खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, राजस्व को लगाया बड़ा चूना

खनन माफियाओं के हौसले बुलंद, राजस्व को लगाया बड़ा चूना

डी.एस कॉन्ट्रैक्टर ने की खनन में बड़ी धांधली, प्रशासन बना रहा मूकदर्शक

पीलीभीत।सूबे की योगी सरकार भले ही नई खनन नीतियों की बात करती हो,पर यह खनन माफिया योगी की नीतियों में भी सेंध लगाने से नहीं चूकते। तरह-तरह के तरीकों से यह खनन माफिया राजस्व विभाग को हमेशा से चूना लगाते आए है।मामला चाहे अवैध खनन का हो या रॉयल्टी में चोरी का,खनन माफिया हमेशा ही प्रशासन पर हावी नजर आए हैं। मामला पीलीभीत से जहां खनन माफियाओं ने रॉयल्टी चोरी का एक नया तरीका निकाल लिया है। पीलीभीत में खनन का ठेका डीएस कांट्रेक्टर एंड बिल्डर्स के नाम है।

खनन निर्देशक से शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता का कहना है कि डीएस कांट्रेक्टर ने राजस्व को चूना लगाने के लिए अभिलेखों में दर्ज ट्रैक्टर को ही मिनी ट्रक बना दिया और टाइम का इजाफा करते हुए 2 घंटे की बजाय 9 घंटे की रॉयल्टी जारी कर दी। ताकि एक ही रॉयल्टी पर ट्रैक्टर-ट्रालीओं द्वारा कई चक्कर लगाए जा सके। बीते 24 मई को डीएस कांट्रेक्टर ने (UP26S 2617,UP26Y 6383,UP27 Al7845) समेत लगभग एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टरों के नंबर पर रायल्टी काटी पर रॉयल्टी में इन सभी ट्रैक्टरों को मिनी ट्रक के रूप में दर्शाया गया।

क्या है पूरा खेल
डीएस कांट्रेक्टर ने पीलीभीत जिला प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर, ट्रैक्टर को मिनी ट्रक दिखा कर व लगभग 140 किलोमीटर दूरी पर मिट्टी रेता आदि का पठान दिखाकर,रॉयल्टी काटी। जिससे डीएस कॉन्टैक्टर पर काम करने वाले ट्रैक्टर ट्रालीओं को 9 घंटे का समय मिल गया।इन 9 घंटे में डीएक्स कांट्रेक्टर ने लाखों का चूना रॉयल्टी चोरी कर जिला प्रशासन व राजस्व विभाग को लगा दिया वही जिम्मेदार खनन अधिकारी मूकदर्शक बने पूरे मामले को देखते रहे।

खनन अधिकारी ए.के राय की भूमिका पर उठे सवाल
खनन निर्देशक से शिकायत करने वाले शिकायतकर्ता ने पीलीभीत के खनन अधिकारी ए.के राय की संलिप्तता पर भी सवाल उठाए हैं शिकायतकर्ता का कहना है कि खनन अधिकारी सांठगांठ कर डीएस कांट्रेक्टर को अवैध रूप से फायदा पहुंचा रहे हैं जबकि पूरा मामला उनके संज्ञान में है।

आरटीओ में ट्रैक्टर के रूप में रजिस्टर्ड निकले दर्शाए गए नंबर
फर्जीवाड़े के खुलासे के लिए जब नंबरों की जानकारी एआरटीओ अमिताभ राय से की गई,तो उन्होंने बताया अधिकतम नंबर ट्रैक्टर के रूप में रजिस्टर्ड हैं। मिनी ट्रक का मामला फर्जी है ऐसा कोई भी मिनी ट्रक इन नंबरों से रजिस्टर्ड नहीं है।

जब पूरे मामले की जानकारी जिले के अपर जिला अधिकारी देवेंद्र कुमार मिश्र से की गई। तो उन्होंने बताया मामला संज्ञान में आया था जांच की गई तो मामला सच पाया गया है। तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

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