बहुत नाराज हैं आज़म खान कहने लगे ,गिरवाओ इनको , आखिर क्या - क्या गिरवाओगे

बहुत नाराज हैं आज़म खान कहने लगे ,गिरवाओ इनको , आखिर क्या - क्या गिरवाओगे

भाजपा को चुनाव जिताने के लिए टकराव का रास्ता अपना रहें है जिलाधिकारी , ऐसे हालात में हमें चुनाव के वहिष्कार के बारे में सोचना पड़ेगा - आज़म खान ( पूर्व मन्त्री उत्तर प्रदेश )

लखनऊ -रामपुर जनपद में जिलाधिकारी द्वारा उर्दू गेट गिरवाये जाने पर आज उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मन्त्री और समाजवादी नेता मोहम्मद आजम खान भड़क उठे और जिलाधिकारी पर आरोपो की बौछार कर दी । आज़म खान ने यहां तक कहा कि जिलाधिकारी को भाजपा के लिए माहौल तैयार करने को भेजा गया है जिससे भाजपा चुनाव जीत सके ।

ऐसे हालात में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नही बची है इस लिए हमें नेतृत्व से बात करनी पड़ेगी कि लोकसभा में गठबन्धन का प्रत्याशी चुनाव में उतरे या फिर चुनाव का वहिष्कार किया जाय । आज़म खान ने जिलाधिकारी पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए । आज़म खान ने कहा कि 6 तारीख को ही क्यों उर्दू गेट गिराया गया , क्योंकि यह तारीख नफरत की तारीख है ।


रामपुर जनपद में बोलते यह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और प्रदेश के पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान है । उर्दू गेट को पिछले दिनों यहाँ के जिलाधिकारी आञ्जनेय कुमार सिंह द्वारा गिरवाये जाने से भड़क उठे और प्रदेश सरकार द्वारा इसे मुसलमानों को परेशान करने वाला कदम करार दिया । आज़म खान इस कदर भड़के थे कि उन्होंने जिलाधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि यहाँ का अस्पताल सड़के और गाँधी स्मारक का भी एनओसी नही है उसे भी गिरवा दो । यह सब गिरवाओगे या फिर मस्जिद और मज़ारें ही गिवाओगे । जिलाधिकारी का यह कदम हिन्दू और मुसलमान के भाईचारे में नफरत फैलाने वाला कदम है । आज़म खान ने कहा कि यह जो दो लोगों की जोड़ी डीएम और एडीएम के रूप में रामपुर में आई है यह नफरत फैलाने का काम कर रही है ।

आज़म खान ने कहा कि उर्दू को हम आज़ादी की जुबान मानते है और इसे एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप में देखते है क्योंकि उर्दू में ही इन्कलाब - जिंदाबाद का नारा लगाकर अंग्रेजों को भगाया गया । उर्दू की पहचान हिन्दू लेखकों से है , हिन्दू शायरों से है । ऐसी ज़ुबान के नाम पर बने गेट को जिलाधिकारी ने यह कह कर गिरा दिया कि इसका एनओसी नही है । न्यायालय द्वारा प्रदेश के जिन दो जिलाधिकारियों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए गए थे उनमें से एक रामपुर के जिलाधकारी भी है । सरकार की मन्शा है कि रामपुर में हिन्दू और मुसलमानों का दंगा करवा दिया जाए जिससे यह संदेश जाए कि हम जो कहते थे वही सही था । जिलाधिकारी को पता होना चाहिए कि इसमें सीएनडीएस अर्थात सरकार का और उनकी विधायक निधि का पैसा लगा था , कैबिनेट में पास हुआ था जिसके बाद एनओसी की कोई जरूरत नही है । जिलाधिकारी के इस कदम का पूरा समाज निंदा कर रहा है ।

आज़म खान ने जिलाधिकारी को चुनौती देते हुए कहा कि गाँधी समाधि , पार्कों , सड़कों , तारामंडल और नगर पालिका की भी एनओसी नही है गिरवाओ इनको , आखिर क्या - क्या गिरवाओगे । सरकारी पैसा लगा , कैबिनेट में पास हुआ , जहाँ सरकारी पैसा लगता है वहाँ यह मान लिया जाता है कि सरकार की मन्शा है तब सारी एनओसी छोटी पड़ जाती है । यह गेट इस लिए बना था कि यहां स्कूल बहुत है इस पर से भारी वाहन न गुजरें अगर उसकी ऊँचाई कम थी तो छत गिरा देते और पिलर खड़ा रहने देते । मगर आपने ऐसा न करके नफरत फैलाने वाला काम किया ।


आज़म खान यहीं नही रुके उन्होंने कहा कि रामपुर के जिलाधिकारी को एक मिशन के तहत भेजा गया है कि यहाँ नफरत फैलाओ और भाजपा के लायक माहौल बनाओ । जिससे आने वाले चुनाव में भाजपा फिर जीत सके मगर रामपुर के जो हालात है वह निष्पक्ष चुनाव इसमें हो सकते है ऐसा नही लगता । इस लिए हमें भी अपने नेतृत्व से बात करनी पड़ेगी कि यहाँ गठबन्धन का प्रत्याशी चुनाव लड़े या फिर चुनाव का वहिष्कार करे ।


रिपोर्टर, सैफ मुख्तार

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