आज से शुक्र ग्रह का हो रहा राशि परिवर्तन ,इन राशियों की बदल जाएगी किस्मत

आज से शुक्र ग्रह का हो रहा राशि परिवर्तन ,इन राशियों की बदल जाएगी किस्मत

जानिए शुक्र का राशि परिवर्तन--

आज से यानी 10 सितंबर 2019 को एक बार फिर दैत्यों के गुरु व भाग्य के कारक शुक्र ग्रह राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं।
शुक्र का कन्या राशि में यह गोचर हर राशि के जातक को प्रभावित करेगा। ऐसे में जहां कुछ राशियां इस गोचर के चलते लाभांवित होंगी। वहीं कुछ को इस दौरान नुकसान होने की भी संभावना है।
शुक्र ग्रह को वैवाहिक जीवन, प्‍यार और रिलेशनशिप का कारक माना जाता है। शुक्र के प्रभाव से विपरीत लिंग के प्रति आकर्षण पैदा होता है। शुक्र के शुभ प्रभाव से व्‍यक्ति को धन ऐश्‍वर्य की प्राप्ति होती है।
आज 10 सितम्बर 2019 (मंगलवार) - समय 01:54 - शुक्र का राशि परिवर्तन, सिंह से कन्या : 11 सितम्बर 2019 (बुधवार) - समय 05:08 - बुध का राशि परिवर्तन, सिंह से कन्या : 17 सितम्बर 2019 (मंगलवार) - समय 13:19 - सूर्य का राशि परिवर्तन, सिंह से कन्या : 25 सितम्बर 2019 (बुधवार) - समय 06:58 - मंगल का राशि परिवर्तन, सिंह से कन्या : 29 सितम्बर 2019 (रविवार) - समय 13:06 - बुध का राशि परिवर्तन, कन्या से तुला में।
उल्लेखनीय हैं कि अभी अगस्त 2019 में ही बुध, मंगल, गुरु, शुक्र व सूर्य ने अपनी चाल बदली थी या राशि परिवर्तन किया था।
सितंबर 2019 के महीने में 4 ग्रहों के राशि परिवर्तन और शनि के मार्गी होने से सात राशि के लोगों के लिए यह समय बहुत अच्छा रहने वाला है। ये सात भाग्यशाली राशियां होंगी- वृषभ, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर और कुंभ राशि।इसके अलावा इसी महीने में शनि धनु राशि में मार्गी होकर चलेंगे। इन चार ग्रहों के राशि परिवर्तन और शनि के मार्गी होने से कई लोगों के जीवन में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा।


यह रहेगा गोचर का समय और अवधि...
इसके अलावा इसी महीने में शनि धनु राशि में मार्गी होकर चलेंगे। इन चार ग्रहों के राशि परिवर्तन और शनि के मार्गी होने से कई लोगों के जीवन में इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा। राशि परिवर्तन से सभी राशियों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह का प्रभाव पड़ेगा।
शुक्र ग्रह व्यक्ति को आकर्षण, सुख और काम प्रदान करते है। शुक्र दो राशि वृषभ और तुला के स्वामी होते हैं और दैत्यों के गुरु भी है। शुक्र का एक राशि में गोचर 23 दिनों का होता है। इस अवधि में शुक्र विभिन्न राशियों में अलग-अलग फल प्रदान करता है। इसके साथ ही कुंडली में शुक्र ग्रह की स्थिति से भी व्यक्ति को इसका शुभ-अशुभ फल प्राप्त होता है। इस बार शुक्र ग्रह 10 सितम्बर 2019 यानि मंगलवार को सुबह 01:24 बजे कन्या राशि में गोचर करेगा । जीवन में सुख-समृद्धि शुक्र के शुभ प्रभाव से ही आती है। 10 सितंबर को शुक्र कन्या राशि में प्रवेश के बाद ही 25 सितंबर को इसी राशि में शुक्र का उदय भी होगा।साथ ही 4 अक्टूबर 2019, शुक्रवार को सुबह 04:56 बजे तक इसी राशि में रहेगा।
कुंडली में बुद्ध ग्रह के मजबूत होने पर जातक विद्वान होता है और उसकी तर्क क्षमता मजबूत रहती है। 11 सिंतबर 2019 को बुध कन्या राशि में प्रवेश करेंगे फिर इसके बाद 29 सितंबर 2019 को तुला राशि में। युवराज चंद्र पुत्र बुध लगभग 11 महीने बाद अपनी स्वयं की राशि कन्या में 11 सितंबर की सुबह 5:00 बजे प्रवेश करेंगे। जहां ये पहले से ही विराजमान नीचसंज्ञक शुक्र के साथ युति करेंगे। कन्या राशि बुध की अपनी अतिशुभ प्रभाव वाली राशि है जिसमें पहुंचकर बुध कार्य व्यापार में उन्नति प्रदान करते हैं। शुभ समाचार यह है कि शुक्र का नीचभंग योग भी शुरू हो जाएगा क्योंकि, वह स्वराशि स्वामी बुध के साथ विराजमान है अतः शुक्र के नीच राशि गत होने की अशुभता में कमी आएगी। निश्चित रूप से कार्य व्यापार के क्षेत्र में प्रगति होगी और प्राकृतिक आपदाओं में कमी आएगी।

समझें शुक्र के अन्य राशियों से संबंध--
राशियों में शुक्र ग्रह वृषभ और तुला राशि का स्वामी है। वहीं मीन इसकी उच्च राशि मानी जाती है और कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। वहीं नक्षत्रों में यह भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामी है। ग्रहों में बुध और शनि ग्रह शुक्र के मित्र ग्रह हैं और सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह कहलाते हैं।

ज्योतिष विज्ञान में शुक्र ग्रह को भौतिक सुखों का कारक माना गया है। यह एक शुभ ग्रह है। वहीं शास्त्रों में इसे असुरों के गुरु शुक्राचार्य के रूप में जाना जाता है। शुक्र के शुभ प्रभाव जहां व्यक्ति को समस्त सांसारिक सुख प्रदान करता है। वहीं अशुभ प्रभाव के चलते यह व्यक्ति में संस्कारहीनता, अपयश, परिवार में अलगाव और दुःख का इजाफा करता माना गया है।

शुक्र ग्रह के इन मन्त्रों को जपने से होगा लाभ--

शुक्र का वैदिक मंत्र : ॐ अन्नात्परिस्त्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत् क्षत्रं पय: सोमं प्रजापति:।
ऋतेन सत्यमिन्द्रियं विपानं शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोऽमृतं मधु।।

शुक्र का तांत्रिक मंत्र : ॐ शुं शुक्राय नमः ।।

शुक्र का बीज मंत्र : ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः ।।

पंडित दयानंद शास्त्री

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