Mahashivratri 2020-रहष्य छुपा है इन 4 दुर्लभ मंत्रो में

Mahashivratri 2020-रहष्य छुपा है इन 4 दुर्लभ मंत्रो में

Mahashivratri 2020- भगवान् शिव के 4 मन्त्रों के जाप से पूरी होगी सारी मनोकामना
Jyotish Desk - महाशिवरात्रि 2020 (Mahashivratri 2020) कई मायने में बहुत ही महत्वपूर्ण है इसी दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी होता है और माना जाता है की इस दिन जो भी मनकामना होती है उसे पूरा किया जा सकता है |


ज्योतिष पंडित दयानंद शास्त्री द्वारा बताया गया है कि 21 फरवरी को जो योग बन रहे हैं वह 1903 के बाद बने हैं और यह काफी दुर्लभ संजोग है |


उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि इस महा शिवरात्रि (Shivratri) शनि अपनी स्वयं की राशि मकर में और शुक्र ग्रह(Saturn Venus Effect) अपनी उच्च राशि मीन में रहेगा। ये एक दुर्लभ योग है, जब ये दोनों बड़े ग्रह शिवरात्रि पर इस स्थिति में रहेंगे। 2020 से पहले 25 फरवरी 1903 को ठीक ऐसा ही योग बना था और महाशिवरात्रि मनाई गई थी।

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इस बार 21 फरवरी 2020 ( शुक्रवार ) को श्रवण नक्षत्र में होने वाली महाशिवरात्रि बेहद उत्तम है। यह शिवरात्रि अत्यंत फलदायक एवं शुभकारी रहेगी।


पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि महाशिवरात्रि (MaHASHIVRATRI 2020)पर त्रियोदशी का जलाभिषेक 20 फरवरी 2020 को रात्रि 8.10 बजे से शुरू होकर शाम 5.21 तक चलेगा।

इसके बाद शाम 5.21 से चतुर्दशी का जलाभिषेक शुरू हो जाएगा, जो 22 फरवरी 2020 की शाम 7.02 बजे तक चलेगा। उन्होंने बताया कि शिवरात्रि पर व्रत करने से दैहिक, दैविक एवं भौतिक तापों से मुक्ति प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि ऐसा संयोग 59 वर्षों बाद बन रहा है। इस बार ग्रहों का संयोग अद्वितीय है। अब आगे कई वर्षों तक ऐसा संयोग देखने को नहीं मिलेगा।

  • शिवरात्रि(Mahashivratri 2020) को रात्रि के चारों पहरों में पृथक पूजन का भी विशेष विधान है:
  • प्रथम पहर में दूध से स्नान तथा ‘ॐ ह्रीं ईशानाय नम:’ का जाप करें।
  • द्वितीय पहर में दधि स्नान करके ‘ॐ ह्रीं अघोराय नम:’ का जाप करें।
  • तृतीय पहर में घृत स्नान एवं मंत्र ‘ॐ ह्रीं वामदेवाय नम:’ का जाप करें।
  • चतुर्थ पहर में मधु स्नान एवं ‘ॐ ह्रीं सद्योजाताय नम:’ मंत्र का जाप करें।

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