अब भूल कर भी नहीं कोई फँसायेगा झूठे मुकदमे में ,बस आपको करना है यह काम

अब भूल कर भी नहीं कोई फँसायेगा झूठे मुकदमे में ,बस आपको करना है यह काम

भूल जाएंगे लोग झूठे मुकदमे में लोगों को फंसाना ,अगर आपने कर दिया यह काम

law News Desk - पुलिस उत्पीड़न करती क्यों है इसका जवाब यह है कि क्योंकि आप उत्पीड़न को सहते हैं । पुलिस सही व्यक्ति की मदद करने के बजाय के बार ऐसे लोगों का साथ देती है जो या तो अपराधी प्रवृत्ति के होते हैं या फिर अपराध करने के दौरान पुलिस को एक मोहरे मात्र के रूप में इस्तेमाल करते हैं और अपने विरोधियों को पुलिस के साथ मिलकर फर्जी मुकदमे में फंसा देते हैं ऐसे में अब तो यह भी देखा जा रहा है कि बड़े अधिकारी भी उत्पीड़न करने लगते हैं और कानून का मखौल उड़ाने लगते हैं अब ऐसे में जरूरी यह हो जाता है ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए जिससे कानून का राज स्थापित हो और लोगों के समझ में यह है कि कानून लोगों की सुरक्षा और रक्षा के लिए परेशान करने के लिए।

अब सवाल ये उठता है कि अगर किसी व्यक्ति ने झूठे आरोप लगाते हुए अपने विपक्षी के विरुद्ध शिकायत की है या झूठा केस दर्ज कराया है जिसकी पुलिस विवेचना कर रही है ऐसे लोगों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होनी चाहिए अब इसमें बताना यह है कि जो भी आरोप लगे हैं उसका बिंदुवार जवाब देना चाहिए और उसमें पुलिस से यह मांग की जानी चाहिए कि मुकदमे को खारिज करते हुए झूठा मुकदमा कराने वाले वादी के विरुद्ध मुकदमा कायम कराया जाए .

अब ऐसे में आरोपी की जिम्मेदारी बनती है कि एक तो वह कानून का पालन करते हुए सारे आरोपों का जवाब दें जिसमें उसके पास जो भी तथ्य हैं जिससे वह यह साबित कर सके कि वह सही है और जो आरोप लगाए गए हैं वह पूरी तरीके से गलत है ऐसा बयान दिए जाने चाहिए साथ ही एक और अलग से एप्लीकेशन लेते हुए झूठा मुकदमा कराने वाले व्यक्ति के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने के लिए एप्लीकेशन दिया जाना चाहिए यह मांग की जानी चाहिए की झूठा मुकदमा कायम करने वाले व्यक्ति के विरुद्ध धारा 182 और धारा 211 आईपीसी के अंतर्गत कारवाई की जाए क्योंकि जब तक आप अपनी एप्लीकेशन नहीं देते हैं प्रार्थी नहीं बनते हैं तब तक आप की बात सुनने का अधिकार पुलिस को नहीं है .

ज्यादा ज्यादा जो आपने सफाई पेश की है उस मुकदमे से आप बड़ी हो सकते हैं लेकिन झूठा मुकदमा कराने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कराने के लिए आपको खुद अलग से एक एप्लीकेशन देनी होगी तभी आपको एक तरफ से भी मिलेगा दूसरा झूठा मुकदमा कराने वाले के विरुद्ध कार्यवाही भी होगी।
ऐसे में अगर आपको पुलिस से उम्मीद नहीं दिख रही है तो वहां एप्लीकेशन देने के बाद आप संबंधित कोर्ट में धारा 156 3 सीआरपीसी के तहत प्रार्थना पत्र देकर झूठा मुकदमा कराने वाले व्यक्ति के विरुद्ध भी उल्टा मुकदमा करा सकते हैं जिसकी विवेचना पुलिस द्वारा की जाएगी।

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