परीक्षा के समय विद्यार्धी वर्ग के लिए प्रभावी और लाभकारी उपाय

परीक्षा के समय विद्यार्धी वर्ग के लिए प्रभावी और लाभकारी उपाय

अध्ययन करते समय आचार विचार शुद्ध होना चाहिए इसके लिए सात्विक भोजन करे , जहा पर आप पढाई करते है वहां बैठ कर या टेबल कुर्सी पर खाना नहीं खाना चाहिए।

हिन्दूधर्म-इस समय बच्चो की परीक्षाएं चलने वाली है आइये जानते है ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री से विद्यार्थियों हेतु कुछ विशेष उपाय जो सभी के लिए बहुत कारगर होगी खुद भी करे और दूसरे बच्चो तक भी इस सन्देश को पहुंचाए।

किसी भी जन्मकुंडली में चन्द्रमा मन का कारक होता है चंद्र, बुध व् गुरु ग्रह विद्या प्राप्ति में मुख्य सहायक होते है , जन्मकुंडली में अगर चंद्र के साथ राहु , केतू का योग है अथवा चन्द्रमा 6,8 या 12 भाव में है तो चांदी के गिलास में पानी पिए , घर में बारिश का पानी रखे।

ज्योतिष, वास्तु पर आधारित विद्यार्थी वर्ग के लिए कुछ अनुभूत विशेष प्रयोग --

भारतीय सनातन संस्कृति में माँ सरस्वती को ज्ञान और विद्द्या की प्राप्ति के लिए पूजा जाता है, अतः माता पिता गुरु और ईश्वर का आशीर्वाद प्रतिदिन अवश्य ले कर पढाई करे। ऐसा करने से उस छात्र पर हमेशा ईश्वर की कृपा बनी रहती है ।

कई बार लोग प्रश्न करते है हमारे बच्चो का मन पढाई में नहीं लगता है या पढाई करने के बाद सब भूल जाते है ऐसे लोगो के लिए वास्तु प्रयोग अवश्य कारगर होगा ।

इन वास्तु टिप्स से होगा लाभ


माता पिता बच्चो के अध्धयन कक्ष का चयन खुले और स्वस्छ जगह में करे जिससे उनका पढाई में मन लगे इसके लिए दिशाओं का बहुत प्रभाव होता है |
पढाई करते समय पूर्व या उत्तर दिशा में मुँह करके अध्धयन करे।आप की कुर्सी -मेज इस तरह से हो की पढाई के समय मुंह ईशान कोण की तरफ ही रहे|

अध्ययन कक्ष में पढाई करने के बाद कभी भी कोई कॉपी किताबें पेन को खुला न रखें पढ़ने के बाद उन्हें बैग या आलमारी में रखे।
पढाई करते समय हमेशा बैठ कर पढाई करे कभी भी बिस्तर या लेट कर पढाई न करे।
अध्ययन करते समय आचार विचार शुद्ध होना चाहिए इसके लिए सात्विक भोजन करे , जहा पर आप पढाई करते है वहां बैठ कर या टेबल कुर्सी पर खाना नहीं खाना चाहिए।
खाना खाते समय पड़ाई की टेबिल पर कॉपी किताबें बंद करके ,खाना खाने के लिए बनाये गए स्थान पर ही खाना चाहिए ।
पढाई करते समय अपने इष्ट देव का ध्यान करते हुए कॉपी किताबों को अपने मस्तक से लगाकर पढाई करे, यही प्रक्रिया पड़ाई को समाप्त करते समय भी दोहराएँ ।

  • विद्या प्राप्ति का सबसे उपयुक्त समय ब्रह्म मुहूर्त अर्थात सुबह के 4 बजे का माना गया है उस काल में पड़ाई करते समय हमें कई गुना
  • ज्यादा और तेजी से अपना पाठ याद होता है इसलिए पड़ने वाले छात्रों को सुबह सवेरे पड़ाई की आदत अवश्य ही डालनी चाहिए ।
  • भूलकर भी विद्यार्थियों को घर पर पढ़ते समय जूते – मोज़े नहीं पहनने चाहिए ।
  • मोर का पंख अध्ययन रूम में लगाए व् मोर पंख अपने पास रखने से विधार्थी का मन पढाई में लगता है ।
  • ब्राम्ही औषधि का नित्य सेवन करने से विधार्थियों की बुद्धि त्रीव होती है स्मरण शक्ति बडती है.
  • जिन विद्यार्थियों को परीक्षा में उत्तर भूल जाने की आदत हो, उन्हें परीक्षा में अपने पास कपूर और फिटकरी रखनी चाहिए।
  • इससे मानसिक रूप से मजबूती बनी रहती है और यह नकारात्मक ऊर्जा को भी हटाती हैं ।
  • सावधानी रखें, भूलकर भी सीढ़ियों के निचे या बीम के नीचे कभी भी बैठ कर पढाई या भोजन न करे ,
    पढाई करते समय प्रकाश या लाइट सामने या दाहिने तरफ से हो।
  • जिन विद्यार्थियों की वाणी में हकलाना, तुतलाना जैसे दोष हों, ऐसे लोग बांसुरी में शहद भरकर नदी के किनारे जमीन में गाड़ें। ऐसा करने से लाभ होगा।

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