Diwali 2019 एक साथ तीन सूक्तों की करनी होगी पूजा

Diwali 2019 एक साथ तीन सूक्तों की करनी होगी पूजा

इस नक्षत्र में पूजा करने पर दीपावली 2019 (Diwali 2019) में होगा विशेष लाभ

धर्म डेस्क -रोशनी का पर्व दीपावली(Diwali 2019) इस बार पद्म योग, चित्रा व स्वाति नक्षत्र में मनाई जाएगी। विशेष योग के चलते दीपावली शुभ फलदायक रहने वाली है। पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार पद्म योग सुख-समृद्धि दायक होता है। ये महालक्ष्मी पद्म योग 27 अक्टूबर 2019 को सूर्योदय से मध्य रात्रि तक रहेगा। इस योग में पूजा-अर्चना करने से घर और प्रतिष्ठान में समृद्धि का वास होता है।

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि इस वर्ष दीपावली(Laxmi Pujan Vidhi) के दिन महालक्ष्मी के साथ, कुबेर व अष्ट सिद्धियों का पूजन करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में सायंकाल प्रदोष काल में पूजन करने को विशेष फलदायक बताया गया है।

इस वर्ष दीपावली की पूजा चित्रा नक्षत्र में होगी जिसके नक्षत्र स्वामी मंगल एवम राशि स्वामी बुध हैं। इस वर्ष दीपावली (2019 (Diwali 2019)में) पर देव गुरु वृहस्पति, वृश्चिक राशि में रहेगा एवं राहु मिथुन में रहेगा। दीपावली (Diwali Pujan)की शाम को लगभग 5 बजे से सूर्य, शुक्र एवम चंद्रमा, तुला राशि में स्थित रहेंगें। यह योग इससे पहले 1884 में बना था। इसके बाद यह योग दोबारा 131 साल बाद सन् 2145 में बनेगा। सभी ग्रह राहु केतु के अजीब चक्रव्यूह में स्थित होकर कालसर्पयोग निर्मित कर रहे हैं।

यही नहीं, इस बार दीपावली (Diwali 2019) का पर्व सौभाग्य व धाता योग में मनाया जाएगा। इस योग में की गई लक्ष्मी पूजा सुख-समृद्धि, धन-वैभव दिलाने वाली रहेगी। ये योग जनसामान्य को शुभ फल देने वाले हैं। इस कारण भी न सिर्फ आम लोगों, बल्कि संपूर्ण देश के लिए यह त्योहार महत्वपूर्ण होगा।

रविवार को दीपावली (Diwali 2019)के दिन सायंकाल 5:30 बजे से रात्रि 8.25 बजे तक प्रदोष काल रहेगा। यह समय घर, प्रतिष्ठान, मिल, मंदिर आदि में पूजा के लिए उपयुक्त समय है। इस दिन अग्निवास "पृथ्वी" पर ही होगा जो हवन यज्ञ आदि हेतु शुभ हैं।दिशाशूल पश्चिम दिशा में रहेगा।

श्री सूक्त पाठ, कनक धारा स्तोत्र व दुर्गा सप्तशती पाठ करना श्रेयस्कर

लक्ष्मी पूजन(Laxmi Pujan Vidhi) में श्री सूक्त पाठ, कनक धारा स्तोत्र व दुर्गा सप्तशती पाठ करना श्रेयस्कर रहेगा। उज्जैन के अक्षांश ओर पंचांगनुसार 27 अक्टूबर 2019( रविवार) को दिनभर चित्रा नक्षत्र लगेगा। इस बार महालक्ष्मी का पूजन हस्त (प्रातः 11 बजकर 11 मिनट तक) और चित्रा नक्षत्र के मंगलकारी शुभ संयोग में बनेगा।
27 अक्टूबर (रविवार) की सुबह चतुर्दशी तिथि रहेगी और शाम को अमावस्या रहेगी। इस वजह से रविवार को ही लक्ष्मी पूजन किया जाएगा।

महालक्ष्मी पूजन (Laxmi Pujan Vidhi)27 अक्टूबर 2019 (रविवार) को होगा। इस दिन अमावस्या तिथि दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 28 अक्टूबर 2019 को सुबह 9 बजकर 08 मिनट तक रहेगी।
ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए रात का समय ही श्रेष्ठ रहता है। इस वजह से अधिकतर लोग देर रात लक्ष्मी पूजन करते हैं। इस संबंध में मान्यता है कि जो लोग दिवाली की रात जागकर लक्ष्मी पूजा करते हैं, उनके घर में देवी लक्ष्मी का आगमन होता है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

27 अक्टूबर को सुबह उदयाकाल में चतुर्दशी होने से रूप चतुर्दशी पर अभ्यंग स्‍नान से सौंदर्य निखारा जाएगा जबकि शाम को प्रदोषकाल में कार्तिक अमावस्या होने से महालक्ष्मी पूजन भी इसी दिन होगा।

तो इस बार 27 अक्टूबर 2019 को ही दिवाली मनेगी और रात को मां लक्ष्मी की पूजा की जाएगी।

इसके साथ ही दीपावली(Diwali 2019) के अगले दिन 28 अक्टूबर सुबह अमावस्या तिथि होने से सोमवती अमावस्या का संयोग भी बनेगा।

प्रतिपदा तिथि का क्षय, बनेगा सोमवती अमावस्या का संयोग---

गिरिराज और गो-धन के पूजन का पर्व इस वर्ष 28 अक्टूबर को मनाया जाएगा। इसका कारण कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा तिथि का क्षय होना है। प्रतिपदा तिथि किसी भी दिन सूर्योदय को स्पर्श नहीं कर रही है। अमावस्या तिथि इस दिन सुबह 9.08 बजे तक रहेगी।

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