मोदी जी ने तीसरा प्रयोग (रोशनी हेतु) करने हेतु तारीख 5 अप्रेल 2020, रविवार ही क्यों चुनी

मोदी जी ने तीसरा प्रयोग (रोशनी हेतु) करने हेतु तारीख 5 अप्रेल 2020, रविवार ही क्यों चुनी

Jyotish -मोदी जी ने तीसरा प्रयोग (रोशनी हेतु) करने हेतु तारीख 5 अप्रेल 2020, रविवार ही क्यों चुनी

मोदी जी का आज वाला भाषण जो उन्होंने आज दिया।शुक्रवार, 03 अप्रेल 2020 को।

इसमे उन्होंने 05 अप्रैल को रात्रि 9 बजे, 9 मिनट तक दीपक जलाने वाला भाषण...

उन्होंने तारीख 05 एवम वार'रविवार' ही क्यों चुना??
9 बजे का वक्त ही क्यों चुना ???
9 मिनट का समय ही क्यों चुना ??

जब पूरा लॉकडाउन ही है तो शनिवार, शुक्रवार या सोमवार कोई भी चुनते क्या फर्क पड़ता??

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया कि जिनको अंकशास्त्र की थोड़ी भी जानकारी होगी, उनको पता होगा कि 05_अंक_बुध का होता है.. यह बीमारी_गले_फेफड़े में ही ज्यादा फैलती है, मुख गले फेफड़े का कारक भी बुध ही होता है..
बुध नपुंसक राजकुमार भी है।

रविवार सूर्य का होता है। सूर्य ठहरे #राजा_साहब।
दीपक या प्रकाश भी सूर्य का ही प्रतीक है

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी बताते हैं कि 09 अंक होता है मंगल.. सेनापति का..
रात या अंधकार होता है शनि का...

अब रविवार 5 अप्रैल को, जोकि पूर्णिमा के नजदीक है, मतलब चन्द्र यानी रानी भी मजबूत...

सभी प्रकाश बंद करके, रात के 9 बजे, 9 मिनट तक टॉर्च दीपक फ़्लैश लाइट आदि से प्रकाश करना है।

उस समय चौघड़िया अमृतकी रहेगी, होरा भी उस वक्त सूर्य का होगा.... शनि के काल में सूर्य को जगाने के प्रयास के तौर पर देखा जा सकता है.. 9-9 करके सूर्य के साथ मंगल को भी जागृत करने का प्रयास

पण्डित दयानन्द शास्त्री जी के अनुसार इस सब स्थिति का अर्थ यह हुआ कि शनि राहु रूपी अंधकार (महामारी) को उसी के शासनकाल में में बुध सूर्य चन्द्र और मंगल मिलकर हराने का संकल्प लेंगे।

जब किसी भी राज्य के राजा रानी राजकुमार व सेनापति सुरक्षित व सशक्त हैं, तो राज्य का कौन अनिष्ट कर सकता है भला??

एक ज्योतिषी होने में सबसे बड़ी समस्या ये है कि हमको हर बात का ज्योतिषीय कनेक्शन बनाने में दिलचस्पी हो जाती है, यह गुण कम दोष अधिक है... कनेक्शन न हो तो भी हम जोड़ गांठ के बना ही देते हैं।
कहीं ना कहीं से सम्बंध स्थापित कर ही देते हैं।

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