बाराबंकी में 15 लाख से अधिक सरकारी धन का बंदरबांट ,सीडीओ पर भारी पड़ा बीडीओ

बाराबंकी में 15 लाख से अधिक सरकारी धन का बंदरबांट ,सीडीओ पर भारी पड़ा बीडीओ

मामले की शिकायत हुई मुख्यमंत्री से

Barabanki News (State News) -उत्तर प्रदेश में सरकारी तंत्र का बोलबाला है. अधिकारी भ्रष्टाचार में इस कदर लिप्त हैं कि मुख्यमंत्री की चेतावनी व कार्रवाई भी उन्हें सुनाई - दिखाई नहीं देती. ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक के अधिकारियों ने करीब 15 लाख रुपये से

अधिक सरकारी धन का न सिर्फ दुरुपयोग किया बल्कि आला अफसरों के आँख में भी धूल झोंकी गयी.

वाकया बाराबंकी जिले के सूरतगंज ब्लॉक की ग्राम पंचायत चन्दूरा का है. गांव की प्रधान प्रेमा मौर्य व प्रधान प्रतिनिधि बाबू राम मौर्य ने निहित स्वार्थ के तहत गांव निवासी सुरेश जयसवाल के घर से शिवनाथ मौर्य के घर तक बनी करीब चार सौ मीटर ऐसी आरसीसी सड़क पर इंटरलॉकिंग रोड का प्रस्ताव बना दिया जो बिल्कुल सही थी. इतना ही नहीं, ग्राम सचिव अनुज श्रीवास्तव, जूनियर इंजीनियर सचिन यादव व टी.ए. ने बिना स्थलीय निरीक्षण किये उक्त सड़क पर इंटरलॉकिंग का इस्टीमेट भी बना दिया

. ग्राम प्रधान, सचिव व जेई की साठगांठ से इस आरसीसी रोड पर इंटरलाकिंग का काम शुरू होते ही गांव निवासी आशीष दीक्षित, जीतू अवस्थी, मूल चंद्र मिश्र, ब्रजेश कुमार व दीपक कुमार आदि ने 17 फ़रवरी 2020 को मुख्य विकास अधिकारी मेघा रूपम से मिलकर सात शपथ पत्रों सहित मामले की लिखित शिकायत की. सीडीओ ने तुरंत कार्य रुकवाने व तीन सदस्यीय टीम गठित कर जाँच के आदेश भी दे दिये.

जाँच समिति में बीडीओ,एडीओ पंचायत व जेई शामिल थे. इन्हीं तीनों अधिकारियों की मिलीभगत से करीब 10 लाख रुपये के सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा था इसीलिए बीडीओ विजय यादव ने सीडीओ के आदेश पर तत्काल कार्य रुकवा कर जाँच करने के बजाय आरसीसी सड़क पर इंटरलाकिंग रोड बन जाने तक कोई कार्रवाई नहीं की. ज़ब आरसीसी सड़क पर इंटरलाकिंग का काम पूरा हो गया तब कार्रवाई की औपचरिकता पूरी करने के लिए ग्राम सचिव ने थाना मोहम्मदपुर खाला में प्रार्थना पत्र दिलवाकर चन्दूरा ग्राम पंचायत में हो रहे इंटरलाकिंग सड़क निर्माण कार्य को रुकवाने की शिकायत की.

ग्राम निवासी आशीष दीक्षित का कहना है कि बीडीओ विजय यादव ने तब तक किसी शिकायतकर्ता का फोन नहीं उठाया ज़ब तक आर सीसी रोड पर इंटरलाकिंग का काम पूरा नहीं हो गया. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मामले की शिकायत कर उच्चस्तरीय जाँच कराकर दोषी अधिकारियों व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवा कर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गयी है.

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