बच्ची की Skin हो जाती थी पेड़ की छाल जैसी सरकार ने कराया इलाज

बच्ची की Skin हो जाती थी पेड़ की छाल जैसी सरकार ने कराया इलाज

Health Checkup में हुआ था Gene Mutation के कारण बीमारी का खुलासा
Health News - (Dantewada News) जिला के बारसूर कौरगांव के इन्द्रावती नदी के दूसरे छोर पर स्थित बेंगोफेर गांव की 07 वर्षीय राजेश्वरी दुर्लभ बीमारी की चपेट में फंसकर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही थी। जीन म्यूटेशन-त्वचा की खराबी की वजह से उसकी त्वचा पेड़ की छाल जैसी सख्त हो गई थी। मीडिया की खबरों के बाद दुर्लभ बीमारी से ग्रसित राजेश्वरी को इलाज के लिए अंतत: सरकारी मदद मुहैया हो सकी।

स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने राजेश्वरी के संपूर्ण इलाज का आश्वासन दिया था। जिसके बाद शासन-प्रशासन की मदद से उसे उपचार के लिए रायपुर अंबेडकर हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की टीम की देखरेख में बच्ची का इलाज किया गया। इलाज से त्वचा की बीमारी लगभग 80 प्रतिशत ठीक हो गई है। डॉक्टरों का कहना है कि समय-समय पर चेकअप (Health Checkup)इसकी देखभाल की जरूरत है।

अंबेडकर हॉस्पिटल से बच्ची को डिस्चार्ज कर दंतेवाड़ा भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि 01 महीने पहले जिला प्रशासन ने कौरगांव में मेगा मेडिकल कैम्प लगाया था, जहां राजेश्वरी इलाज की उम्मीद से शिविर पर पहुंची थी, लेकिन बच्ची के इलाज के लिए कोई पहल नहीं की गई थी। मीडिया के द्वारा लाइलाज बीमारी से ग्रस्त बच्ची के समाचार के प्रकाशन के बाद शासन-प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्री के पहल पर बच्ची के इलाज के लिए किए जा रहे प्रयास से राहत मिली है। बताया जा रहा है कि भारत में इसके बहुत ही कम मरीज मिलते है।

बच्ची के Gene Mutation Cure ठीक होने से राजेश्वरी के बेहद गरीब माता-पिता खुश हंै। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री शासन-प्रशासन व डॉक्टरों को धन्यवाद किया और कहां की हम लोग बेहद गरीब परिवार से हैं। अगर शासन-प्रशासन हमारा सहयोग नहीं करता तो हम बच्ची का इलाज कराने में असमर्थ थे। परंतु शासन प्रशासन के सहयोग से हमारी बच्ची का इलाज हो पाया है। अब हमारी बच्ची बिल्कुल स्वस्थ है और घर वापस लौट रही है। बच्ची राजेश्वरी के पहले और वर्तमान की स्थिति को देखने से यह कहा जा सकता है कि बच्ची की तकलीफ बहुत हद तक कम हो गई है।
News Source Agency

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