क्या है कानून -सुप्रीम कोर्ट में कोई भी किसी भी निर्णय को दे सकता है चुनौती

क्या है कानून -सुप्रीम कोर्ट में कोई भी किसी भी निर्णय को दे सकता है चुनौती

Desk -कई बार कई ऐसे मामलों में कोर्ट द्वारा ऐसे मामलों में निर्णय दिया जाता है जिससे कई लोग प्रभावित होते हैं लेकिन जानकर भी उस मामलेमें पक्षकार न होते हुए कुछ भी नही कर सकते । लेकिन सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में अधिवक्ता अशोक पांडेय ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को कोई भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकता है ।

उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा है कि
कल हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता ने पूंछा कि क्या वादी के अलावा भी कोई उसके मुकदमे में हाईकोर्ट द्वारा पारित आदेश को सुप्रीमकोर्ट में चुनौती दे सकता है? मैंने कहा कि हां, सुप्रीम में कोई भी व्यक्ति किसी के भी मुकदमे में हाईकोर्ट के द्वारा पारित किसी भी आदेश को चुनौती दे सकता है, सिर्फ उसे Special Leave Petition के साथ application for permission to file SLP लगाना पड़ता है जिसमें यह लिखा जाता है कि मैं क्यों दूसरे के मामले में पारित आदेशों को चुनौती दे रहा हूं। अगर न्यायालय आपके तर्क से सहमत होगा तो वह उस application को allow करेगा और मुकदमे को गुण दोष के आधार पर सुनेगा और यथोचित आदेश पारित करेगा।
यह इस लिए लिख दिया ताकि अगर आपको भी लगता है कि किसी अपराधी को गलत जमानत मिल गई है या उसे बरी कर दिया गया है या किसी अन्य मामले में हाईकोर्ट ने गलत आदेश पारित किया है तो आप उसे चुनौती दे सकें।
जय हिन्द

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