2nd faze Lok Sabha Election 2019 Bollywood एक्टर और Politician की साख दाव पर

2nd faze Lok Sabha Election 2019 Bollywood एक्टर और Politician की साख दाव पर

Lok Sabha Election 2019 2ndfaze election

सेकंड फेज में पश्चिमी यूपी की 8 लोकसभा सीटों पर 18 अप्रैल को मतदान होना है. इन 8 सीटों पर ऐसे कई कैंडिडेट हैं जिनकी साख दांव पर लगी हुई है. इनमे फिल्म एक्टर भी शामिल हैं तो मंझे हुए राजनीतिज्ञ भी शामिल हैं. पेश है एक रिपोर्ट....
किन सीटों पर मतदान होना है
नगीना, अमरोहा, आगरा, फतेहपुर सीकरी, अलीगढ़, बुलंदशहर, मथुरा और हाथरस
कौन से हैं गढ़
आगरा-फतेहपुर सीकरी
-हालांकि आगरा और फतेहपुर सीकरी अलग अलग लोकसभा क्षेत्र हैं लेकिन इन दोनों को ही राजबब्बर और एसपी बघेल का गढ़ कहा जा सकता है. राजबब्बर आगरा से 2 बार सांसद रह चुके हैं तो एसपी बघेल भी यहीं के रहने वाले हैं. बघेल भी 2 बार सांसद रह चुके हैं. विधायकी में भी परचम लहरा चुके हैं और अब योगी सरकार में मंत्री हैं. फ़िलहाल राजबब्बर जहाँ फतेहपुर सीकरी से मैदान में हैं तो एसपी बघेल आगरा से टाल ठोंक रहे हैं.
क्या है समीकरण
आगरा-आगरा में 37 फीसदी वोटर दलित और मुस्लिम हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां 18 लाख से अधिक वोटर थे, जिसमें 10 लाख पुरुष और 8 लाख महिला वोटर शामिल हैं। 2014 में यहां कुल 59 फीसदी मतदान हुआ था, इनमें 5161 वोट नोटा में गए थे। वहीं, 2017 के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने यहां पांच सीटों पर जीत हासिल की है।
फतेहपुर सीकरी-2014 के आंकड़ों के अनुसार फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट पर करीब 16 लाख वोटर हैं। यहां 2 लाख जाट और करीब 1.50 लाख कुशवाहा वोटर हैं। इसके अलावा एक लाख से ज्यादा मुस्लिम मतदाता भी इस सीट पर हैं। ठाकुर और ब्राह्मण भी करीब 6 लाख हैं। हालांकि ठाकुर और ब्राह्मणों को परंपरागत रूप से भाजपा का वोटर माना जाता है, लेकिन इस बार हालात कुछ बदले हुए हैं। राज बब्बर जाटव, कुशवाहा और मुस्लिमों वोटों के आधार पर अपनी जीत की संभावनाएं देख रहे हैं। इस इलाके में कुशवाहा जाति को निर्णायक माना जाता है। पिछले चुनाव में कुशवाहा तो भाजपा के समर्थन में थे।
अलीगढ़
यह सीट फायर ब्रांड भाजपा नेता कल्याण सिंह का गढ़ माना जाता है. हालांकि अब वह राज्यपाल है तो चुनाव से दूर हैं. इस सीट पर पिछले एक साल से अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को लेकर एक के बाद एक विवाद हुए. जिसमे कहीं न कहीं भाजपा कैंडिडेट और वर्तमान सांसद सतीश गौतम की भी मौजूदगी रही और इसके बहाने वह अपने पक्ष में माहौल बनाते रहे. अब उन्हें कल्याण का भी आशीर्वाद मिल चूका है. गठबंधन में बसपा के खाते में यह सीट गयी है. बसपा ने यहां से अजीत बालियान को उतारा है. हालांकि जानकारों की माने तो वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. जबकि कांग्रेस से बिजेंद्र सिंह मैदान में हैं. पुराने कांग्रेसी हैं और 5 बार विधायक रह चुके हैं.
क्या है समीकरण
-इस सीट की कुल आबादी 1876818 है. जबकि मुस्लिम आबादी तकरीबन 212000 है, यादव 126000, अनुसूचित जाति 281000, लोधी 139500 हैं जबकि ठाकुर 172000, ब्राह्मण 220000, वैश्य 231000 और अन्य 256318 हैं.
मथुरा
2014 में यहां से बॉलीवुड की ड्रीम गर्ल हेमा मालिनी ने जीत दर्ज की थी. अब एक बार फिर वह मैदान में हैं. पिछली बार उनके सामने जयंत चौधरी थे लेकिन इस बार रालोद से कुंवर नरेंद्र सिंह हैं. इनके बड़े भाई 3 बार मथुरा से सांसद रहे हैं. ये अवागढ़ राजघराने से आते हैं. कांग्रेस से महेश पाठक हैं जोकि तीर्थ पुरोहित महासंघ के अध्यक्ष हैं. 1998 में चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. फिलहाल 5 साल में ही मथुरा को हेमा मालिनी का गढ़ कहा जाने लगा है.
क्या है समीकरण
मथुरा सीट जाट और मुस्लिम बाहुल्य सीट मानी जाती है. जानकारों के मुताबिक 2014 में जाट और मुस्लिम मत बंट गए थे जिसकी वजह से भाजपा को बड़ी जीत मिली थी लेकिन 2017 में यहां की 5 विधानसभा सीटों में से एक छोड़ कर सब भाजपा ने जीती थी. हालांकि अबकी बार रालोद, सपा और बसपा साथ है. जिसकी वजह से हेमा को अपना गढ़ बचाना मुश्किल हो सकता है.

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