गुप्त नवरात्रि ,मुकदमों में बचाव के लिए बहुत सही समय

गुप्त नवरात्रि ,मुकदमों में बचाव के लिए बहुत सही समय

जाने 3 जुलाई 2019 से आरम्भ हो रही आषाढ़ी गुप्त नवरात्रि का रहस्य........

गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष से प्रारंभ हो रहे हैं ।।

गुप्त नवरात्रि का पर्व देवी भक्तों के लिए विशेष रहता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के मुताबिक गुप्त नवरात्र के दिनों में तांत्रिक साधनाएं की जाती हैं। इस नवरात्रि में खास साधक ही साधना करते हैं। मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली साधना को गुप्त रखा जाता है। इस साधना से देवी जल्दी प्रसन्न होती है।

गुप्त नवरात्रि की प्रमुख देवियां: गुप्त नवरात्र के दौरान कई साधक महाविद्या (तंत्र साधना) के लिए *मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, माता बगलामुखी, मातंगी और कमला देवी* की पूजा करते हैं।

भगवान विष्णु शयन काल की अवधि के बीच होते हैं तब देव शक्तियां कमजोर होने लगती हैं। उस समय पृथ्वी पर रुद्र, वरुण, यम आदि का प्रकोप बढ़ने लगता है इन विपत्तियों से बचाव के लिए गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा की उपासना की जाती है। गुप्त नवरात्रि विशेषकर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना, महाकाल आदि से जुड़े लोगों के लिए विशेष महत्त्व रखती है। इस दौरान देवी भगवती के साधक बेहद कड़े नियम के साथ व्रत और साधना करते हैं। इस दौरान लोग लंबी साधना कर दुर्लभ शक्तियों की प्राप्ति करने का प्रयास करते हैं। माघ नवरात्री उत्तरी भारत में अधिक प्रसिद्ध है, और आषाढ़ नवरात्रि मुख्य रूप से दक्षिणी भारत में लोकप्रिय है।

यह रहेगी गुप्त नवरात्रि जुलाई 2019 की तिथियां--

3 जुलाई बुधवार- प्रतिपदा- गुप्त नवरात्रि प्रारंभ, देवी साधना प्रारंभ

4 जुलाई गुरुवार- द्वितीया- जगदीश रथयात्रा पूर्ण, गुरु-पुष्य संयोग
5 जुलाई शुक्रवार- तृतीया- रवियोग रात्रि 12.19 बजे तक

6 जुलाई शनिवार- चतुर्थी- विनायक चतुर्थी

7 जुलाई रविवार- पंचमी- सर्वार्थसिद्धि योग, कुमार षष्ठी, बुध वक्री

8 जुलाई सोमवार- षष्ठी- रवियोग, विवस्वत सप्तमी, षष्ठी तिथि प्रातः 7.42 तक ही रहेगी।

9 जुलाई मंगलवार- अष्टमी- दुर्गा अष्टमी, सप्तमी तिथि का क्षय

10 जुलाई बुधवार- नवमी- भड़ली नवमी, नवरात्रि पूर्ण, रवियोग।

*गुप्त नवरात्रि क्यों कहते हैं*
गुप्त नवरात्र आषाढ़ और माघ मास के शुक्ल पक्ष में मनाये जाते हैं। गुप्त नवरात्रि में मां काली की पूजा जाती है। गुप्त नवरात्रि में माता काली के गुप्त स्वरुप की पूजा करने का विधान है। यह पूजा तंत्र साधना के लिए की जाती है जोकि बहुत ज्यादा कठिन मानी जाती है इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता है।

सख्त होते हैं नियम
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार जिस प्रकार नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, उसी प्रकार गुप्त नवरात्र में विशेष तौर पर दस शक्तियों की साधना करते हैं। ये नवरात्र खासतौर पर तांत्रिक क्रियाएं, शक्ति साधना से जुड़े लोगों के लिए अहमियत रखते हैं। साधक इस दौरान सख्त नियमों के साथ व्रत रखते हैं। साधक लंबी साधना भी करते हैं।

*क्या अंतर है सामान्य और गुप्त नवरात्रि में?*

- सामान्य नवरात्रि में आमतौर पर सात्विक और तांत्रिक पूजा दोनों की जाती है.

- वहीं गुप्त नवरात्रि में ज्यादातर तांत्रिक पूजा की जाती है.

- गुप्त नवरात्रि में आमतौर पर ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं किया जाता, अपनी साधना को गोपनीय रखा जाता है .

- गुप्त नवरात्रि में किसी विशेष पूजा और मनोकामना जितनी ज्यादा गोपनीय होगी, सफलता उतनी ही ज्यादा ओर जल्दी मिलेगी

गुप्त नवरात्रि में करें सिर्फ ये कार्य, आपके सभी मनोरथ होंगे पूर्ण- गुप्त नवरात्र में अनेक शुभ योग है

व्यापार में आ रही बार बार बाधाएँ ओर विफलता को कैसे करे दुर........

किसी ने व्यापारिक स्थान को बंधवा दिया या किसी प्रकार की भुत प्रेत बाधा दोष या नजर टोना टोटका सभी प्रकार के बधंन से मुकित के लिए गुप्त नवरात्रि ऐसी प्रकार की बाधाएँ को दुर करने के लिए कारग्रर उपाय कयोक गुप्त नवरात्रि ये गुप्त रखे जाते है
गुप्त नवरात्रि में व्यापारिक स्थान पर माँ दुर्गा सप्तशती का बीज मत्रं या वैदिक मत्रं
*सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्*

से संपुटित पाठ करवाऐ या हर रोज। पुरे गुप्त नवरात्रि माँ भगवती के बीज मत्रं या उपर दिये मत्रं की 11 माला से हवन करे या करवाऐ हवन शाम के समय या रात्रि में करवाऐं हवन के लिए साम्राज्ञी के लिए विशेष वशतु का प्रयोग करें ओर पुरे नवरात्रि होने के बाद 9 कन्या को भोजन करवाऐ ओर दक्षिण दे व्यापार में दिन दुगनी रात चौगनी तरकी ये एक सटीक ऊपाय है कयोंकि गुप्त नवरात्रि का गुप्त रहसय है जो सफल अवशय मिलेगी

*व्यापार वृद्धि के लिए उपाय* - 5 सफ़ेद कोडी 5 हलदी की गाठ 2 सुपारी और कुछ पैसे लाल कपड़े में बांध कर नवरात्रि मे माँ भगवती से अपनी मनोकामना बोलकर व्यापार स्थान के मंदिर में रखे हर रोज नवरात्रि मे पुजा करे ऊसके बाद नवमी वाले दिन रवि पुष्य व सर्वार्थ सिद्धि योग है उस अपने तिजोरी में रखे अवश्य व्यापार में दिन दुगनी रात चोगनी तरकि होगी सनातन धर्म के अनुसार साल में चार बार नवरात्र आते हैं दो बार गुप्त ओर दो खुले

*नौकरी से संबंधी उपाय* -यदि नौकरी
या परमोसन संबंधित कार्य में कोई अड़चनें आ रही है तो नवरात्रि मे पहले माता को भोग लगाऐ फिर 9 साल से छोटी कन्या को पुरे नवरात्रि में मिठाई, चॉकलेट बांटे और काले कुते दूध पिलाऐ और भरो बाबा और हनूमान जी का भी मंदिर जाकर आशीर्वाद ले प्रसाद बाँटे आपकी नौकरी समंबधित परेशानी अवश्य दुर होगी

*विवाद में आ रही अड़चनें और बाधाएं* कैसे करे दूर गुप्त नवरात्र में करें उपाय ➗ लड़की के विवाह में आ रही बाधाएँ के लिए पुरे नवरात्र लड़की को माँ गौरी का पूजन करना चाहिए और माँ को लाल चुनरी सहित 16 श्रृंगार अर्पण करे या फिर पति प्राप्ति के लिये मन्त्र-
*कात्यायनी महामाये महायोगिन्यधीश्वरि !*
*नंदगोपसुतम् देवि पतिम् मे कुरुते नम:।*
मत्रं से दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राहमण से करवाऐ माता से प्रार्थना करें हे माँ मै आपकी शरण में आ गयी मुझे शीघ्र अति शीघ्र सौभाग्य की प्राप्ति हो और मेरी मनोकामना शीघ्र पुरी हो माँ भगवती कि कृपा से अवश्य सफलता प्राप्त होगी

इसी प्रकार *लड़के के विवाह में आ रही बाधाएँ* दूर करने के उपाय ➗ लड़के ने नवरात्र के समय माँ दुर्गा का सोढस उपचार पूजन करे और पुजा में मिठाई पेडा और फल में माता को अनार अर्पण करे या फिर पत्नी प्राप्ति के मत्रं
*पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानु सारिणीम्।*
*तारिणींदुर्गसं सारसागरस्य कुलोद्भवाम्॥*
से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ किसी योग्य ब्राह्मण से करवाऐ आपकी मनोकामना शीघ्र पूरी होगी

*राजनीति या कोर्ट के मुकदमा* में सफलता के लिए गुप्त नवरात्रि में -कया करे उपाय ➗ राजनीति करने वाले के लिए ईस बार गुप्त नवरात्रि में है राजनीति करने माँ भगवती के तीनों रूप व माँ पितामबरा (बगला मुखी) पुजा पुरे नवरात्रि को रात के समय करनी चाहिए विजय प्राप्ति के लिए माँ भगवती विजय प्राप्ति मत्रं से दुर्गा सप्तशती से संपुटित सतचंडी पाठ व माँ पीताम्बरा का सवा लक्ष जप रात के समय करवाये और माँ भगवती को मिठाई, फल,पंचमेवा भोग लगाऐ पुजा के समय विजय प्राप्ति यत्रं व माँ बगला मुखी यत्रं अवश्य रखे और हर रोज नवरात्रि में 9 कन्या को जो 9 साल से छोटी हो फल मिठाई व दक्षिणा देवे और कन्याओ के पावं छु कर आशीर्वाद लेवे राजनीति ओर कोर्ट के मुकदमा में सफलता अवशय प्राप्त होगी

*शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए उपाय........*
सर्वबाधा शांति के लिएः *सर्वाबाधा प्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरि एवमेव त्वया कार्यमस्मद्दैरिविनाशनम्* ईस मत्रं का दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ या ईस मत्रं की 11 माला जाप हर रोज करे बाद में दशांश हवन करे ओर मा भगवती को पेडा का भोग लगाऐ ।

*भय नाशक दुर्गा मंत्रः* - *सर्व स्वरूपे सर्वेशे सर्वशक्ति समन्विते, भयेभ्यास्त्रहिनो देवी दुर्गे देवी नमोस्तुते* हर रोज 11 माला जप माता को अनार, ओर पेडा का भोग लगाऐ दशांश हवन करे सभ प्रकार की भय बाधा दुर होगी

*बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिएः* *सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन-धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय*! इस मंत्र से माँ दुर्गा सप्तशती का संपुटित पाठ करवाऐ सनंतान प्राप्ति रूका हुआ धन प्राप्ति के लिए सबसे सटीक ऊपाय यह योग्य ब्राह्मण से करवाऐ सफलता अवश्य प्राप्त होगी।


गुप्त नवरात्रि तांत्रिक साधना के लिए महत्वपूर्ण---
गुप्त नवरात्रि के दौरान अधिकांश तांत्रिक साधक देवी माता की आराधना करके ज्यादा से ज्यादा लाभ-पुण्य कमाने की कोशिश करते हैं। गुप्त नवरात्रि के दिन तंत्र-मंत्र सिद्धि के लिए बेहद लाभकारी दिन माने गए हैं। इतना ही नहीं, कई साधक इन दिनों में दसों महाविद्याओं की साधना भी करते हैं। ऐसा करके वो ना सिर्फ अपने जीवन की परेशानियों का अंत करते हैं बल्कि इसके जरिए वो दूसरों की भलाई का काम भी कर सकते हैं।

ऐसा विश्वास है कि इन दिनों की गई तांत्रिक साधनाएं सफल और सिद्धिदायक होती हैं। जो साधक इस दौरान सामान्य सी पूजा भी करता है उसे उसका 9 गुना अधिक फल मिलता है।
पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि इस व्रत में मां दुर्गा की पूजा देर रात में करनी चाहिए। इसके बाद मूर्ति स्थापना के बाद मां दुर्गा को लाल सिंदूर और लाल चुनार चढ़ाएं। फिर नारियल, केले, सेब, तिल के लडडू, बताशे चढ़ाएं। माता के चरणों पर लाल गुलाब के फूल भी अर्पित करें। अब गुप्त नवरात्रि के दौरान सरसों के तेल से ही दीपक जलाएं और साथ ही 'ॐ दुं दुर्गायै नमः' का जाप करना चाहिए।

गुप्त नवरात्रि की पौराणिक कथा---
इस कथा के अनुसार एक बार ऋषि श्रंगी भक्तों को प्रवचन दे रहे थे। इसी दौरान भीड़ से एक स्त्री हाथ जोड़कर ऋषि के सामने आई और अपनी समस्या बताने लगी। स्त्री ने कहा कि उनके पति दुर्व्यसनों से घिरे हैं और इसलिए वह किसी भी प्रकार का व्रत, धार्मिक अनुष्ठान आदि नहीं कर पाती। स्त्री ने साथ ही कहा कि वह मां दुर्गा के शरण में जाना चाहती है लेकिन पति के पापाचार के कारण यह संभव नहीं हो पा रहा है।

यह सुन ऋषि ने बताया कि शारदीय और चैत्र नवरात्र में तो हर कोई मां दुर्गा की पूजा करता है और इससे सब परिचित भी हैं लेकिन इसके अलावा भी दो और नवरात्र हैं। ऋषि ने बताया कि दो गुप्त नवरात्र में 9 देवियों की बजाय 10 महाविद्याओं की उपासना की जाती है। ऋषि ने स्त्री से कहा कि इसे करने से सभी प्रकार के दुख दूर होंगे और जीवन खुशियों से भर जाएगा। ऐसा सुनकर स्त्री ने गुप्त नवरात्र में ऋषि के अनुसार मां दुर्गा की कठोर साधना की। मां दुर्गा इस श्रद्धा और भक्ति से हुईं और इसका असर ये हुआ कि कुमार्ग पर चलने वाला उसका पति सुमार्ग की ओर अग्रसर हुआ। साथ ही स्त्री का घर भी खुशियों से भर गया।

यह हैं गुप्त नवरात्र की पूजाविधि --
शारदीय और चैत्र नवरात्र की तरह ही गुप्त नवरात्र में कलश स्थापना की जाती है। नौ दिन तक व्रत का संकल्प लेकर प्रतिदिन सुबह-शाम मां दुर्गा की अराधना इस दौरान की जाती है। साथ ही अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं के पूजन के साथ व्रत की समाप्ति होती है। तंत्र साधना करने वाले इस दौरान माता के 10 महाविद्याओं की साधना करते हैं।

गुप्त नवरात्र के दौरान दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशी का पाठ करें और साथ ही लाल रंग का पुष्प माता को चढ़ाएं। ऐसी मान्यता है कि इस पूजा को करते समय इस बारे में किसी और नहीं बताना चाहिए और मन से मां दुर्गा की अराधना में तल्लीन रहना चाहिए। ऐसा करने से पूजा ज्यादा सफल होती है।

माँ भगवती की कृपा सभी भक्तो पर बनी रहे |

पंडित दयानंद शास्त्री

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