौरान औसतन 9.78 फीसद का रिटर्न दिया है।
Public provident fund
वर्ष 2019 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए पीपीएफ पर ब्याज दर 8 फीसद की है। पीपीएप में निवेश का सबसे बड़ा आकर्षण इसका ईईई कैटेगरी में शामिल होना है। यानी इसमें निवेश, निवेश पर ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली राशि पर टैक्स नहीं देना होता है। आयकर की धारा 80C इसमें निवेश पर आप टैक्स छूट का क्लेम कर सकते हैं।
National Pension Scheme
- आयकर की धारा 80C के अंतर्गत मिलने वाली 1.50 लाख रुपये तक की सालाना छूट के अलावा एनपीएस के माध्यम से भी आप एक वित्त वर्ष के दौरान 50,000 रुपये तक की टैक्स कटौती का फायदा ले सकते हैं।
- यह छूट आयकर की धारा 80CCD (1b) के अंतर्गत मिलती है।
- यह तभी संभव होता है जब आपका नियोक्ता आपके वेतन का 10 फीसद हिस्सा एनपीएस में ट्रांसफर करता है।
- एनपीएस पर मिलने वाली ब्याज दर बीते 5 वर्षों से 10.84 फीसद बनी हुई है।