सह सरकार्यवाह आलोक कुमार ने किया अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का शुभारम्भ
Sah Sarkaryavah Alok Kumar inaugurated Ahilyabai Holkar tricentenary celebrations
Nov 25, 2024, 07:21 IST
लखनऊ(अम्बरीष कुमार सक्सेना) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्रीमान आलोक कुमार ने रविवार को सीएमएस विद्यालय गोमतीनगर में दीप प्रज्ज्वलित कर लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह का उदघाटन किया। इस अवसर पर सह सरकार्यवाह श्रीमान आलोक कुमार,लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज श्रीमान उदय राजे होलकर व डा. माला ठाकुर ने अहिल्याबाई होलकर के जीवन पर लगी प्रदर्शनी का भी उदघाटन किया। कार्यक्रम में मंचासीन अतिथियों ने समरसता पाथेय और अहिल्याबाई होलकर पुस्तक का भी विमोचन किया। अहिल्याबाई होल्कर पुस्तक गरिमा मिश्रा ने लिखी है।
समरसता पाथेय का संपादन अहिल्याबाई होल्कर
त्रिशताब्दी समारोह समिति के सदस्य बृजनंदन राजू ने किया है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सर कार्यवाह आलोक कुमार जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई का जीवन सबके लिए प्रेरणादाई है। उनका पराक्रम अद्भुत था। वह कुशल रणनीतिकार, पराक्रमशीलता व युद्ध कला में प्रवीण थी। सह सरकार्यवाह ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर सती प्रथा की विरोधी थी। वह त्याग की प्रतिमूर्ति थी। उन्होंने साड़ी का उद्योग महेश्वर में शुरू कराया। युद्ध में जो सैनिक बलिदान हो जाते थे उनकी विधवा महिलाओं के लिए रोजगार का सृजन किया। उन्होंने सिंचाई के संसाधन विकसित किया और उपज बढ़ाने के लिए काम किया। अहिल्याबाई होल्कर ने राजस्थान से पत्थर काटकर मंदिर बनाने वालों को लाकर बसाया और उनको भूमि दी। उनका चरित्र विशिष्ट था और दूरदर्शी सोच वाली महिला थी।
उस समय युद्ध के दौरान बलिदान हो जाने वाले सैनिक के आश्रितों को एक मुफ्त राशि देने और पेंशन की योजना शुरू की पेंशन देने की योजना शुरू की । आलोक कुमार ने कहा कि जिस समय पश्चिम सोच भी नहीं सकता था उस समय भारत में अहिल्याबाई लक्ष्मीबाई और दुर्गावती जैसी महान वीरांगनाएं थी।
सामाजिक समरसता का श्रेष्ठ उदाहरण अहिल्याबाई होल्कर का जीवन लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति की राष्ट्रीय सचिव डा. माला ठाकुर ने कहा आज जब समाज को कुछ लोग जाति, भाषा और क्षेत्र के आधार पर बाटने का काम कर रहे है वहीं उस काल खंड में लोकमाता अहिल्याबाई न सिर्फ समाज की दशा और दिशा निर्धारण का काम कर रही थी
बल्कि वह सामाजिक समर्थन का उदाहरण भी प्रस्तुत कर रही थी। लोक माता जब भोजन करती थी तो वह समाज के सभी वर्ग के लोगों के साथ बैठकर एक साथ एक पंक्ति में भोजन करती थी। उनके समय किसी के साथ कभी जाती के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ। इससे बड़ा सामाजिक समरसता का कोई उदहारण नहीं मिलता। आज यह भारत जागरण का समय है, जहां हमें कुरीतियों से बाहर निकलकर सामाजिक समरसता के माध्यम से एक और संगठित होना है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूज्य लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज श्री उदय राजे होलकर ने कहा कि उनके जीवन मे समरसता का भाव था। अहिल्याबाई ने महेश्वर राज्य की सीमा को लाघते हुए पूरे देश मे उन्होने काम किया। समिति के माध्यम से अहिल्याबाई के जीवन को जन—जन तक पहुंचाने का महान कार्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कर रहा है।
लोकमाता अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह समिति अवध प्रान्त के संरक्षक व बावन मंदिर अयोध्या के महंत श्री बैदेही बल्लभ शरण महाराज ने कहा कि
समिति अवध प्रान्त के सभी जिलों में वर्षभर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। उन्होंने बताया कि साधु संतों व धर्माचार्यों के बीच अयोध्या व नैमिषारण्य में बड़े कार्यक्रमों की योजना बनी है। इसके अलावा घाटों की सफाई,सेवा बस्ती में कार्यक्रम, किसानों के बीच कार्यक्रम, प्रबुद्ध नागरिक संगोष्ठी व विश्वविद्यालयों में संगोष्ठी होगी। इसके अलावा महिलाओं व युवाओं को केन्द्रित कर कार्यक्रम किये जायेंगे।
अहिल्याबाई की वेशभाषा में बहनों ने की सहभागिता उदघाटन समारोह में लोकमाता अहिल्याबाई की वेषभूषा धारण कर,वीरोचित भाव में धवल वस्त्र धारण कर हाथ में शिवलिंग,माथे पर त्रिपुंड व सिर पर साफा बांधे बहनें आकर्षण का केन्द्र रहीं। कार्यक्रम में 300 से अधिक बहनें अहिल्याबाई की वेषभूषा में थी। इनके बैठने के लिए मंच के सामने स्थान दिया गया था। इन सभी बहनों का स्वागत समिति की ओर किया गया।
कार्यक्रम में अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित एक लघु फिल्म भी दिखाई गयी। इसके अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य नाटिका की प्रस्तुति व युद्ध कौशल का प्रदर्शन बहनों ने किया। लखनऊ शहर के कई स्कूलों में अहिल्याबाई होलकर रूप सज्जा प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। इस कार्यक्रम में प्रतियोगिता के विजेता बालिका को सम्मानित किया गया।
प्रदर्शनी व रंगोली रही आकर्षण का केन्द्र कार्यक्रम स्थल पर प्रवेश द्वार से लेकर अंदर तक विशेष ढ़ंग से फूल पत्तियों व रंगोली के माध्यम से सजाया गया था। वहीं अहिल्याबाई होलकर के जीवन के विविध पहलुओं को उजागर करती प्रदर्शनी भी लगायी गयी थी। महिला सैनिकों का समरांगण में हौंसला बढ़ाती अहिल्याबाई होलकर की प्रदर्शनी आकर्षण का केन्द्र रहीं।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पूर्वी उत्तर प्रदेश के क्षेत्र प्रचारक श्रीमान अनिल जी, अवध प्रान्त के प्रान्त प्रचारक कौशल जी, वरिष्ठ प्रचारक वीरेन्द्र सह क्षेत्र प्रचारक प्रमुख मनोज कांत जी धवेन्द्र सिह,राम जी भाई, संघ के प्रान्त प्रचार
प्रमुख डा. अशोक दुबे,अहिल्याबाई होलकर त्रिशताब्दी समारोह के प्रान्त संयोजक राजकिशोर जी,सह संयोजक डा.बिपिन द्विवेदी, विश्व संवाद केंद्र के प्रमुख डॉक्टर उमेश,भारत सिंह,विभाग प्रचारक अनिल जी,राष्ट्र सेविका समिति की प्रान्त कार्यवाहिका यशोधरा दीदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। इसके अलावा पार्किंग व्यवस्था से लेकर,स्वच्छता, स्वागत,जलपान वितरण,आपूर्ति व प्रदर्शनी समेत दर्जनभर व्यवस्थाओं में 500 से अधिक कार्यकर्ता जुटे रहे। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्र सेविका समिति की प्रात कार्यवाहिका यशोधर वह आभार प्रशांत भाटिया ने व्यक्त किया ।