काली हल्दी को सिद्ध करके इस तरह करें पूजा शुरू हो जाएगी धनवर्षा
जाने ओर समझें कैसे करें काली हल्दी (Kali Haldi ) को सिद्ध
काली हल्दी से वशीकरण(kali haldi se vashikaran)
काली हल्दी का प्रयोग तांत्रिक रूप से भी किया जाता है और अगर किसी को अपने बस में करना है यानी कि वशीकरण करना है तो इसके लिए तांत्रिक प्रयोग करते हुए काली हल्दी को किस कर जिस तरीके से चंदन का टीका लगाया जाता है उसी तरीके से चंदन के टीके की तरह से ही अपने माथे पर काली हल्दी का टीका लगाते हुए और साथ में तांत्रिक उपयोग में यह भी बताया जाता है|
काली हल्दी के पेस्ट में उसमें यदि अपनी सबसे छोटी उंगली कनिष्ठा उंगली का उसमें रक्त भी मिला दिया जाए तो तांत्रिक प्रयोगों में और भी वृद्धि हो जाती है या तिलक लगाकर अगर कोई भी व्यक्ति किसी के सामने जाता है तो उससे जो भी काम कराना चाहता है वह उसके बस में आ जाता है यानी की पूरी तरीके से आकर्षित रहता है और आकर्षण इस तरीके से होता है कि जो भी काम उससे कहा जाता है वह कर देता है।
दूसरा सबसे सटीक उपाय उपाय वशीकरण के लिए बताया जाता है कि काली हल्दी रोली और तुलसी को 30 का जिसमें आंवले का रस भी मिलाया जाए इसके तिलक को पूजा के बाद लगाया जाए तो उससे भी वशीकरण होता है और सामने वाला व्यक्ति आकर्षित होता है एक जो सबसे सटीक उपाय बताया जाता है वशीकरण के लिए इसके लिए एक काम रोज करना चाहिए कि यदि आप अपने कार्यालय में या व्यापार स्थल पर है और आप यह चाहते हैं कि आप के प्रति आकर्षण लोगों का बना रहे यानी कि आप से बात करें उसको लोग माने उसके लिए आपको एक बेस्ट बनाना होगा जिसका तिलक आपको लगाना होगा उसमें काली हल्दी श्वेतार्क की जड़ सफेद चंदन गोरोचन पान और हरसिंगार इन सारी चीजों की जड़ को कायदे से पीसकर एक चांदी की डिब्बी में पेस्ट बनाकर उसको रखें और आप अपने कार्यस्थल पर यह किसी विशेष दिन जिस दिन आपको लगता है कि आपकी विशेष मीटिंग होने जा रही है किसी से आप मिलने जा रहे हैं आप उसको आकर्षित करना चाहते हैं जिससे आपका काम सफल लोग तब आप इस तिलक को अपने माथे पर लगा सकते हैं और उससे आप के प्रति आकर्षण रहेगा और आप से लोग आपकी बातों को मानेंगे और आपके काम सफल होते चले जाएंगे।
काली हल्दी से क्या होता है ?
वैसे तो काली हल्दी का उपयोग दवाओं में और पूजा पाठ में किया जाता है लेकिन इसका उपयोग जैसा कि देखा गया है कि हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार हल्दी में काली हल्दी का उपयोग माता काली की पूजा के लिए भी किया जाता है और इसको कई दवाओं में प्रयोग किया जाता है हल्दी का प्रयोग वैसे भी दर्द से बचाव के लिए किया जाता है कई दवाओं में भी होता है और अगर किसी को चोट लग जाती है तो उसमें भी हल्दी दूध में डालकर पिया जाता है9 काली हल्दी को और भी कारगर माना जाता है और इसको चोट लगने के अस्थान पर भी लगाया जाता है साथ ही काली हल्दी को बंगाल में ज्यादा इसका उपयोग होता है वहां माता काली की पूजा में काली हल्दी का उपयोग किया जाता है।
काली हल्दी कहाँ मिलेगी ?
काली हल्दी का सबसे ज्यादा उपयोग पश्चिम बंगाल में इसलिए किया जाता है कि वहां का तापमान 15 से 40 डिग्री सेल्सियस तक होता है जो कि काली हल्दी की खेती के लिए बहुत ही उपयुक्त होता है इसलिए काली हल्दी ज्यादा से ज्यादा बंगाल में उगाई जाती है और वही इस का ज्यादा उपयोग होता है वैसे तो काली हल्दी जो पूजा के लिए हिंदू धर्म में जितनी मान्यताएं हैं उसमें काली हल्दी का तंत्र मंत्र के लिए ज्यादा उपयोग किया जाता है और दबाव में भी इसका उपयोग किया जाता है लेकिन सबसे ज्यादा अगर यह काली हल्दी बोई जाती है तो पश्चिम बंगाल में बोई जाती है क्योंकि वहां की मिट्टी दोमट हुई और मटियार होती है जहां काली हल्दी बहुत ही आसानी से उगाई जा सकती है और इसलिए पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा यह भी जाती है और वहीं से हर जगह की सप्लाई की जाती।
काली हल्दी की पहचान क्या है ?
पहचानने का सबसे अच्छा उपाय यह है कि यह और हल्दी से अलग होती है जहां साधारण हल्दी पीले रंग की होती है वहीं इस हल्दी को काटने के बाद यह ऊपर से भी और अंदर भी हल्की-हल्की काली काली दिखती है यही नहीं जब यह जमीन के अंदर होती है तब भी इसको बहुत ही आसानी से पहचाना जा सकता है इसके जो पत्ते होते हैं पत्ते के बीच में एक काली धारी होती है जिसको देखकर ही बहुत ही आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह काली हल्दी है।
हल्दी कितने प्रकार की होती है ?
हल्दी मुक्ता तीन तरह की होती है जिसमें अगर इसके रंग की बात करें तो यह पीले नारंगी रंग और काले रंग की होती है कच्ची हल्दी जो होती है उसका अगर छिलका हटाया जाए उसको अगर छोड़ दिया जाए तो वह नारंगी रंग की दिखने लगती है लेकिन यह कच्ची हल्दी ही होती है और उसके बाद में जब यह हल्दी पक जाती है तो यह पीली हो जाती है और काली हल्दी इन सब से अलग होती है काली हल्दी हल्के मटमैला रंग की होती है और इसको काटने के बाद में अंदर से काला दिखता है जिसे काली हल्दी के रूप में जाना जाता है