प्लेट में जूठन छोड़ने से पहले एक बार सोचें जरूर

प्लेट में जूठन छोड़ने से पहले एक बार सोचें जरूर

गलती से भी नही छोड़ें झूँठा भोजन वरना पड़ेगा पछताना....


कहीं थाली में जूठन छोड़ना, आपको नुकसान तो नहीं पहुंचा रहा हैं

छोटी-छोटी गलतियां करने से हमारा दुर्भाग्य बढ़ता है और सौभाग्य कम होता है। इनकी वजह से हमारा कोई भी काम पूरा नहीं हो पाता और होता है उसका सकारात्मक परिणाम नहीं मिल पाता।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार अनजाने में (भूलवश) कुछ ऐसे कार्य हो जाते हैं जिनकी वजह से हमारे जीवन में परेशानियां लगातार बनी रहती हैं।

आज बात करते हैं भोजन झूँठा छोड़ने पर आपके जीवन पर क्या दुष्प्रभाव होते हैं...

अक्सर ऐसा होता है कि व्यक्ति कही किसी पार्टी में गया या होटल में गया या अपने दोस्त के घर गये
या अपने ही घर में भोजन करते समय अपनी थाली में जूठन छोड़ देता है। अन्न में देवी अन्नपूर्णा का निवास है। अतः इसका अपमान करने से मां भगवती का अपमान होता है। इसे झूठा छोड़ने वाला महापाप का भागी होता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार ऐसा करना कही न कही आप के जीवन में कुछ हानि पंहुचा रहा है। हो सकता है यह आप के रिश्तो में भी दरार उत्पन्न कर रहा है, आप को कर्ज में भी डुबों सकता है या मुख्य कारण बन सकता है आप की असफलता का।

ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि जब जन्म कुंडली में बुध अच्छा न हो और बृहस्पति अच्छा न हो तो व्यक्ति भोजन के प्रति लापरवाह हो जाता है भोजन का सम्मान नहीं करता है और किसी न किसी मुसीबत में उलझता रहता है। प्रायः देखने में आता है कि लोग खाते कम है और झूठन के रूप में अन्न की बर्बादी ज्यादा करते है। किसान वर्ग द्वारा खेत खलिहानों में वर्ष भर की गई कड़ी मेहनत के बाद धरती माता अपनी छाती चीर हम सबको अन्न प्रदान करती है। जब कोई इसका अपमान करता है, तो धरती मां बहुत दुःखी होती है। उन्होंने कहा कि जहा एक तरफ खाने का एक बहुत बड़ा हिस्सा जूठन के रूप में नष्ट हो रहा है। वही दूसरी तरफ एक कड़वा सच यह भी है कि देश दुनिया में आज भी एक बड़ी आबादी दो वक्त की रोटी के लिए मोहताज है। और भूखे पेट सोने को मजबूर है। अतः हमें अन्न की बर्बादी रोकने के हर संभव प्रयास करने चाहिए।

क्या होता हें जब आप अपने घर में जूठा भोजन छोड़ देते है --

यदि आप अपने घर में भोजन का जूठन छोड़ते है तो आपकी आर्थिक स्थिति पर प्रभाव पड़ेगा आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़े और बच्चों के पढाई और स्वास्थ्य पर भी दुष्प्रभाव पड़ेगा, साथ ही साथ आप के घर में कलह का वातावरण बना रहेगा, मानसिक उलझन बनी रहेगी। इससे बचने के लिए आप भोजन करते समय अपने थाली में से अग्रासन निकाले अर्थात अपने थाली में से कुछ भोजन गाय या कुत्ता या पंछियो के लिए निकाले इससे आप को लाभ होगा। खाना खाने के बाद भोजन के बर्तनों को झूठा छोड़ने के कारण आपको समस्याओं का शिकार होना पड़ सकता है। यह समस्याएं आपको शनि दोष का शिकार बना सकती हैं और साथ ही चंद्रमा की भी अशुभ दृष्टि रहती है। यह काम समस्याओं को हावी कर सकता है और आपको ग्रहों से जुड़े अशुभ परिणाम प्रभावित कर सकते हैं। आइये जानते है कि ऐसे कौन से काम हैं जिन्हे करना अशुभ माना जाता है।पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताता हेंन कि खाना खाने के बाद झूठे बर्तन उसी स्थान पर छोड़ने से आपको चंद्रमा और शनि से जुड़े दोष भुगतने पड़ सकते हैं।

क्या होता है जब आप अपने दोस्तों के घर पर भोजन करते समय जूठन छोड़ते है --

दोस्तों के घर पर भोजन का जूठन छोड़ना आप को अविश्वसनीय व्यक्ति बनाता है। आप पर कोई भरोसा नहीं करेगा और अगर आप व्यापर में है तो उसमे नुकसान आरम्भ होना शुरू हो जाता है। लाभ के रास्ते रुक जाते है। इससे बचने के लिएय आप भगवान गणपति कि स्तुति किया करे और भोजन करने से पहले गणपति जी का ध्यान अवश्य किया करें। इससे आप को इस आदत से बचने में सहायता मिलेगा।

क्या होता हें जब आप किसी दावत में भोजन करने जाते है और वह पर आप जूठन छोड़ते है --
इसका आप के जीवन पर बहुत ज्यादा दुष्प्रभाव पड़ता है। इससे आप के जीवन में नवग्रह का दुष्प्रभाव पड़ना आरंभ होता है और आप विशेष तौर पर मानसिक उलझन में उलझते है सामाजिक तौर पर आप का कोई साथ नहीं देता है। अकस्मात मौके पर आप का कोई साथ नहीं देता है। आप कि सफलता रुक जाती है यहाँ तक कि आप का परिवार रोगो के घेरें में आ जाता है। इससे बचने के लिए आप जब भी किसी दावत में जाये वह भोजन करने से पहले हनुमान जी का ध्यान कर भोजन करना आरम्भ करे। इससे आपको लाभ मिलेगा कि आप किसी भी झंझट में नहीं पड़ेंगे, सामाजिक तौर पर आप विश्वसनीय बने रहेंगे।

जानिए क्या होता हेंन जब आप होटल में भोजन करते है और वहां पर अपना जूठन छोड़ते है --

अगर आप होटल में जाकर भोजन करते है और वहां पर आप जूठन छोड़ते है तो आप कही न कही बहुत बड़े कर्जे को न्योता दे रहे है और साथ ही साथ आप अपने रिश्तेदारो से दूर होते जा रहे है। होटल या रेस्टोरेंट में जूठन छोड़ना आप को कर्जदार बनता है और आप कि आर्थिक उन्नति में अड़चन आएगी। इससे बचने के लिएय आप जब भी होटल में भोजन करने जाये तो वहां पर भोजन करने से पहले आप भगवान विष्णु का ध्यान कर भोजन करना आरम्भ करे इससे क्या होता है ही भगवान विष्णु सभी ऐश्वर्य के दाता है भोजन उनको समर्पित कर के ही भोजन आरम्भ करे इससे जेवण खुशहाल बना रहेगा।

जानिए यदि यात्रा के दौरान आप भोजन छोड़ते है या फेंकते है --

अक्सर ये होता है कि व्यक्ति यात्रा के दौरान अपने साथ भोजन ले जाता है या यात्रा में भी खरीद के भोजन करता है और भोजन बच जाये तो उसको फ़ेंक देता है। ये बहुत ही खतरनाक दुष्प्रभाव देता है। आप किसी भी मकसद के लिए यात्रा पर निकलते है तो वो मकसद सफल नहीं होता है तथा आप के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव देता है। इससे बचने के लिए आप यात्रा के दौरन भगवान राम का नाम लेकर यात्रा आरम्भ करे और यात्रा के दौरान भोजन का जो पदार्थ बच जाएँ उसको इकठा कर आप किसी पशु या कुत्ते को जूठा भोजन डाल दे इससे आप कि यात्रा सफल और सुखद होगी और आप का मनोरथ सफल होगा।
इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान---
पलंग यानी बेड पर बैठकर कभी भोजन नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में पैसों की कमी बनी रहती है।
जब भी घर कोई याचक यानी भिखारी आए तो उसे खाली हाथ न लौटाएं। ज्यादा कुछ संभव न हो तो उसे खाने के लिए कुछ जरूर दें।
रात में अपने रसोई घर मे कभी-भी झूंठे बर्तन बिना धोए नहीं छोड़ना चाहिए। इससे परिवार में वाद-विवाद की स्थिति बनी रहती है।

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