Alarm है पैरों में होने वाला पसीना ,खतरनाक बीमारी का यह संकेत

Alarm है पैरों में होने वाला पसीना ,खतरनाक बीमारी का यह संकेत

Health Desk- पैर में आने वाले पसीने से परेशानी (Foot Sweating) तो होती है और बदबू से आसपास के लोगों को भी दिक्कत होती है इसका सही कारण और इलाज न समझ पाने के कारण लोग इसका सही समाधान नही कर पाते हैं |

अक्सर ये लोग समझ नहीं पाते कि आखिर बहुत साफ-सफाई का ध्यान रखने के बाद भी इनके पैरों से बदबू आ क्यों रही है? यहां जाने इस परेशानी की वजह और इसका समाधान...
पैरों से बदबू आने का यह है कारण
पैरों से स्मेल आने की वजह होती है पैरों में पसीने का आना। आप पसीने को पैरों में होनेवाली स्वेटिंग की तरह समझ सकते हैं लेकिन वास्तव में पसीने और पसेब में टेक्निकल डिफरेंस होता है। दरअसल, पसीना हमारे उन बॉडी पार्ट्स (Body Parts)में आता है जहां स्किन में रोम छिद्र या पोर्स होते हैं, स्किन पर बाल होते हैं। लेकिन पसेब हथेली और तलुओं पर ही आता है और यहां की त्वचा पर रोए या महीन बाल नहीं होते हैं।


पसीना नैचरल प्रॉसेस लेकिन...
पसीना आना एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। प्राकृति तौर पर जो पसीना आता है वो हमें रोम छिद्रों से आता है। जब यह नैचरल प्रॉसेस से आता है तो यह सेहत (Health Tips) के लिए अच्छा होता है। यहां नैचरल प्रॉसेस से मतलब उन स्थितियों से है जब आप घबराहट या तनाव में नहीं होते हैं। गर्म मौसम के कारण पसीना आना या एक्सर्साइज के बाद पसीना आना सामान्य होता है।
पसेब है अलार्मिंग साइन
पैर के तलुओं या हथेलियों में पसीने आने की दिक्कत आमतौर पर उन लोगों को होती है जो चिंतालु प्रवृत्ति के होते हैं। वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत के अनुसार, हथेलियों और पैर के तलुओं में पसेब आना इस कई बार बदलते मौसम के कारण होता है तो कई बार यह इस बात का इशारा होता है कि आप किसी तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहे हैं।
मेंटल हेल्थ की सुरक्षा का संदेश
जब लंबे समय तक कोई टेंशन या स्ट्रेस (Stress )हमारे दिमाग पर हावी रहता है तो हमारे शरीर पर इसके कई नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलते हैं। हम वक्त रहते अपने आप को इन परेशानियों से दूर करने के लिए जरूरी प्रयास करें, पैरों और हथेलियों का पसेब मेंटल हेल्थ की दिशा में इस तरह का संदेश देने का काम करता है।


बचाता है ऐंग्जाइटी और डिप्रेशन से(Cures From Anxiety And Depression

क्योंकि यह दिमाग के द्वारा अपनी सेफ्टी के लिए दिया जानेवाला एक तरह का संकेत है कि अगर आपने अभी अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान नहीं दिया तो आप ऐंग्जाइटी और स्ट्रेस की तरफ बढ़ सकते हैं।
इन लोगों में होती है यह समस्या

ये लोग सोचते अधिक हैं लेकिन जितना सोचते हैं उसकी तुलना में परफॉर्म नहीं कर पाते हैं। साथ ही इनके दिमाग में हर समय कोई ना कोई थॉट प्रॉसेस चलता रहता है।
इस तरह चलता है प्रॉसेस
लगातार सोच-विचार में उलझे रहने के कारण ये लोग अपने काम को उतने अच्छे तरीके से अंजाम नहीं दे पाते, जैसा देने की चाहत रखते हैं। इस कारण इन्हें अपनी इच्छा के अनुरूप रिजल्ट भी नहीं मिल पाता। इससे ये और अधिक तनाव में आ जाते हैं। इस दौरान पैर के तलुओं और हथेलियों में पसेब की समस्या बढ़ जाती है। क्योंकि पैर अक्सर शूज में बंद रहते हैं इस कारण पैरों में तेज स्मेल आने लगती है।
एक के बाद एक ऐसे बढ़ती हैं समस्याएं
हर समय चिंता में रहने के कारण हमारे पाचनतंत्र पर बुरा असर पड़ता है। इसका सीधा असर हमारी परफॉर्मेंस पर पड़ता है और फिर वही सर्कल घूमने लगता है कि हम परफॉर्म नहीं कर पाते तो स्ट्रेस बढऩे लगता है।
पैरों की दुर्गंध दूर करने के आसान टिप्स
-पैरों की बदबू से निजात पाने के लिए आप सबसे पहले टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दें।
- एक्सर्साइज या वॉक जरूर करें। इन्हें करने से हमारे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और ब्रेन तक जरूरी मात्रा में ऑक्सीजन पहुंचती है। इससे तनाव कम करने में मदद मिलती है।
- सही डायट यानी डीप फ्राइड चीजों का कम से कम सेवन, मौसमी फलों का उपयोग, सात्विक भोजन खाने और योग या एक्सर्साइज से हमारे ब्रेन को हैपी हॉर्मोन्स प्रड्यूस करने में मदद मिलती है। जब हम खुश रहते हैं तो तनाव कम होता है और ब्रेन ठीक से काम करता है पैरों से बदबू की समस्या दूर हो जाती है।
अगर ना मिले आराम
अगर हेल्दी डायट और फिजिकली ऐक्टिव रहने के बाद भी आपको पैरों की दुर्गंध और हथेलियों में पसेब आनी की समस्या बनी हुई तो ऐसी स्थिति में आप चिकित्सक से परामर्श करें। बहुत कम समय के ट्रीटमेंट से ही आप इस परेशानी से मुक्ति पा सकते हैं और लोगों की घृणा या मजाक का विषय बनने से बच सकते हैं।

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