इस Article के बाद तो बातचीत के प्रति आपका lifestyle का लहजा ही बदल जायेगा

इस Article के बाद तो बातचीत के प्रति आपका lifestyle का लहजा ही बदल जायेगा

समझें जीवन मे चर्चा/बातचीत Lifestyle के महत्व एवम प्रभाव को...


आज जिस विषय पर मैं कुछ कहना चाहता हूँ, वह हमारे जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है, "बातचीत"!

जन्म लेने के बाद से मृत्यु होने तक, जीवन भर बातचीत का सिलसिला चलता रहता है।
किन्तु बहुत बार हम सभी, कभी न कभी, घर-परिवार में/या मित्रों के साथ/ रिश्तेदारों/ पड़ोसियों या सहकर्मियों के साथ, 'बातचीत' के सिलसिले को कुछ समय के लिए या कभी कभी हमेशा के लिए बन्द/समाप्त कर देते हैं।
सभी के कारण, जायज या नाजायज कुछ भी हो सकते हैं, और जिसका justification सभी के पास होता है।
अपने आप को सभी सही समझते हैं।जो उनको suit करता है, उसके according ही उनके reasons और logics होते हैं।
इस "बातचीत बंद"( Break-up) का 'राज' कहीं न कहीं हमारी personality में ही छुपा होता है, किसी खास रुप में ।
कहीं 'Ego, तो कहीं 'arrogance',
कहीं 'prestige issue' तो कहीं 'hypocrisy',
कहीं 'power' तो कहीं 'weakness',
कहीं 'over confidence' तो कहीं' 'over cleverness',
कहीं 'superiority complex' तो कहीं 'inferiority complex',
कहीं 'anger' तो कहीं 'violence',
कहीं 'lust' तो कहीं 'sick-love',
कहीं 'demand' तो कहीं 'over-demand',
कहीं 'jelousy' तो कहीं 'envy',
कहीं 'money' तो कहीं 'status'
और न जाने क्या क्या,,,,,,,,,,,!

क्योंकि हम "भूल" रहे होते हैं कि कोई भी इंसान '100% perfect' नहीं होता। ईश्वर हर किसी को कुछ न कुछ विशेषता और कुछ न कुछ कमी के साथ ही जीवन प्रदान करता है। बस यही, जी हाँ बस यही हम समझ नहीं पाते, याद नहीं रख पाते।

यदि इस सत्य को सहजता से यदि हम स्वीकार कर सकें, तो संभवत "बातचीत" का सिलसिला न टूटे या कम टूटे। निरंतर "बातचीत" से ही पारिवारिक/सामाजिक, राजनितिक और राजनैतिक तथा निजी संबंधों में मजबूती और प्रगाढ़ता आती है।
और सबसे ऊपर ईन्सानियत मजबूत होती है।

अब बात ज्योतिष की,,, जन्म पत्रिका में यदि 'चंद्रमा' की स्थिती कमजोर हो तो व्यक्ति, भावुकता वश, "depression" के जाल में फंस जाता है, फलस्वरूप, घर परिवार, मित्र, रिश्तेदार और समाज से कटने/छुपने/दूर रहने लगता है।

नतीजन वह कम बोलता है, या चुप चुप रहने लगता है, इसके लिए शीघ्र ही किसी ज्योतिष विशेषज्ञ की सलाह लेकर, उपाय करें, औषधी का भी कम से कम प्रयोग करें, वह भी doctors की सलाह से।

अब विशेष बात,,,,,,,,"depression" में प्राणायाम(breathing exercise) बहुत शीघ्र लाभ पहुँचाता है।
"""""""और 'depression' में सबसे ज्यादा असरकारक कोई चीज है तो वो है,, "बातचीत"'.... ! जितना ज्यादा बात करेगें उतनी जल्दी स्वस्थ होंगें।

तो दोस्तों बातचीत बंद न करें, अगर दिल में कुछ बात है तो उसे खत्म करें, गुस्सा,जलन, complexity या नफरत की आग को पालें नहीं,जलाए न रखें, यह अंदर ही अंदर आपको जलाते हैं आपकी personality को नष्ट करते हैं।
हो सके तो "माफ करें, भूल जाएं( forgive and forget), समझदार बने, बड़े बने, जी, "इंसान' ही बने रहें।क्योंकि भूले नहीं 'No one is 100% perfect', not even you or me or any one else.

So dear friends, लोगों से मिले जुलें, /call करें, social sites पर active रहे, और " बातचीत" करते रहें, यही स्वस्थ जीवन का मूल आधार है।
धन्यवाद।
सादर नमस्कार।

विशेष:: इस लेख में जो पसंद/समझ आए केवल उसे ही स्वीकारें, जो पसंद न हो उसे अनदेखा करें।

पंडित दयानंद शास्त्री

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