एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक खान पान के लिए किया प्रेरित

एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक खान पान के लिए किया प्रेरित
  • वीरांगना दल ने निकाली प्रभात फेरी, कुपोषित बच्चों का हुआ चिन्हांकन
  • देखभाल व सही पोषण के लिए लाल, पीले व हरे श्रेणी के बच्चों की हुई पहचान
  • स्कूल ना जाने वाली किशोरियों को स्वास्थ्य के प्रति किया जागरूक

बलरामपुर। एनीमिया से बचाव के लिए चलाये जा रहे पोषण पखवाड़े के छठवें दिन जिले की सभी ग्राम पंचायतों से जागरूकता प्रभात फेरी निकाली गई। प्रभातफेरी के दौरान वीरांगना दल की किशोरियों ने ग्रामीणों को खून की कमी से होने वाली परेशानियों के प्रति जागरूक किया।

इस दौरान सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सैम तथा मैम बच्चों के चिन्हांकन के साथ वीएसएसएनडी की भी आयोजन किया गया।
सत्येन्द्र सिंह जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बुधवार को पोषण पखवाड़े के छठवें दिन जिले के 801 ग्राम पंचायतों के 1882 आंगबाड़ी केन्द्रों पर वीरांगना दल के सहयोग से प्रभात फेरी निकाली गई। प्रभात फेरी के दौरान हाथ में स्लोगन लिखी तख्तियां लेकर किशोरियों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, आशा व एएनएम ने किशोरियों को एनीमिया से बचाव के लिए पौष्टिक खान पान के लिए प्रेरित किया।

वीरांगना दल ने स्कूल ना जाने वाली किशोरियों व परिवार के मुखिया को भी अपनी परिवार के किशोरियों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की सलाह दी। प्रभात फेरी के बाद सभी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी व सैम तथा मैम बच्चों के चिन्हांकन का आयोजन किया गया। इस दौरान एएनएम ने पांच साल तक के बच्चों के वजन, लम्बाई आदि के आधार पर लाल श्रेणी की अति कुपोषित, पीला श्रेणी के कुपोषित व हरे श्रेणी सामान्य बच्चों का चिन्हांकन किया।

देहात परियोजना के सीडीपीओ राकेश शर्मा ने बताया कि आम तौर पर परिवार ये नहीं समझ पाता कि बच्चा कुपोषित है कि नहीं। इसलिए बच्चे को एक बार जांच के लिए आंगबाड़ी केन्द्रों पर लाना अति आवश्यक है जिससे सही समय पर उसकी देखभाल की जा सके। नगर परियोजना की सीडीपीओ इंदू सिंह ने बताया कि किशोरियों को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक कर खून की कमी दूर करने के लिए पोषण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है जिससे शून्य से पांच साल तक के बच्चों को सही पोषण व किशोरियों में एनीमिया को खत्म करने के लिए जागरूकता फैलाई जा सके।


रिपोर्ट - वैभव त्रिपाठी

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