उपद्रवी नहीं कर सकेंगे माहौल ख़राब, हर tweet पर रहेगी Capwing software की नजर

उपद्रवी नहीं कर सकेंगे माहौल ख़राब, हर tweet पर रहेगी Capwing software की नजर

Capwing Software से सरकार(Indian Government) रखेगी हर tweet पर नजर

Tech news Desk -twitter पर tweet कहाँ से किया गया किसने किया और कब किया गया गया इस पर कैपविंग सॉफ्टवेर की नजर में रहेगी | इस सॉफ्टवेर में कई सारे फ़िल्टर लगे हैं जिसके द्वारा धार्मिक मामलों या अन्य संवेदनशील मामलों पर tweet होते ही इस पर मानिटरिंग होने लगेगी | इंडिया इंटरनेशनल साइंस (India International Science) में दिखाए गए इस साफ्टवेयर (Software) में बताया गया कि अब सरकार द्वारा इस पर लगातार नजर रहेगी कि धार्मिक उन्माद फैलाने की अगर किसी ने कोशिस की तब वह पुलिस की गिरफ्त से बहुत दूर नहीं होगा | ऐसा संभव होने जा रहा है आईआईटी पटना (Indian Institute Of patna) के इंक्यूबेशन सेंटर ने तैयार किया सॉफ्टवेयर द्वारा जिसे इंडिया इंटरनैशनल साइंस फेस्टिवल में प्रस्तुत किया गया इस मॉडल के
एग्जेक्यूटिव मैनेजर आलोक कुमार ने बताया कि इससे ट्विटर के माध्यम से अफवाह और धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर आसानी से लगाम लगाई जा सकती है।

यही नहीं पुलिस के रडार पर आते ही यह tweet को रोका जा सकता है |

अगर किसी धार्मिक मुद्दे पर किसी विशेष क्षेत्र में ज्यादा ट्वीट और रीट्वीट किये जा रहे होंगे तो इससे उसका पता लगाकर वहां इंटरनेट या ट्विटर को जैम किया जा सकेगा। इससे उस क्षेत्र में वो अफवाह या लोगों को भड़काने जैसे कार्यों को रोका जा सकेगा।

अभी सरकार के लिए सबसे बड़ी मुश्किल होती है की किसी भी संवेदनशील समय पर किस तरह से सोशल मीडिया पर नजर राखी जाए जिसमे सबसे ज्यादा मुश्किल twitter और whatsapp पर नजर रखनी होती है|



वर्तमान में इंटरनेट पर ही सरकार को लगाम लगा पाने में मुश्किल होती है। ऐसे में इस तरह की ऐप से ये काम काफी आसान हो जाएगा। अगर ये सफलतापूर्वक सरकार के उपयोग में आता है तो दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के लिए भी इस तरह के सॉफ्टवेयर तैयार किये जाएंगे ताकि लॉ ऐंड आर्डर को लागू करने में सरकार की मदद की जा सके। 
धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर लगेगी लगाम
के मैनेजर जोसफ पॉल ने बताया कि इसमें कई तरह के फिल्टर लगाए गए हैं।

जिसमें रिलीजन (Religion), जियॉग्रफिकल रीजन (Geological Reason ), ईवेंट और तिथि समेत कई फिल्टर है।

इतना ही नहीं उस मुद्दे पर सबसे पहला ट्वीट किसने किया और उसे कितनों ने रिट्वीट किया ये भी इससे देखा जा सकेगा। उस व्यक्ति की ट्विटर(Twitter) आईडी समेत ब्योरा भी आ जाएगा। इससे उसके खिलाफ कार्रवाई कारना भी अब आसान होगा।

इसके पहले भी fake News को रोकने के लिए गूगल इनिशिएटिव(Google Initiative) द्वारा भी काफी सेमिनार करके लोगों को Fake news को रोकने और कोई भी गलत मेसेज को प्रमोट करने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कई सारे कार्यक्रम किये गए हैं |

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