जानिए ऐसा क्या हुआ प्रधानमंत्री के साथ चल रहे एसपीजी के सुरक्षाकर्मी दौड़ पड़े

जानिए ऐसा क्या हुआ प्रधानमंत्री के साथ चल रहे एसपीजी के सुरक्षाकर्मी दौड़ पड़े

जानिए ऐसा क्या हुआ प्रधानमंत्री के साथ चल रहे एसपीजी के सुरक्षाकर्मी दौड़ पड़.....

कानपुर,उत्तर प्रदेश के कानपुर पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चल रहे सुरक्षाकर्मियों व अधिकारियों के हाथ पैर उस समय फूल गए जब अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीढ़ियों से फिसल कर गिर पड़े सुरक्षाकर्मियों ने आनन-फानन में उन्हें अकड़ कर उठाना चाहा लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ही उठकर खड़े हो गए और उसके बाद सावधानी पूर्वक सीढ़ियां चढ़ते ऊपर आए .

इस घटना के बाद मौके पर मौजूद सभी अधिकारी के चेहरे पर चिंता की लकीर साफ तौर पर दिख रही थी तो वही मौके पर मौजूद अन्य मंत्री व अधिकारी गण प्रधानमंत्री से उनके हालचाल जानने में जुड़ गए थे बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल गंगा कांउसिल की पहली बैठक में नमामी गंगे की परियोजनाओं का हाल जाना और उसमें गिर रहे नालों का जायजा लेने के लिए कानपुर आया होए थे और गंगा नदी की स्वच्छता का जायजा लेने के लिए वह अटल घाट पहुंचे और बोट में सवार होकर गंगा की अविरलता और निर्मलता का जायजा लिया।

बोट से वह बंद हुए सीसामऊ नाले तक गए और वहां बने सेल्फी प्वाइंट को देखा।करीब 45 मिनट तक प्रधानमंत्री ने मां गंगा की गोद में बिताए।गंगा नदी में नाव से प्रदूषण तथा सफाई का जायजा लेने के बाद वापसी बोर्ड से उतर कर घाट की सीढ़ियां चल रहे थे तभी अचानक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सीढ़ियों पर फिसल कर गिर गए जैसे ही वह गिरे उनके सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत उन्हें पकड़कर उठाने का प्रयास किया लेकिन खुद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उठकर खड़े हो गए लेकिन सीढ़ियों से फिसलने की घटना घटते ही मौके पर मौजूद सभी आला अधिकारियों के माथे पर पसीना आ गया और सभी एक चेहरे पर घबराहट साफ तौर पर दिख रही थी .

लेकिन इसके विपरीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी की तारीफ करते हुए वापस गाड़ियों के पास तक आए और फिर यहां से वापस सीएसए कृषि विवि पहुंचने के बाद हेलीकॉप्टर से चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे।और यहां से प्रधानमंत्री दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इस मामले को लेकर मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे ने बताया कि सीढ़ियों की ऊंचाई अधिक होने की जानकारी एसपीजी को कल ही बता दिया गया था कि एक सीढ़ी ज्यादा ऊंची है।लेकिन यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है।

अवनीश

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