News Desk -1899 में कोलकाता में फैली महामारी (Pandemic) के समय स्वामी विवेकानंद(Swami Vivekanand) ने पीड़ितों की सेवा के लिए रामकृष्ण मठ समिति बनाई थी। समिति ने विवेकानंद के दिशा निर्देशों का घोषणा पत्र भी जारी किया था। जिसमें पीड़ित और निराश लोगों को मनोवैज्ञानिक और भावात्मक सहारा देते हुए निराश लोगों में उम्मीद जगाई थी। स्वामी विवेकानंद का 1899 में प्लेग महामारी के वक्त कोलकाता वासियों को किया गया संबोधन आज भी लगभग सवा सौ साल बाद भी कोरोना महामारी के समय प्रासंगिक है। कोलकाता वासियों के लिए हुआ घोषणा पत्र के सात पॉइंट निम्न है-
1- हमारी आप से विनम्र प्रार्थना है कि बीमारी के चलते घबराहट का माहौल बनाने की जरूरत नहीं है ईश्वर का ध्यान करते हुए शांतचित्त से समाधान ढूंढने की कोशिश करें अगर ऐसा मुमकिन ना हो, तो जो ऐसा कर रहे हैं, उनके प्रयासों को मजबूत करें।
2- जिस गंभीर बीमारी के चलते उच्च- निम्न, अमीर-गरीब सभी घबराए घूम रहे हैं यह अगर ज्यादा फैलती है तो आपकी सेवा देखभाल करते हुए अगर हम समाप्त हो जाएं, तो भी हम खुद को खुशनसीब मानेंगे क्योंकि आप सभी ईश्वर की अभिव्यक्ति हैं।
4-चलिए हम इस व्यर्थ के डर को मिटा दें। ईश्वर पर पूरा भरोसा रखते हुए कुछ कर गुजरने के लिए अपनी कमर कस लें। हम सब शुद्ध और पवित्र जीवन जिए। ईश्वर के आशीर्वाद से यह बीमारी, महामारी का भय या सब कुछ हवा हो जाएगा।
5-अपने घर और उसके आसपास के क्षेत्रों को, कमरे, कपड़े, बिस्तर, नालियां इत्यादि को हमेशा साफ रखें। बासी भोजन बिल्कुल ना करें ताजा और पोषण युक्त आहार लें ध्यान रखिए एक कमजोरी शरीर बीमारियों को आमंत्रित करता है। खुश रहें हर किसी को एक बार ही मरना है लेकिन जो डरपोक हैं वह भय के कारण बार-बार मरते हैं। डर का सामना उन्हें करना पड़ता है जो अनैतिक ढंग से या दूसरों को सता कर अपनी आजीविका चलाते हैं। इसलिए इस वक्त जबकि मौत हमारे चारों तरफ और तांडव कर रही है, ऐसे किसी भी व्यवहार से बचें। महामारी के इस समय में क्रोध, लोभ एवं अन्य दुर्व्यसनों से बचें।
अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान ना दें हमारे अस्पताल में संक्रमित रोगियों के उपचार में कोई असर नहीं छोड़ी जाएगी। ऐसा करते समय धर्म जाति और महिलाओं के सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा। जो समृद्ध है, उन्हें इधर-उधर भागने दीजिए लेकिन हम गरीब हैं और एक गरीब के दिल की व्यथा हम बखूबी समझते हैं। इस ब्रह्मांड की जननी अभावग्रस्तों का पूरा ख्याल रखती है यही जननी हमें आश्वासन देती है कि डरना नहीं! डरना नहीं! ।
6-अगर आप खुश होते हैं तो हम खुश होते हैं और हमें कष्ट होता है, जब आप दुखों का सामना कर रहे होते हैं इसलिए घोर आपदा के इन पलों में आप के कल्याण के लिए और बीमारी से व महामारी के भय से आप को बचाने के लिए हम निरंतर प्रार्थना में लगे हैं।
7- भाई, अगर आपकी मदद करने वाला कोई ना हो तो तुरंत बेल्लूर मठ में श्री भगवान राम कृष्ण के सेवकों को इसकी सूचना भेजे, जो मदद बन पड़ेगी वह की जाएगी। जगतजननी के आशीर्वाद से आर्थिक मदद भी की जाएगी। महामारी के भय को दूर करने के लिए आपको हर शाम और हर जगह ईश्वर का नाम जपना चाहिए
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