राष्ट्रभाषा हिंदी को जनजीवन में प्रतिष्ठापित करने को प्रयासरत ललित गर्ग ने पुस्तक भेंट की

राष्ट्रभाषा हिंदी को जनजीवन में प्रतिष्ठापित करने को प्रयासरत ललित गर्ग ने पुस्तक भेंट की

ललित गर्ग ने अपनी कृति ‘जीवन का कल्पवृक्ष’ राज्यपाल को भेंट की

नई दिल्ली_हिंदी भाषा के प्रख्यात लेखक, साहित्यकार, पत्रकार एवं समाजसेवी श्री ललित गर्ग ने राजभवन, जयपुर में महामहिम राज्यपाल श्री कलराज मिश्र को अपनी कृति ‘जीवन का कल्पवृक्ष’ भेंट की। नवभारत टाइम्स के स्पीकिंग ट्री में प्रकाशित लेखों का इस पुस्तक में संकलन किया गया है। श्री मिश्र ने ललित गर्ग के लेखों की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे अपने लेखन के माध्यम से समाज को एक नई दिशा दे रहे हैं।
विदित हो कि श्री गर्ग पिछले तीन दशक से राष्ट्रीय स्तर पर लेखन और पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय सेवाएं प्रदत्त करते रहे हैं। वे अणुव्रत आंदोलन के साथ सक्रिय रूप से जुड़े रहे हैं और अणुव्रत लेखक मंच के राष्ट्रीय संयोजक के साथ-साथ अणुव्रत पत्रिका के संपादक रहे हैं। वे अनेक पत्र-पत्रिकाओं के संपादक एवं पुस्तकों के लेखक हैं। वर्तमान में श्री गर्ग भारत सरकार के गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग के सदस्य, सूर्यनगर एज्यूकेशनल सोसायटी (रजि॰) द्वारा संचालित विद्या भारती स्कूल के कार्यकारी अध्यक्ष एवं सुखी परिवार फाउंडेशन के अध्यक्ष हैं।
सुखी परिवार फाउंडेशन के माध्यम से गुजरात के आदिवासी क्षेत्र में एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय, ब्रह्मसुंदरी कन्या छात्रावास, सुखी परिवार गौशाला आदि संचालित किये जा रहे हैं।
श्री गर्ग राजधानी की विभिन्न सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संस्थाओं के साथ सक्रिय रूप से जुड़े हैं। साहित्य, पत्रकारिता और सामयिक मुद्दों के लेखन कि दृष्टि से इनकी समाज को विशिष्ट सेवाएं प्राप्त हो रही हैं।
श्री गर्ग को राष्ट्रीय अणुव्रत लेखक पुरस्कार, राष्ट्रीय चेतना पुरस्कार, सृजन गौरव पुरस्कार एवं महाप्रज्ञ प्रतिभा पुरस्कार सहित अनेक पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जा चुका है। श्री गर्ग पत्रकारिता के क्षेत्र में नैतिक दर्शन और मूल्यों को प्रतिस्थापित करने की दृष्टि से प्रयासरत हैं और राष्ट्रभाषा हिंदी को जनजीवन में प्रतिष्ठापित करने एवं राजकाज की भाषा के रूप में इसके प्रचलन को बढ़ावा देने के लिए संघर्षरत हैं।

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