Basant Panchami के ही दिन पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को उतार दिया था मौत के घाट

Basant Panchami के ही दिन पृथ्वीराज चौहान ने मोहम्मद गौरी को उतार दिया था मौत के घाट

पृथ्वीराज चौहान(Prithviraj Chauhan) और मोहम्मद गोरी की यादें --

बसंत पंचमी (Basant Panchami)का दिन हमें पृथ्वीराज चौहान की भी याद दिलाता है| उन्होंने मोहम्मद ग़ोरी को 16 बार पराजित किया और उदारता दिखाते हुए हर बार जीवित छोड़ दिया, पर जब सत्रहवीं बार वे पराजित हुए, तो मोहम्मद ग़ोरी ने उन्हें नहीं छोड़ा| वह उन्हें अपने साथ अफगानिस्तान ले गया| जहां उसने उनकी आंखें फोड़ दीं| इसके बाद की घटना तो जग जाहिर है|

मोहम्मद ग़ोरी (Mohammad Gauri)ने मृत्युदंड देने से पूर्व चौहान के शब्दभेदी बाण का कमाल देखना चाहा| इस अवसर का लाभ उठाकर कवि चंदबरदाई ने पृथ्वीराज को संदेश दिया|
चार बांस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमाण।
ता ऊपर सुल्तान है, मत चूको चौहान ॥

पृथ्वीराज चौहान(Prithviraj Chauhan) ने इस बार भूल नहीं की। उन्होंने चंदबरदाई के संकेत से अनुमान लगाकर जो बाण मारा, वह मोहम्मद ग़ोरी के सीने में जा धंसा| इसके बाद चंदबरदाई और पृथ्वीराज ने एक दूसरे के पेट में छुरा भोंककर आत्मबलिदान दे दिया| 1192 ई की यह घटना बसंत पंचमी (Basant Panchami)के दिन ही घटी थी|

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