स्वास्थ विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर डीएम का एक्शन, छः प्रभारी चिकित्साधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब

स्वास्थ विभाग के लापरवाह अधिकारियों पर डीएम का एक्शन, छः प्रभारी चिकित्साधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब

स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आंकड़ेबाजी खेल करने वाले अधिकारियों पर जिलाधिकारी की निगाहें टेंढ़ी

गोण्डा - स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आंकड़ेबाजी खेल करने वाले अधिकारियों पर जिलाधिकारी की निगाहें टेंढ़ी हो गई हैं। बुधवार को कलेक्ट्रेट हाॅल में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में एक ओर डीएम ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की, वहीं दूसरी ओर अधिकारियों के साथ अथवा अधिकारियों की जगह डीएम की मीटिंग अटेन्ड करने आए बाबुओं को मीटिंग से बाहर कर दिया।
मीटिंग में डीएम ने स्पष्ट कर दिया कि स्वास्थ्य कार्यक्रमों में फर्जी आंकड़ेबाजी बन्द होनी चाहिए और उन्हें आंकड़ों से नहीं जमीन पर काम होने से मतलब है। इसमें जो भी अधिकारी लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ वे सख्त से सख्त एक्शन लेगें।


समीक्षा के दौरान जिले में एक वर्ष में खसरा के 465 मामले पाए जाने पर हैरानी व्यक्त करते हुए मीटिंग में महामारी अधिकारी हसन इफ्तिखार को जमकर फटकार लगाई तथा सीएमओ को निर्देश दिए कि जिले में उनके दस वर्षों के कार्यों की जांच तीन दिन में करके उन्हे रिपोर्ट दें तथा उनकी संविदा का नवीनीकरण भी बिना उनकी परमीशन के नहीं किया जाएगा। इसके अलावा नियमित टीकाकरण में फिसड्डी पसरपुर, इटियाथोक, बेलसर, रूपईडीह, कटरा बाजार, हलधरमऊ के प्रभारी चिकित्साधिकारियों से स्पष्टीकरण तलब कर तीन दिन के अन्दर जवाब मांगा गया है।

मीटिंग में डीएम ने अधिकारियों के साथ या अधिकारियों के स्थान पर मीटिंग में आए बाबुओं को मीटिंग हाल से बाहर कर दिया तथा स्पष्ट चेतावनी दी कि उनकी मीटिंग में सिर्फ सम्बन्धित विभाग का अधिकारी ही आएगा और भविष्य में यदि कोई अधिकारी बाबू लेकर या बाबुओं को मीटिंग में भेजेगा तो वे इसे बेहद गम्भीरता से लिया जाएगा।

डीएम ने मीटिंग में कई प्रभारी चिकित्साधिकारियों से उनके क्षेत्रों में टीकाकरण के लिए लक्षित बच्चों व महिलाओं की संख्या पूछी तो कोई भी प्रभारी चिकित्साधिकारी डीएम को जवाब नहीं दे पाए।
नाराज डीएम ने मीटिंग में ही सुधर जाने की नसीहत दी और अगली बार से पूरी तैयारी के साथ तथा सही रिपोर्ट के साथ आने के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि योजना के बारे में वे सीधे सम्बन्धित अधिकारी से ही जवाब तलब करेगें इसलिए वे सब सही डाटा के साथ स्वयं उपस्थित होगें।
टीकाकरण अभियान की समीक्षा में पूरे जिले का औसत संतोषजनक नहीं पाया गया। डीएम ने हाल में ही जिले में शुरू की गई मोबाइल मेडिकल यूनिट का रिपोर्ट कार्ड सीएमओ से मांगा है। उन्होने सीएमओ को निर्देश दिए कि वे डीएचएस की बैठक के पहले वे स्वयं अपने स्तर से समीक्षा करके ही मीटिंग कराएं। बीएसए को निर्देश दिए कि रोस्टर के हिसाब से जहां पर टीकाकरण होना हो वहां के स्कूल व रविवार के दिन भी खुलवाएं तथा यह सुनिश्चित कराएं बच्चे स्वय भी आएं और अपने घरों के अन्य बच्चों को भी लेकर आएं जिससे टीकाकरण कराया जा सके। ब्लाकों पर पहले से ही नियुक्त वालेन्टियर्स जो कि अपने दायत्विों में रूचि नहीं ले रहे उन्हें तत्काल हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी आशीष कुमार, सीएमओ डा0 संतोष श्रीवास्तव, बीएएसए मनीराम सिंह, डीपीआरओ घनश्याम सागर, डीपीओ दिलीप सिंह सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी, डीसीपीएम, डीआईओ हेल्थ, डब्लूएचओ के प्रतिनिधि तथा अन्य उपस्थित रहे।

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