एक हफ्ते तक गुजरात में मनाई जाती है दिवाली लाभ पंचमी के दिन होता है समापन

एक हफ्ते तक गुजरात में मनाई जाती है दिवाली लाभ पंचमी के दिन होता है समापन

लाभ पंचमी (labhpanchami) के दिन पूजा करने से जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, अच्छा भाग्य, उन्नति आती है

डेस्क -जहाँ पूरे भारत में दिवाली (diwali 2019) का पर्व भाई दूज के साथ ही ख़त्म हो जाता है और लोग अपने काम धंधे में लग जाते हैं वहीँ गुजरात राज्य ऐसा है जहां पर दीपावली (diwali 2019) कि पूजा कार्तिक शुक्ल पंचमी तक मनाई जाती है जिसे लाभ पंचमी का पर्व कहा जाता है इस बार (शुक्रवार) 1 नवंबर 2019 को गुजरात में लाभ पंचमी (labhpanchami) का पर्व मनाया जाएगा यह त्यौहार खासकर व्यापारी वर्ग का होता है और लाभ पंचमी के दिन इस त्योहार पर भगवान गणेश के पूजन से विघ्नों का नाश होता है और शिव-पार्वती के पूजन से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की भी पूजा की जाती है।

लाभ पंचमी का शुभ मुहूर्त----

लाभ पचंमी शुभ मुहुर्त 1 नवंबर 2019

पूजा मुहूर्त 06:33 से 10:14 बजे तक

पंचमी तिथि प्रारंभ 01:01 बजे से (1 नवंबर 2019)

पंचमी तिथि समाप्त 00:15 बजे तक (2 नवंबर 2019)

गुजरात में लाभ पंचमी के दिन दिवाली(diwali 2019) उत्सव का समापन होता है, और इस दिन को अत्यधिक शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि लाभ पंचमी के दिन पूजा करने से जीवन, व्यवसाय और परिवार में लाभ, अच्छा भाग्य, उन्नति आती है. गुजरात में सभी व्यवसायी दिवाली के बाद त्यौहार मनाकर इसी दिन वापस अपने काम को शुरू करते है. लाभ पंचमी गुजरात न्यू इयर के हिसाब से पहला कामकाजी दिन होता है।

लाभ पंचमी(labhpanchami) से हो जाती है गुजराती नव वर्ष कि शुरुआत

गुजरात के क्षेत्रों में, इसे आधिकारिक तौर पर गुजराती नव वर्ष का पहला दिन माना जाता है। लाभ पंचमी को गुजरात नववर्ष के हिसाब से पहला कामकाजी दिन माना जाता है।

लाभ पंचमी (labhpanchami) कि पूजा के बाद लोग अपनेबही खाते (Accounts) बनाते हैं और अपने व्यापार का नया साल भी इसी दिन से मनाते हैं | गुजराती वैसे भी व्यपार करने में काफी आगे रहते हैं और यही नहीं इस दिन यह लोग एक दूसरे के घर जाकर मिठाइयाँ भी बांटते हैं इनका मानना है कि रिश्तों में इस तरह से एक दूसरे के लिए मिठास बनी रहती है

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