घायल तेंदुआ को इलाज के लिए इटावा सफारी भेजा गया
एनजीओ के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार को परीक्षितगढ़ के एक गांव में गन्ने के खेत में तेंदुए को पड़े देख दहशत का माहौल बन गया।
वन विभाग के अधिकारियों ने तेंदुए की जांच के दौरान उसके शरीर पर कई गंभीर चोटें पाईं। तेंदुआ अपने पिछले पैरों को नहीं हिला पा रहा था।
कानपुर चिड़ियाघर के डॉ आर.के. सिंह ने तेंदुआ की जांच की और चिकित्सा परीक्षण के लिए वन प्रभाग मुख्यालय में स्थानांतरित कर दिया।
तेंदुए की चोटों से पता चलता है कि उस पर किसी इंसान ने हमला किया था।
मुख्य वन संरक्षक (मेरठ), एन.के. जानू ने आगे के इलाज और देखभाल के लिए तेंदुए को इटावा सफारी में स्थानांतरित करने का फैसला किया।
वाइल्डलाइफ एसओएस, एक वन्यजीव संरक्षण एनजीओ, ने एक विशेष मोबाइल पशु चिकित्सा इकाई में तेंदुए को मेरठ से इटावा सफारी में स्थानांतरित करने में वन विभाग की सहायता की।
जानू ने कहा कि हमें खुशी है कि तेंदुआ सुरक्षित है और इटावा में उसका इलाज चल रहा है।
कानपुर प्राणी उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ. आर.के. सिंह ने कहा कि तेंदुआ एक नर है, जिसकी उम्र 8 साल होने का अनुमान है। इसकी गर्दन, कान और कंधे में चोटें आई हैं और यह अंगों को हिलाने में असमर्थ है।
--आईएएनएस
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