प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र , उद्घाटन से ले कर अब तक सौ से अधिक गायों की हो चुकी मौत

प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र , उद्घाटन से ले कर अब तक सौ से अधिक गायों की हो चुकी मौत

पशु यातना गृह बना रुद्रगढ़ नौसी का गौ आश्रय केंद्र

प्रदेश की प्रथम मॉडल गौ आश्रय केंद्र ग्राम रुद्रगढ़ नौसी का दृश्य देख किसका खून नही खौलेगा

गौ आश्रय केंद्र में भारी तादात में हुईं मौतों की जिम्मेदार कौन?
सैकड़ों गायों और उनके वंशजो की मौत,और मौत के कारणों को ले कर कथित सन्त विश्वनाथ पाण्डेय द्वारा उच्चाधिकारियों से पत्राचार के बाद जांच के लिए मौके पर आये ए.डी और सी.बी.ओ.के सामने ब्रह्मचारी सन्त के बेटे व चेलों ने भद्दी भद्दी गालियों की बौछार की उसके बाद साथ सिकरेटरी की पिटाई की पशुचिकित्सक रत्नाकर गुप्ता को पीटने के लिए दौड़ाया तो मौके पर उपस्थित लोगो ने बीच बचाव करते हुए बवाल की आशंका पर पुलिस को सूचना दी।

सिकरेटरी की पिटाई को ले कर कथित ब्रह्मचारी और पुलिस की झड़प के बाद गौ आश्रय केंद्र के भीतर मृत पड़ी 6 गायों का शव दिखाया गया कुछ को कुत्ते नोंच रहे थे कुछ अधमरी गायों की आँखे कौवे ने चोंच मार कर फोड़ डालीं थी इस आक्रोश भरे मंजर को देखने के बाद आश्रय के सामने निर्माणाधीन स्थल के पृष्ठभाग की तरफ लोगों को ले जाया गया ।

जहां देखा गया की गड्ढे में 6 मृत गायों के शव फेंके गए थे जिन पर मिटटी भी नही डाली गयी थी उसी के आसपास पड़ी हड्डियां और दुर्गन्ध इस बात को चीख चीख बयाँ कर रही थीं की कितनी भरी संख्या में अब मौतें हुयी हैं।
इस दर्द नाक स्थिति को देख कर मौके पर आये अधिकारियों ने ग्राम प्रधान सहित पूरी संचालन समिति को लेखा--जोखा रजिस्टर के साथ उपस्थित होने के लिए बुलाया किन्तु चिट्टी न कोई सन्देश जाने वो कौन सा देश जहां सब चले गए।

गौ आश्रय केंद्र उद्घाटन से ले कर अब तक सौ से अधिक गायों की मौत हो चुकी है लेकिन मीडिया और प्रशानिक तन्त्र की रगो में दौड़ते खून में उबाल तक नही आया जबकि कहीं से गौ कसी की खबर आते ही जिले के एस.पी.डी.एम.सहित पूरी मीडिया हरकत में आ जाती है तो फिर सैकड़ों गायों की मौत की जिम्मेदारी क्यों नही तय हो पा रही है ये अपने आप में एक बड़ा सवाल है पशु क्रूरता अधिनियमो और उनके लिए तैनात पूरी ब्यवस्था किस काम की क्यों इतनी मौतों के बाद भी कोई कार्यवाही होती दिखाई नही पड़ रही है।

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